क्रिकेट की जब भी बात होती है तब साउथ अफ्रीका के प्लेयर जोंटी रोड्स की बात होती है, वो इसलिए होती है क्योंकि उन्होंने क्रिकेट की थ्योरी पलट दी थी. विश्वकप 2022 में एक से बढ़कर एक कैच छूटे, एक से बढ़कर एक RUN OUT छूट गए, लेकिन तीन रन OUT सबको मोहम्मद कैफ, सुरेश रैना और जोंटी रोड्स की याद दिला देते हैं. अफगानिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबला नेक TO नेक चल रहा था. ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 169 रन बनाए थे, वो रन राशिद खान के सामने कम पड़ गए, ये अलग बात है कि जीत ऑस्ट्रेलिया की हुई पर आख़िरी ओवर का रोमांच भारत पाकिस्तान या जिम्बाब्वे पाकिस्तान वाले मैच से कम नहीं था.आख़िरी ओवर में जीत के लिए 22 रन चाहिए थे, अफगानिस्तान के बल्लेबाज़ दरविश ने पहली गेंद पर रन लेना चाहा लेकिन रन OUT हो गए, स्ट्राइक पर आ गए राशिद खान, और अफगानिस्तान को लगा धोनी का इतिहास दोहराया जाएगा, राशिद खान ने स्टॉइनिस गेंद पर 18 रन ले लिए, ऑस्ट्रेलिया ये मैच 4 रन से जीत गया, पर धोनी की वो पारी कौन सी है जिसे आज भी याद किया जाता है.

IPL 2016 में धोनी राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स के लिए खेल रहे थे. आखिरी ओवर में टीम को 23 रनों की दरकार थी और पंजाब के कप्तान ने अक्षर पटेल को अटैक पर लगाया जो कि आईपीएल के सबसे कंजूस गेंदबाजों में से एक हैं. धोनी ने उनकी दूसरी गेंद पर छक्का लगाया और तीसरी गेंद पर उन्होंने बेहतरीन शॉट खेला लेकिन हाशिम अमला ने चौका रोक दिया. किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ अंतिम दो गेंदों पर पुणे को 12 रन की दरकार थी और धोनी ने लगातार दो छक्के लगाकर टीम को जीत दिला दी थी. हालांकि ये कारनामा दोबारा क्रिकेट में जल्दी नहीं होगा.पर राशिद की हर ओर तारीफ हो रही है, क्योंकि अगर वो RUN OUT न होता तो फिर मैच ऑस्ट्रेलिया हार जाता. गुलबदीन 23 गेंदो पर 39 रन बनाकर खेल रहे थे, उस वक्त स्कोर था 13 ओवर के बाद 99 रन, 42 गेंदों पर 70 रन ही बनाना था, तभी इब्राहिम ने गेंद को लॉग ऑन की तरफ खेला और दूसरा रन लेते इसके पहले मैक्सवेल ने ऐसा थ्रो मारा मैच अपने पक्ष में कर लिया, मैक्सवेल का थ्रो बिल्कुल KL राहुल की तरह था. ठीक ऐसा ही बांग्लादेश और भारत के मैच में हुआ था, 26 गेंद पर 60 रन बनाकर खेल रहे लिटन दास रन लेना चाहते थे, पर बाऊंड्री पर खड़े KL ने ऐसा थ्रो मारा कहानी ही पलट गई, ऐसा ही मैच बांग्लादेश और जिम्बाब्वे के साथ मैच जिम्बाब्वे को कुछ रन ही चाहिए थाS, 41 गेंदों पर 62 रन की पारी खेल रहे जिम्बाब्वे के ओपनर विलियम्मसन को साकिल उल हसन ने क्या रन आउट किया था. उसके बाद तो मैच ही गंवा दिया. ये तीन RUN OUT अपनी टीम के ख़िलाफ़ ऐसे हालात में आए जब टीम को ज़रूरत थी, तो क्या भारत को अपनी फिल्डिंग और मज़बूत करनी चाहिए, क्योंकि दुनिया के सबसे दिग्गज फिल्डर हैं जोंटी रोड्स जो अपना हीरो सुरेश रैना को मानते हैं, उन्हें फिल्डिंग कोच क्यों नहीं बनाना चाहिए ? सुरेश रैना की फिल्डिंग का दीवाना सिर्फ हिन्दुस्तान नहीं बल्कि पूरी दुनिया है, भारत ने एशिया कप में भी पाकिस्तान का मैच फिल्डिंग से गंवाया था, जबकि विश्वकप में साउथ अफ्रीका के साथ मैच भी उसी कारण हारे, आगे आने वाले मुकाबले हारते हैं तो घर वापसी होगी, इसलिए फिल्डिंग पर ज़ोर देना होगा, अब तक के नतीजो में एक बात कॉमन है,टीम वो जीती है जिसकी फिल्डिंग अच्छी होगी, पाकिस्तान अपनी फिल्डिंग से ही जिम्बाब्वे से हार गया था, धोनी ने इस बात पर ज़ोर दिया था कि खिलाड़ियों की फिल्डिंग अच्छी होनी चाहिए.वो रन बनाएं या न बनाएं पर टीम के लिए बचाते ज़रूर हैं. फिल्डिंग भारत की अच्छी नहीं है क्योंकि रोहित शर्मा, विराट कोहली और KL राहुल जैसे सीनियर खिलाड़ियों ने सिर्फ कैच छोड़े हैं बल्कि कई रन आउट भी छोड़ दिए, अब तक सबकुछ पक्ष में है तो किसी को दिखाई नहीं दे रहा है, लेकिन अगर सेमीफाइनल में फील्डिंग की वजह से हार हुई तो फिर बवाल मचेगा और तब रैना या कैफ जैसे कोच की याद आएगी