एक तरफ गुजरात के मोरबी में पुल हादसा हुआ, PM मोदी पहुंचे तो अधिकारियों ने जिस कंपनी को ठेका मिला था उसका नाम कपड़े से ढक दिया. इधर एक अपने योगी बाबा हैं, DSP यानि डिप्टी एसपी साहब ने रिश्वत ली तो ऐसी सज़ा सुनाई की सात जन्म याद रखेंगे. थाने से लेकर कचहरी तक दबे हाथ पैसा लेने वालों ये रिपोर्ट सुन लेना. पकड़े गए तो तुम्हारा क्या होगा ? लेखपाल बिना पैसा लिए काम नहीं करता, तहसीलदार को टेबल के नीचे से चाहिए, पुलिस तो अंधेरे में हिसाब करती है, जितने पेज का मुकदमा उतनी बड़ी गड्डी का इंतजाम करना होता है,तो बड़े अधिकारियों का खेल बोरी के हिसाब से होता है, जैसा काम वैसे ही बैग भर भरकर रुपया. लेकिन ये रूकना चाहिए और रोकने की शुरूआत कर चुके हैं योगी आदित्यनाथ.. अब सवाल उठता है कि योगी इतने नाराज़ क्यों हुआ हुए और डिप्टी एसपी ने ऐसा क्या किया था कि सिपाही बना दिया. पूरी बात सुनकर आप योगी को तीन बार सलाम करेंगे.

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर योगी हमेशा सचेत रहते हैं, पर डिप्टी एसपी विद्याकिशोर शर्मा ने रामपुर में नियुक्ति के दौरान सीओ सिटी के पद पर रहते हुए एक घिनौना काम कर दिया था. दरअसल रेप पीड़िता महिला ने तहरीर दी लेकिन आरोप है कि डिप्टी एसपी ने आरोपी विनोद यादव से पांच लाख रूपए की रिश्वत ली और मामला रफा दफा कर डाला था. साल 2021 में डिप्टी एसपी ने ये कहते हुए पैसा लिया था कि ये ऊपर तक जाएगा तभी हम बचा पाएंगे, विनोद यादव के साथ रामपुर थाना गंज के इंस्पेक्टर रामवीर सिंह यादव भी रेप के आरोपी थे, जिनके नाम भी FIR हुई थी, उन्हीं की मदद से विनोद यादव ने DSP को पांच लिख दिए थे…उस वक्त रामपुर के एसपी सगुन गौतम थे. उन्हीं दिनों योगी आदित्यनाथ का रामपुर में दौरा था, पीड़िता महिला ने ये धमकी दी थी वो योगी के कार्यक्रम में आत्मदाह कर लेगी, मामले ने तूल पकड़ा तो आरोपी विनोद यादव पर कार्रवाई तेज़ हो गई, पर डिप्टी एसपी को पांच लाख की रिश्वत देते वक्त आरोपी विनोद यादव ने वीडियो बना लिया, जिसको देखते हुए तात्कालीन एसपी सगुन गौतम और तात्कालीन रामपुर सिटी सीओ विद्याकिशोर शर्मा पर जांच बैठ गई. रिश्वत वाला वीडियो हम आपको दिखाते हैं. फिर आप तय करिए योगी का ये एक्शन कैसा है? विनोद यादव जेल जाने के बाद जमानत है पर लेकिन डिप्टी एसपी सीधे सिपाही रैंक पर आ गए. इसे कहते हैं बुल़डोजर का न्याय.. अब हम आपको समझाते है योगी ने किस नियम का इस्तेमाल किया

ये आरोपी का वीडियो है, जिसमें वो थैले में पैसा देता है, जिसका वीडियो भी बनाता है, और यही तीसरी आंख डीएसपी के अंत की कहानी लिखता है. इसे कहते हैं वक्त, कलयुग में भी कुछ लोग होते हैं जो बर्दाश्त नहीं करते हैं, योगी के फैसले के बाद डिप्टी एसपी से सिपाही बने विद्या किशोर शर्मा एसपी डीएसपी को सलामी देंगे और साहब की सब्जी लाया करेंगे. जिस महिला को न्याय मिला वो योगी को अपना सबसे बड़ा भगवान मानने लगी है, लेकिन नियम क्या कहता है कैसे योगी ने एक डिप्टी एसपी को सिपाही बना दिया. हम वो भी समझाते हैं.
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम,1988 (Prevention Of Corruption Act,1988) की धारा 7 के तहत कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अगर रिश्वत लेता है, पद का दुरुपयोग करते हुए कोई भी लाभ लेता है तो ये दंडनीय अपराध है. इसके तहत उसे 5 साल कैद और जुर्माना भरना पड़ सकता है, अब तक यही नियम लागू होता था, अधिकारियों को जांच के बाद जेल भेज दिया जाता था, लेकिन यूपी में योगी सरकार डिमोशन वाला नियम लागू कर रही है.जनवरी 2021 में सीएम योगी ने गलत तरीके से प्रमोशन पाने वाले चार अधिकारियों का डिमोशन किया था. सूचना विभाग में तैनात अपर जिला सूचना पदाधिकारियों को चपरासी, चौकीदार, ऑपरेटर, सहायक बनाया था. एसडीएम का डिमोशन कर तहसीलदार भी बनाया था. सीएम ने अपने ताकत का प्रयोग करते हुए ये फैसला लिया है. इसी के तहत रेप के केस में पांच लाख की रिश्वत लेने वाले डिप्टी एसपी का प्रमोशन कैंसिल कर उन्हें वापस अपने पद पर भेज दिया है, जिसकी खुलकर तारीफ होनी चाहिए.
कहते हैं आप बस अपना काम करिए, टेस्ला के मालिक जो दुनिया के सबसे अमीर इंसान हैं कहते हैं एक बिज़नमैन को अपने प्रोडक्ट को इतना अच्छा बनाना चाहिए कि जनता भरोसा करें, ठीक वैसे ही एक नेता होता है, कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए जहां ये संदेश जाएं कि कोई भी बचेगा नहीं .अब हम आपसे एक सवाल पूछते हैं, क्या आपके ज़िले में भी कोई बेईमान है, जिसकी शिकायत योगी से करना चाहते हैं? तो कमेंट में लिखिए