हमने बचपन से सुना था ये विदेशी कंपनी है, वो विदेशी कंपनी है, पर अब दौर बदल रहा है, अब विदेशों में ये सुना जा रहा है ये भारत की कंपनी है, वो भारत की कंपनी है…एक वक्त ऐसा था जब भारत में अनाज की इतनी कमी थी हर भारतीयों को एक दिन का व्रत रखना पड़ा था…पर आज इतनी विशाल ताकत हो गई है कि चीनी कंपनी भी बाज़ार छोड़कर भागने को मज़बूर हो गई है…ये कहानी ज्यादा पुरानी नहीं है, जिस दौर से भारत में बजाज की स्कूटर बाज़ार से ग़ायब हो रही थी उसी दौर में अफ्रीका के बाज़ार में बजाज और TVS ने एंट्री मारी…उस वक्त चीन की कंपनिया को बोलबाला था…अफ्रीका के ज्यादातर देशों में चीन की 200 कंपनियां कम क्वालिटी की बाइक बना रही थी…उसी दौर में भारत को दो बाइक कंपनी ने वहां काम शुरू किया.

भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली बाइक हीरो स्पलेंडर है, जो भारतीय कंपनी है, वहीं ग्लोबल लीडर जापानी कंपनी होंडा है, लेकिन अफ्रीकी देशों में अब भारतीय बाइक कंपनियों ने कब्जा जमा लिया है और चीनी कंपनियों को निकाल फेंका है, हम भारतीय को विदेशी कंपनियों पर भरोसा ज्यादा होता है, जिसके कारण भारत की ही कंपनियां भारत में पिछे रह गई, पर विदेशों में उन्हीं भारतीय कंपनियों का डंका है

आज अफ्रीकी देशों में चीन की मात्र कुछ कंपनियां बची है, ज्यादातर कब्जा भारत की कंपनी बजाज और TVS का हो चुका है…बजाज की बॉक्सर की डिमांड भारत में ख़ास नहीं रही पर अफ्रीकी देशों के लिए ये स्पेलंडर प्लस की तरह है जिसे आंख बंद करके लिया जाता है…TVS की स्टार सीरिज़ की धूम भी है..ऑटोमोबाइल सेक्टर में भारत की धूम की चमक चारों तरफ बढ़ रही है? अब हम आपको बताते है कैसे ऑटोमोबाइल सेक्टर में भारत ने जापान को पीछे छोड़ दिया है! कभी मारूति से शुरू हुई हिन्दुस्तान की कहानी में टाटा और महिंदा की गाड़ियों ने आज चार चांद लगा दिया है
जापान को पीछे छोड़कर भारत की कार कंपनियों ने कुल 42 लाख 25 हज़ार कार यूनिट को बेचा है…भारत तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है, अब चीन और अमेरिका को पीछे छोड़ने की बारी है …चीन ढाई करोड़ से ज्यादा कारें बेची तो अमेरिका एक करोड़ 50 लाख यूनिट बेचने में कामयाब रहा…निक्केई एशिया के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने जापान को सिर्फ 50 हज़ार कार से पीछे छोड़ा है, फिर भी ये गर्व की बात है, क्योंकि भारत में कार उद्योग की शुरूआत 80 के दशक में हुआ जबकि बाकी देश काफी पहले से ही आगे थे

ये बात भी सही है कि हम जापान की मेट्रो से चलते है पर ख़ुश रहते हैं पर सच ये भी है कि अब भारत जापान की तकनीक के साथ जापान की क्वालिटी को भी पीछे छोड़ रहा है, महिंद्रा और टाटा की कार कंपनियों ने भारत के रास्तों के हिसाब से कार बनाना शुरू किया, कभी जब महिंदा ने कार बनाया तो कहा गया कि ट्रैक्टर बनाने वाली कंपनी कार कैसे बनाएगी पर वक्त ने सबको जवाब दिया, महिंद्रा की थार हो या फिर स्कॉर्पियों, SUV 700 हो या फिर XUV 300 सबका जलवा है, इधर टाटा ने छोटी कार में टाटा पंच और टाटा अल्ट्रॉज़ निकाली तो बड़ी कार में टाटा हेरियर जैसी गाड़ी देकर विदेशी कंपनियों को हिला डाला है.

भारत दुनिया को लीड करने की सीढ़ी पर खड़ा है, नितिन गडकरी कहते हैं हम डीजल को बैन कर देंगे, भारत जैसे विशाल देश में डीजल कार मुक्त करना बड़ी चुनौती है, रास्तों को सही करना फिर कम दाम में मार्केट में टिके रहना मुश्किल काम होता है, इसलिए कई विदेशी कंपनियां या तो भारत का बाज़ार छोड़ देती है या अपनी यूनिट बंद कर देती है, फॉर्ड जैसी बड़ी कंपनी भारत के बाज़ार को नहीं समझ पाई नतीजा वापस जाना पड़ा, होंडा कार के हालात भी ठीक नहीं है, जबकि कोरियाई कंपनी हुंडई ने मार्केट को समझ लिया और कब्जा भी ठीक किया है.

नरेंद्र मोदी सरकार ने MAKE IN INDIA पर ज़ोर दिया, कानून को सरल बनाया, उद्योगपतियों का ख़ास ख्याल रखा, नतीजा रिजल्ट आपके सामने है…विदेशी कंपनियां सुरक्षा के नाम पर भारत में महंगी कार बेचने में कामयाब होती रही है पर अब भारत की कंपनियों ने इसका विकल्प खोज लिया है…भारत की ये पांच कार पांच सेफ्टिंग रेटिंग के साथ सबसे सुरक्षित मानी जाती है
महिंद्रा की XUV300 को ग्लोबल NCAP टेस्ट में 5 स्टार रेटिंग मिली है. यह कॉम्पैक्ट SUV मजबूत चैसिस और बहुत से सेफ्टी फीचर्स के साथ आती है…टाटा की प्रीमियम हैचबैक कार टाटा अल्ट्रॉज को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में 5 स्टार रेटिंग मिली है…टाटा की कॉम्पैक्ट एसयूवी नेक्सॉन को ग्लोबल NCAP टेस्ट में 5 स्टार रेटिंग मिली है. यह कार 1.2-लीटर टर्बो पेट्रोल और 1.5-लीटर टर्बो डीजल इंजन ऑप्शन के साथ आती है….मारुति सुजुकी बेस्ट सेलिंग कारों में से एक विटारा ब्रेजा है. इस कार को ग्लोबल NCAP टेस्ट में 4 स्टार रेटिंग मिली है.

मर्सिडीज़ जर्मन कार कंपनी है, भौकाल के साथ सुविधा और सेफ्टी प्वाइंट के नाम पर अच्छा खासा पैसा लेती है…पर अब दौर बदल रहा है, भारत में आपको 5 स्टार रेटिंग के साथ टाटा और महिंद्रा की 10 लाख में अच्छा कार मिल जाती है, तय आपको करना है घर की मुर्गी साग बराबर या दूर के ढोल सुहावने होते हैं?