कहते हैं चार दिन बाज के ना उड़ने से, आसमान कबूतरों का नही हो जाता साहब! बाबर आज़म पाकिस्तान के महान खिलाड़ी हैं, पर पाकिस्तान ने विराट से बड़ा बताकर क्या अपने ही पैर में कुल्हाड़ी मार ली? जिस खिलाड़ी को रन मशीन कहा जाता है? उस खिलाड़ी से आगे बाबर को खड़ा कर आज पाकिस्तान ही क्यों पछता रहा है? हम आपको पहले बाबर का बयान सुनवाते हैं फिर आपको आंकड़े दिखाते हैं, और आप खुद तय करिए कि बाबर विराट के कितने करीब हैं.

मैं विराट कोहली को अपना आदर्श मानता हूं, उनके जैसा ही क्रिकेटर बनने की कोशिश करता हूं
बाबर आजम, कप्तान, पाकिस्तान टीम
इस बयान के बाद से ही बाबर और विराट की तुलना होने लगी, लेकिन ये पहली बार नहीं है, पाकिस्तान हमेशा महान लोगों से अपनी तुलना कर खुश हो जाता है. सच वो भी जानते हैं लेकिन उसे मानते नहीं है, क्योंकि पाकिस्तानियों की ये पुरानी आदत है. धोनी से पहले वाले दौर में जब पाकिस्तान की टीम उतनी फेमस भी नहीं थी तो इंजमाम उल हक की तुलना सचिन तेंदुलकर से, गुंडप्पा विश्वनाथ की जहीर अब्बास से और जावेद मियांदाद की सुनील गावस्कर से तुलना होती थी. यहां तक कि पाकिस्तान की महिला खिलाड़ी सिदरा अमीन ने जब स्ट्रेट ड्राइव शॉट खेला तो उनकी तुलना सचिन से होने लगी.
लेकिन ऐसी तुलना करने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि पाकिस्तान न तो कभी विराट पैदा कर सकता है और ना ही सचिन. बाबर विराट को गुरू मानते हैं लेकिन चेले वाली भावना नहीं दिखती, विराट ने अपने बुरे दौर में कप्तानी छोड़ी, खुद को बदला लेकिन बाबर बल्ला न चलने के बावजूद ओपनिंग नहीं छोड़ना चाहते. इसी साल सितंबर के महीने में बाबर ने 218 पारियों में टी-20 में 8 हजार रन पूरे किए, जबकि विराट ने 243 पारियों में कारनामा किया है, लोगों को लगा कि ये लड़का विराट से आगे निकल जाएगा लेकिन वर्ल्ड कप में बाबर की हालत देखिए.

पाकिस्तान का पहला मुकाबला भारत के साथ हुआ था. जिसमें बाबर आजम को अर्शदीप सिंह ने खाता भी नहीं खोलने दिया था और पहली ही गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया था. फिर दूसरा मुकाबला पाकिस्तान का कमजोर जिम्बाब्वे के साथ हुआ. इस मैच में भी बाबर आजम मात्र 4 रन बना पाये. 9 गेंद में 8 गेंद को टच भी नहीं कर पाए. फिर तीसरा मुकाबला पाकिस्तान का नीदरलैंड के खिलाफ हुआ. जिसे जिम्बाब्वे से भी कमजोर टीम माना जाता है. लेकिन पाकिस्तान के सो कॉल्ड किंग, बाबर उसके खिलाफ भी 5 गेंद में 4 ही रन बना पाए. यानी बाबर आजम ने वर्ल्डकप के तीन मैचों में कुल मिलाकर 8 रन बनाए हैं. जिसमें एक जीरो भी शामिल है.

इन आंकड़ों के साथ बाबर आजम कैसे विराट कोहली को मैच कर पाएंगे. हालांकि पाकिस्तान वालों को आंकड़े कम ही समझ आते हैं. फिर भी हम उन्हें थोड़ा सा समझा देते हैं. वो बस इस वर्ल्डकप के ही रिकॉर्ड देख लें. भारत ने अभी तक दो मैच खेले हैं.
पहले मैच में कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 82 रनों की पारी खेली और उनके मुंह से जीत छीन ली. फिर नीदरलैंड के खिलाफ हुए दूसरे मुकाबले में भी कोहली नाबाद रहे और उन्होंने 44 गेंदो का सामना करते हुए 62 रन बनाए. जिसमें 3 चौके और 2 छक्के लगाए.

इसके अलावा अगर कुल आंकड़े भी देखें तो विराट कोहली के आगे बाबर आजम कहीं नहीं टिकते हैं. विराट कोहली ने 107 टी20 मैच खेलकर 3845 रन बनाए हैं. जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 138 का रहा और औसत 53.4 का. कोहली ने अब तक टी20 में एक शतक और 35 अर्धशतक लगाए हैं. और 11 छक्के जड़े हैं. जबकि बाबर आजम ने 94 टी20 मैच खेले हैं, जिसमें 3235 रन बनाए हैं. उनका स्ट्राइक रेट 129 का रहा है जबकि औसत 42.56 का है. बाबर आजम ने 2 शतक और 29 अर्धशतक लगाए हैं. और मात्र 50 छक्के लगाए हैं. ये उसी टी20 के आंकड़े हैं जिसमें बाबर आजम की तारीफ करते पाकिस्तानी नहीं थकते. जबकि विराट कोहली के सामने बाबर आजम कहीं भी नहीं टिकते. ये आंकड़े आपके सामने साबित कर रहे हैं. इसके अलावा वनडे और टेस्ट में तो किंग कोहली का उनसे क्या ही मुकाबला. पाकिस्तानी खिलाड़ियों और लोगों को ये आंकड़े देखने चाहिए और बाबर आजम से पूछना चाहिए कि कमजोर टीमों के खिलाफ खेलकर भी तुम विराट की बराबरी नहीं कर सकते हो, कैसे किंग हो.