The Kerala Story: पूरे देश में इन दिनों द केरल स्टोरी नाम के फिल्म की चर्चा है, फिल्म में अदा शर्मा लीड रोल में हैं, पीएम मोदी कर्नाटक में जाकर फिल्म की जिक्र करते हैं, जबकि बंगाल में ममता बनर्जी कहती हैं ये फिल्म हमारे प्रदेश में नहीं चलेगी. अब सवाल ये उठता है कि दीदी को दिक्कत आईएसआईएस पर ब नी फिल्म से है या केरल स्टोरी के बहाने वो बंगाल फाइल्स के मेकर्स को रोकना चाहती हैं, कुछ दिनों पहले ही ये ख़बर आई थी कि द कश्मीर फाइल्स बनाने वाले विवेक अग्निहोत्री बंगाल फाइल्स नाम की फिल्म भी बना सकते हैं, तो क्या ममता दीदी ये कहना चाहती हैं कि बंगाल के रियल हालात अगर फिल्म में दिखाए तो मैं बर्दाश्त नहीं करूंगी,

क्योंकि जो फिल्म केरल की कहानी पर है, उसे बंगाल में बैन करने का मतलब क्या है. द केरल स्टोरी के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन हैं, वो बंगाल के जलपाईगुड़ी के रहने वाले हैं, तो क्या उन्हें ये संदेश दिया जा रहा है कि आगे से ऐसी फिल्मों पर आप काम मत करना. ये बात ममता दीदी भी अच्छी तरह जानती हैं कि वो जिस फिल्म को बैन करेंगी, उसे बीजेपी शासित राज्यों में ज्यादा प्रमोट किया जाएगा, इससे न सिर्फ फिल्म को अच्छी कमाई मिलेगी, बल्कि फिल्म का प्रचार भी होगा. आप शायद ये जानकर हैरान हो जाएं कि बंगाल में जो फिल्म बैन हुई है, वो तीन दिनों में बंपर कमाई कर चुकी है.
द केरल स्टोरी की तीन दिन की कमाई
पहले दिन 8.5 करोड़
दूसरे दिन 11.2 करोड़
तीसरे दिन 16 करोड़
मतलब तीन दिनों में ही फिल्म 35 करोड़ से ज्यादा कमा चुकी है, हो सकता है आने वाले दिनों में इसकी कमाई और तेजी से बढ़ी है, क्योंकि ये ऐसी फिल्म जिसका प्रचार विज्ञापन से ज्यादा फिल्म देखकर लौटने वाले लोग कर रहे हैं. इस फिल्म में जो कहानी है वो भोली-भाली लड़कियों को जबरन धर्म परिवर्तन करवाने, फिर उन्हें आईएसआईएस तक साजिशन पहुंचाने की है, ये बात आप भी जानते होंगे कि जैसे यूपी-बिहार जैसे राज्यों में बेरोजगारी बड़ा संकट है, वैसे ही केरल का सबसे बड़ा संकट धर्म परिवर्तन है. और ये हम नहीं कह रहे बल्कि साल 2010 में केरल के मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने इसका डेटा भी दिया था. तब उन्होंने कहा था पिछले साढ़े छह वर्षों में 2667 लड़कियों ने इस्लाम अपनाया था. मगर ISIS के संदर्भ में उन्होंने कुछ नहीं कहा था.
लेकिन जिन तीन लड़कियों की कहानी इस फिल्म में दिखाई गई है वो पूरी कहानी इसी पर आधारित है. अब अगर कोई मुख्यमंत्री विधानसभा में खड़े होकर प्रदेश की दिक्कत बताता है, और फिर उसी पर फिल्म बनती है, लोगों को जागरूक किया जाता है तो ममता बनर्जी जैसे नेताओं को दिक्कत क्यों होने लगती है. बंगाल में वो कौन लोग हैं, जिन्हें रामनवमी से दिक्कत है, वो ईद की बधाई तो देते हैं, पर जयश्रीराम का नारा सुनते ही भड़क जाते हैं, कई मौकों पर खुद ममता बनर्जी पर जयश्रीराम का नारा सुन गुस्से में दिखीं. लेकिन सवाल यहां गुस्से से ज्यादा सियासत का है, क्या ममता बनर्जी को ये लगता है कि वो इस फिल्म का विरोध करके बंगाल में अपनी कुर्सी बचाए रखने में कामयाब रहेंगी क्योंकि ममता का तो यही आरोप है कि बीजेपी ने कश्मीर फाइल्स की तरह द केरल स्टोरी पर अपने एजेंडे के लिए बनाई है, पर ममता बनर्जी बॉलीवुड की उन फिल्मों पर नहीं बोलती जो असल में आस्था का चोट पहुंचाती हैं, इस पर आप क्या कहेंगे कमेंट कर बता सकते हैं.
ब्यूरो रिपोर्ट ग्लोबल भारत टीवी