जो बेटा हर जन्मदिन मां से आशीर्वाद लेने पहुंचता हो, उनके जन्मदिन पर चिट्ठियां लिखकर दुनिया को उनका संघर्ष बताता हो और जो दुनिया के शक्तिशाली नेताओं में से एक हो, उसके लिए मां का जाना कितना दुखभरा होगा ये कल्पना से परे है. 30 दिसंबर का दिन पीएम मोदी के लिए एक बुरे सपने की तरह होगा, लेकिन आज हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि पूरा ब्राजील भी रोया है. दरअसल 30 दिसंबर की सुबह-सुबह तीन ऐसी मनहूस ख़बरें आईं जिसने भारत से ब्राजील तक लोगों का दिल तोड़कर रख दिया. पहले वो ख़बरें सुनिए फिर हीरा बा के संघर्ष का किस्सा सुनाते हैं.

पहली ख़बर पीएम मोदी के मां हीरा बा के निधन की है, जिन्होंने 99 साल की उम्र में सुबह 3.30 बजे अहमदाबाद के यूएन अस्पताल में आखिरी सांस ली, पीएम मोदी ने अपनी मां को जब आखिरी विदाई तो पूरा देश भावुक हो उठा

जबकि दूसरी ख़बर फुटबॉल के जादूगर कहे जाने वाले ब्राजील के महान फुटबॉल खिलाड़ी पेले के निधन की है, 82 साल के पेले किडनी की बीमारी से परेशान थे, वो दुनिया के इकलौते ऐसे फुटबॉलर रहे जिन्होंने तीन बार वर्ल्ड कप जीता, उनके निधन पर उनके फैंस भावुक हैं.

जबकि तीसरी ख़बर क्रिकेटर ऋषभ पंत के BMW कार के दुर्घटनाग्रस्त होने की है, जिसके बाद पंत को पैर और शरीर में गंभीर चोट आई है, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, पंत के फैंस उनके जल्द स्वस्थ होने की दुआं कर रहे हैं.

कहा जाता है कि कब किसके साथ क्या हो जाए कहा नहीं जा सकता. पीएम मोदी जब इससे पहले अपनी मां से मिलकर लौटे थे तो डॉक्टर्स ने यही कहा था कि एक-दो दिनों में अस्पताल से उन्हें छुट्टी मिल जाएगी लेकिन शुक्रवार की सुबह अचानक से ये ख़बर मिली कि मां हीराबा नहीं रहीं, जिसे सुनते ही पीएम मोदी तुरंत अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए, वहां मां को कंधा दिया, अंतिम विदाई दी और फिर वापस अपने काम में जुट गए. यही मोदी का अंदाज है कि एक बेटा और एक प्रधानमंत्री का फर्ज लंबे समय से बखूबी निभा रहे हैं, लेकिन मोदी जब मुख्यमंत्री बने थे, उन्होंने ये सोचा भी नहीं था कि एक दिन देश संभालना है, तभी उनकी मां हीरा बा ने एक इंटरव्यू में कहा था.

ए एक दिवस वडोप्रधान बनशे (एक दिन प्रधानमंत्री बनेगा). जब यह बहुत छोटा था तभी एक साधु ने कहा था नरेन्द्र मोदी एक दिन घर छोड़कर चले जाएंगे, संन्यास की राह पकड़ लेंगे, लेकिन फिर लौटकर राजनीति में आएंगे और देश-विदेश में नाम कमाएंगे.

साल 2014 में उनकी ये बात सच साबित हुई, जब मोदी प्रधानमंत्री बने तो बड़ी जिद के बाद उनकी मां उनके साथ रहने प्रधानमंत्री आवास पर आईं, लेकिन कुछ ही दिनों में हीरा बा ने कहा यहां मेरा मन नहीं लगता, तुम देश का काम करो, मैं वहीं पंकज के साथ रहूंगी. पीएम मोदी के पांच भाई और एक बहन हैं, पंकज मोदी पीएम मोदी से छोटे हैं, जो गुजरात सूचना विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद से रिटायर हुए हैं, आखिरी वक्त तक हीरा बा उनके ही बंगले में रहीं, मोदी जब भी मिलने जाते हीरा बा उन्हें मिठाई खिलाती और बच्चे की तरह तौलिया से मुंह पोंछ देती थीं. मोदी ने खुद अपनी मां का संघर्ष बताते हुए उनके 100वें जन्मदिन पर चिट्ठी लिखकर कहा था
मां दूसरे के घरों का बर्तन मांजती थी, चरखे चलाती थी, 16-17 साल की उम्र में जब मैंने घर छोड़ा तो पिताजी थोड़े नाराज हुए, कहा जो करना है करो, लेकिन मैंने कहा आशीर्वाद लिए बगैर नहीं जाऊंगा, तो मां ने उन्हें समझाया, मां मेरे घर छोड़ने से दुखी थी लेकिन वो चाहती थी कि मैं अपने मन के हिसाब से काम करूं.
और उसी का परिणाम है कि मोदी आज यहां तक पहुंच पाए. पीएम मोदी का मन व्यथित जरूर है, लेकिन पीएमओ ने ट्वीट कर कहा है कि मां के अंतिम संस्कार के बाद पीएम मोदी अपने सारे कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इसीलिए कहते हैं मोदी बनना आसान नहीं है.