कलियुग में जब एक भाई दूसरे भाई की एक ईंच की ज़मीन के लिए क़त्ल कर देता है, तब ईशान किशन के भाई की कहानी बिल्कुल रामायण के राम-भरत की तरह लगती है, ईशान के पिता प्रणव पाण्डेय की चाहत थी बड़ा बेटा क्रिकेटर बने, ईशान किशन में वो योग्यता नहीं दिखाई दी थी जो राज किशन में थी, बड़ा भाई भी अपनी टीम का ओपनर था, पर ईशान किशन के लिए न सिर्फ क्रिकेट छोड़ा बल्कि टीम में भी अपनी जगह ईशान को रखवाया, आज के दौर में कौन भाई किस भाई के लिए इतना करता है, ये हैं राज किशन फिलहाल ये डॉक्टर हैं, ईशान किशन छोटा था तो भाई से रोते हुए बोला मुझे मौका ही नहीं मिला

मैं क्रिकेट नहीं खेल पाया तो मर जाऊंगा, भाई ने खुद की भावना को संभाल कर छोटे भाई को आगे बढ़ा दिया और कहानी की शुरूआत यही से होती है… कहते हैं किसी भी व्यक्ति को अचानक सफलता मिल जाए तो वो संभाल नहीं पाता है, ईशान किशन के साथ भी ठीक ऐसा ही हुआ…अच्छा खेल होने के कारण राहुल द्रविड़ ने ईशान किशन को अंडर-19 टीम का कैप्टन बनाया, ईशान थोड़ा भटक गए, अपने दोस्तों के साथ पिता की गाड़ी चला रहे थे, पर जोश में ऑटो को टक्कर मार दी, जिसके बाद भीड़ ने ईशान को हल्का पीटा भी था, वर्ल्ड कप से ठीक पहले अंडर-19 के कप्तान की पिटाई की ख़बर बड़ी बन गई, इसी बात पर नाराज़ राहुल द्रविड़ ने ख़ूब डांट लगाई थी, हालांकि ईशान की कप्तानी में भारत ने बांग्लादेश में साल 2016 वर्ल्ड कप जीत लिया था, यहीं से ईशान की कहानी पहचान में बदलती है, लेकिन उसके बाद टीम में कोई जगह नहीं मिली, ईशान किशन को IPL में ख़ूब पैसा मिला, यहां तक की वो IPL के दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी बने, युवराज सिंह को 16 करोड़ में खरीदा था, जबकि ईशान को मुंबई इंडियंस ने सवा 15 करोड़ में खरीदा, पर IPL में ईशान का बल्ला नहीं चला, नोटों से भरा करोड़ों का बैग लेकर ढोते किशान पूरी तरह से टूट गए, शोहरत और सफलता का सही तालमेल नहीं बैठा तो सचिन ने एक बार पास में बुलाकर समझाया, कैसे बिना शोर किए सफलता को अंजाम तक पहुंचाया जाता है…फिर भी ईशान किशन का चयन नहीं हुआ

लेकिन छठ पर पूजा करने की ये तस्वीर देखिए, कहते हैं मां ने छठ में हर बार सिर्फ यही मांगा कि ईशान को टीम में मौका मिले तो वो बिहार के साथ देश का नाम रोशन करे, और हुआ भी ठीक ऐसा ही..आस्था में अगर सच्चाई हो तो भगवान ज़रूर सुनते हैं, ईशान का सेलेक्शन हो गया…जुलाई 2021 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ वनडे डेव्यू का मौका मिला तो ईशान किशन ने पहले ही मैच में 33 गेंद पर पचास रन बना दिए, लेकिन टीम में जगह नहीं बन पाई, कभी अंदर तो कभी बाहर, कभी किसी ने कहा बेकार है तो किसी ने कहां होनहार है. पर आख़िकार 200 रनों के साथ ये साफ हो गया कि ईशान की जगह अब कोई हटा नहीं सकता है…धोनी की तरह ही ईशान किशन को स्कूल से निकाला गया, टीचर्स ने डांटा पर क्रिकेट का पागलपन कम नहीं हुआ, क्रिकेट एक ऐसा खेल है जो कहता है कि मेहनती और संयम रखने वाला ही सफल होता है, ईशान किशन के पास सिर्फ मेहनत थी संयम की कमी थी पर सचिन और राहुल द्रविड़ के साथ रोहित शर्मा ने जो सिखाया शायद वो कभी भूल नहीं पाएंगे…रोहित शर्मा देश के हीरो थे और रहेंगे, पर अब ओपनिंग में अपनी जगह ईशान किशन को देनी चाहिए, एक तरफ से ईशान दूसरी तरफ से शुभमन गिल की जोड़ी वर्ल्ड कप में सबसे हिट होगी

किशन की मां लोकप्रिय डॉक्टर हैं, पिता बिल्डर हैं, इसलिए कभी गरीबी नहीं देखी पर जब टीम में सेलेक्शन नहीं हुआ तो किशन ने सबकुछ छोड़ दिया, और सिर्फ राहुल द्रविड़ से गुर सीखते रहे. राहुल द्रविड़ की आप हर जगह आलोचना कर सकते हैं पर नए खिलाड़ियों की खोज में वो मास्टर हैं, द्रविड़ ने साल 2014 में ही परख लिया था किशन एक शानदार खिलाड़ी है, खुद के कहने पर चयन करवाया और आज इस मुकाम पर पहुंचा, जहां से हर एक बिहारवासी के साथ देश को गर्व है, कहते हैं एक बिहारी जब तक तोड़ता नहीं तब तक छोड़ता नहीं है, या एक बिहारी सब पर भारी होता है, ठीक वैसा ही हुआ, ईशान ने जब तक तोड़ा नहीं तब तक छोड़ा नहीं, और अकेले बांग्लादेश पर भारी पड़ गए