भारतीय टीम अब उस मुकाम पर आ गई है जहां जाकर वो हर आईसीसी टूर्नामेंट में पिछले कुछ सालों में लड़खड़ाती रही है. लेकिन इस बार ऐसा नहीं करना है, अबकी बार हर बाधा को करना है पार. कैसे वो हम आपको बताते हैं, समझाते हैं…देखिए सूर्या का बल्ला ताबड़तोड़ चल रहा है, केएल से भी उम्मीद है. हार्दिका बाबा किसी भी दिन बधाई संदेश दे सकते हैं. अब बस कप्तान साहब भी चल जायें तो सोने पे सुहागा. लेकिन अगर कप्तान रोहित नहीं भी चले तो घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि सेमीफाइनल एडिलेड के ओवल मैदान पर होना है, और इस वक्त एक खिलाड़ी भारतीय टीम में ऐसा है जिसका बल्ला एडिलेड में आग उगलता है, वो एडिलेड में इतना मारता है कि गेंदबाज लाइन लेंथ सब भूल जाते हैं. वो बल्लेबाज कौन है एडिलेड में उसके रिकॉर्ड क्या हैं सब आपको आपको बताते हैं उसके बाद बताएंगे कि कहां भारत को सावधान रहना होगा और क्यों.

भारत की टीम जो खिलाड़ी एडिलेड का किंग है उसका नाम है विराट कोहली. जो अपने रंग में लौट आए हैं और वर्ल्डकप में जमकर धुनाई कर रहे हैं. पाकिस्तान की पिटाई से शुरू हुआ ये सिलसिला अभी तक जारी है और अगले मैच में भी चलते रहने की उम्मीद है. क्योंकि एडिलेड में विराट कोहली का रिकॉर्ड शानदार रहा है. एडिलेड के मैदान पर विराट कोहली ने आखिरी मैच इसी वर्ल्डकप में बांग्लादेश के खिलाफ खेला था जिसमें उन्होंने नाबाद 64 रनों की पारी खेली थी. इस पारी में किंग कोहली ने 8 चौके और एक छक्का लगाया था. और उनका स्ट्राइक रेट 145 से ज्यादा का रहा था. इस मैच से पहले कोहली ने सभी प्रारूपों में मिलाकर एडिलेड में 9 मैच खेले हैं और 843 रन बनाए हैं. अगर टी20 की बात करें तो विराट कोहली ने एडिलेड के मैदान पर दो टी20 मैच खेले हैं और दोनों ही मैचों में वो आउट नहीं हुए हैं. विराट कोहली ने पहला टी20 एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2016 में खेला था जिसमें उनके नाबाद 90 रनों की बदौलत भारत ऑस्ट्रेलिया को हराया था. इसके अलावा बांग्लादेश वाले मैच में भी कोहली आउट नहीं हुए थे.

अगर टी20 के अलावा भी देखें तो ओवल का मैदान कोहली को सबसे ज्यादा पसंद आता है. एडिलेड में विराट कोहली ने 4 वनडे मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 61 के औसत से 244 रन बनाए हैं और 2 शतक ठोके हैं. इसके अलावा 4 टेस्ट मैचों में उन्होंने इस ग्राउंड पर 509 रन बनाए हैं. मतलब अगर कोहली का बल्ला ऐसा ही चला तो जीत पक्की ही समझिए, लेकिन टीम इंडिया के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं जिनको लेकर रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ को थोड़ सतर्क रहना होगा.
क्योंकि जोश के साथ होश भी जरूरी है. एक तो आईसीसी ट्रॉफी के नॉकआउट मुकाबलों में भारत का रिकॉर्ड पिछले कुछ सालों में अच्छा नहीं रहा है. लेकिन रोहित शर्मा को इसी किस्मत को बदलने के लिए लाया गया है तो उन्हें इस बात का ख्याल रखना होगा. इसके अलावा रोहित शर्मा के बैट से रन नहीं निकले हैं तो उन्हें अपनी बैटिंग पर भी ध्यान देना होगा. और ऋषभ पंत को खिलाने पर एक बार फिर विचार करना होगा. क्योंकि जो मैच वो खेले हैं उसमें तो बड़ा ही बुरा हाल उनका हुआ है. इसके अलावा भारतीय टीम के लिए एक परेशानी और है कि भारत के स्पिनर्स अभी रन रोकने में कामयाब नहीं हुए हैं लेकिन एडिलेड में स्पिनर्स को मदद मिलने क उम्मीद है इसलिए युजी चहल को मौका देना बुरा विकल्प नहीं होगा. आप क्या कहते हैं टीम इंडिया में सेमीफाइनल के लिए कोई बदलाव करना चाहिए या फिर इसी टीम के साथ उतरना चाहिए. कमेंट करके बताइए.