पिता भिक्षा मांग कर भरते थे बच्चों का पेट, बेटा बड़ा होकर 60 लाख को खिला चुका है खाना!
पर्ची का सच आया सामने, लाखों लोग मानते हैं भगवान पर ये हैं पंडित धीरेंद्र की पूरी सच्चाई!
1996 में जन्म, 2022 तक लिख डाले 30 लाख पर्चे, एक महागरीब बच्चा करोड़पति कैसे बना?
क्या पंडित धीरेंद्र दुनिया के सबसे बड़े भविष्य वक्ता नास्त्रेदमस से भी ज्यादा तेज़ है? जो आपके माथे पर क्या लिखा है, भविष्य में क्या घटित होने वाला है सब जान सकते हैं? दावा किया जाता है कि पंडित धीरेंद्र महाराज ने अब तक 60 लाख लोगों को खाना खिलाया और 30 लाख लोगों का पर्ची पर नाम लिख उनकी किस्मत का पन्ना भी खोल दिया…लेकिन सच्चाई क्या है? सनातन धर्म का प्रचार करने वाले पंडित धीरेंद्र को बदनाम करने की साज़िश हो रही है या सच्चाई में दम है? पंडित धीरेंद्र को ज्यादातर लोग उत्तराखण्डी मानते हैं क्योंकि वहां एक ज़िला है बागेश्वर, क्योंकि पंडित धीरेंद्र अक्सर बागेश्वर वाले की जय का जयकारा लगाते हैं…लेकिन सच ये है कि मध्य प्रदेश के जिला छतरपुर में जन्में पंडित धीरेंद्र एक सामान्य बच्चे की तरह पढ़ना चाहते थे, पिता ग़रीब थे, तो धीरेंद्र को पढ़ाने के लिए एक हज़ार का इंतज़ाम नहीं कर पाए…और यहीं से एक गरीब परिवार का बच्चा कुछ करने की ठानता है…पंडित धीरेंद्र का कुछ वीडियो हम आपको दिखाएं उसके पहले उनकी सच्चाई सुनाते है….साल 1996 में पंडित राम कृपाल गर्ग के घर जन्म हुआ….मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक छोटा सा गांव है जिसका नाम है गड़ा, यहां कुल दो पीढ़ियों का इतिहास है…धीरेंद्र के दादा की वहां काफी इज्जत थी, दरबार लगाकर दुखों को हरने का दावा करते थे…लेकिन धीरेंद्र पढ़कर इंजीनियर बनना चाहते थे, हालांकि होनी को कुछ और मंजूर था…हमने कुछ लोगों से फोन पर बात की तो पता चल

गांव से पांच किलोमीटर दूर धीरेंद्र का स्कूल था, वहां वो पैदल जाकर पढ़ने जाया करते थे, फिर इंटर की परीक्षा पास की और तक तक सबकुछ सामान्य रहा, लेकिन जैसे ही धीरेंद्र का एडमिशन BA में हुआ उन्हें कुछ-कुछ आभास होने लगा…पहले ये बात उन्होंने परिवार को बताई कि किसी के साथ क्या बुरा हो रहा है ये मैं देख पा रहा रहा हूं, ये सब करीब 6 महीने चला और अचानक धीरेंद्र पंडित धीरेंद्र महाराज बनने की राह पर चल पड़े, पहले दादा जी की तरह घर पर दरबार लगाया, और सब सफलता मिलती गई तो पंडित धीरेंद्र ने आचार्य बनकर संत जीवन की तरफ खुद को मोड़ लिया…परिवार में एक भाई और बहन को छोड़ धीरेंद्र बागेश्वर धाम की दुनिया में पहुंच गए…यहीं से एक गरीब परिवार का गरीबी में पैदा हुआ बेटा आज यहां तक पहुंच गया…
दावा किया जाता है कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अब तक 30 लाख लोगों का पर्चा लिखा है…यानि उनसे मिलने कोई आता है तो वो पहले ही देखकर अंदाजा लगा लेते है कि किसके मन में क्या चल रहा है? अब ये हक़ीकत है या अफसाना ये तो भगवान जानें पर बात में कुछ दम है…कहते है 26 साल की उम्र में 30 लाख पर्चा लिख डाला है

अगर हम ये उनकी उम्र के 15वें साल से पर्चा लिखना शुरू करें तो कुल 11 साल होते है…यानि 4015 दिनों में 30 लाख पर्चा लिख पाना कितना संभव है? इसका गणितं समझिए एक दिन में करीब 700 से ज्यादा पर्चे लिखा होगा जो थोड़ा प्रैक्टिकल नहीं लगता है

दावा किया जाता है कि लाल कपड़े में नारियल बांधकर आप हनुमानजी को चढ़ाएंगे तो सपने में दो मंगलवार वानरों के दर्शन होंगे, जिसके बाद आपको सीधा मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित सालासर बालाजी धाम पहुंच जाना चाहिए…जहां आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री आपको सारी परेशानियां का हल बताएंगे…लेकिन कैसे ? निर्मल बाबा की कहानी में भी कुछ तर्क ऐसे थे जो समझ से परे थे? जैसे आपने कहीं गाय देखी थी ? हां बाबा देखी थी, तभी आपकी कृपा रूकी है…अगली बार गाय दिखे तो दो रोटी खिलानी कृपा आनी शुरू हो जाएगी…अब सवाल ये है कि किस व्यक्ति ने गाय नहीं देखी होगी? किस व्यक्ति ने समोसे के साथ चटनी नहीं ली होगी ? या मंदिर का घण्टा नहीं बजाया होगा ? निर्मल बाबा ऐसे तर्क देते थे जो आपके साथ होता ही होता था और आप वहीं फंस जाते थे, इसलिए आज निर्मल बाबा कहां है ये किसी को पता नहीं है…हालांकि हम नहीं कहते है कि धीरेंद्र महाराज के साथ कुछ ऐसा है…कुछ दिन पहले एक महिला इनकी पोल खोलने का दावा कर रही थी, जिसका वीडियो वायरल हुआ था

भारत में किसी भी बाबा पर लोग आसानी से भरोसा नहीं करते है, भरोसा होता है तो किसी गद्दी का…जैसे बागेश्वर बाबा की गद्दी की बात पंडित धीरेंद्र अक्सर कहते है…सनातन धर्म का विकास भी चाहते है…पर उन्हें ज़मीन पर रहकर ही दूसरों का भविष्य पढ़ना चाहिए, एक गुट पीछे पड़ा रहता है…जो सनातन धर्म का प्रचार करता है वो उसे रोकते है, इसलिए पंडित धीरेंद्र की सच्चाई जो भी है उन्हें खुद एक बार बता देनी चाहिए.