महाशिवरात्रि पर सीएम योगी के लिए इतनी बड़ी खुशखबरी आई कि उन्होंने ही इसे सुनते ही सबसे पहले अमित शाह को शुक्रिया कहा होगा. दरअसल महाशिवरात्रि के मौके पर सीएम योगी गोरखपुर मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे थे, लेकिन जैसे ही पूजा कर उठे पता चला कि आपकी एक मनोकामना पूरी हो गई है, केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने अपना आदेश वापस ले लिया है. दरअसल 13 फरवरी को ऐसी ख़बर आई थी कि जिसने आजम खान का किला ढहाया, उस IAS ऑफिसर को सिक्किम कैडर में वापस भेज दिया गया है, जिसके बाद सीएम योगी ने कहा कि हम इन्हें रिलीज नहीं करना चाहते, कम से कम एक साल इन्हें यूपी में और रहने दीजिए. आईएएस ऑफिसर आंजनेय सिंह ने जब ये देखा कि मामला केन्द्र और राज्य के बीच का है तो वो दो महीने की छुट्टी पर चले गए और इसी बीच 5 दिन में बड़ा खेल हो गया.

18 फरवरी को केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले कार्मिक विभाग ने ये आदेश निकाला कि 2005 बैच के सिक्किम कैडर के ऑफिसर आंजनेय कुमार को यूपी में एक साल का और सेवा विस्तार दिया जा रहा है, उन्हें अभी अपने मूल कैडर में वापस नहीं लौटना होगा.

ये फैसला जैसे ही आया आजम खान के करीबी माने जाने वाले फसाहत अली खान ने आजम खान के घर के बाहर जाकर मिठाई बांटी, चूंकि आजम के करीबी फसाहत अली इसलिए भी खुश हैं क्योंकि वो इन दिनों बीजेपी में शामिल हो गए हैं, और बीजेपी का हर कार्यकर्ता इस फैसले से खुश है, और होना भी चाहिए, क्योंकि आजम खान का रसूख कभी यूपी में इतना था कि वो कहते थे ये डीएम तनख्वहिए हैं, इनसे तो जूते साफ करवाऊंगा, पर आंजनेय सिंह जब रामपुर के डीएम बनकर गए तो सारी हेकड़ी निकाल दी. सबसे पहले आजम खान को भूमाफिया घोषित किया, फिर एसपी ने हर आजम के खिलाफ लंबी जांच की, और आजम खान को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा. हालत ये हो गई कि जब आजम खान जेल से बाहर आए तो रो-रोकर लोगों को अपनी कहानियां सुनाने लगे पर जब दिसंबर 2022 में उपचुनाव हुआ तो लोगों ने बीजेपी ने भरोसा जताया और आजम का किला ढह गया. कहा जाता है कि आजम पर शिकंजा कसने और ईमानदारी से ड्यूटी करने की वजह से ही आंजनेय सिंह को प्रमोट कर मुरादाबाद मंडल का कमिश्नर बना दिया गया. मुरादाबाद मंडल भी रामपुर में ही आता है, ऐसे में अब वो क्या एक्शन लेने वाले हैं, ये बड़ा सवाल है, लेकिन उससे पहले इनके यूपी का सफरनामा सुनिए.
15 फरवरी 2015 को आंजनेय कुमार सिंह उत्तर प्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर आए थे
फिर चार साल तक अलग-अलग विभागों के सचिव बनकर जिम्मेदारी संभालते रहे
2019 में योगी सरकार ने उन्हें रामपुर का डीएम बनाकार भेजा, फिर एक्शन लिया
आजम खान को माफिया बताया, जौहर यूनिवर्सिटी की जांच हुई, फिर विधायकी गई
आजम खान के बेटे अब्दुल्ला को भी दो साल की सजा हुई तो विधायकी छीन गई
अब आजम खान के खिलाफ और क्या कार्रवाई होने वाली है वो तो आगे पता चलेगा, लेकिन इतना जरूर है कि आंजनेय सिंह को अगर योगी ने रोका है तो कुछ बड़ा जरूर होने वाला होगा. क्योंकि नियम के मुताबिक किसी भी अधिकारी की प्रतिनियुक्ति पांच साल से ज्यादा नहीं होती, और इन्हें तो 7 साल हो चुका था, इसीलिए सवाल उठते उससे पहले ही सरकार इन्हें वापस अपने कैडर में भेज रही थी, पर सीएम योगी अड़ गए तो बात माननी पड़ी. तभी तो कहते हैं बाबा चाहें तो कुछ भी हो सकता है.