IPL के इतिहास में पहली बार BCCI ने योगी के लिए बदला अपना नियम
क्या बीसीसीआई और आईपीएल पर भी सीएम योगी आदित्यनाथ का असर दिखने लगा है. इसका मतलब क्या समझा जाये. क्योंकि जब आईपीएल शुरू हुआ था तो इसका मेन मोटीव दर्शकों का मनोरंजन करना था. इसीलिए इसे 20-20 ओवर का किया गया और अलग-अलग तरीके से मनोरंजन करने की कोशिश की गई. इसीलिए आईपीएल में चीयरलीडर्स को भी लाया गया. वो चौके-छक्के पर डांस करती हैं. विकेट गिरने पर भी नाचती हैं. लेकिन यूपी में ये नाच नहीं हुआ और आगे भी नहीं होगा. क्या ये सही है या गलत. लेकिन माना जा रहा है कि ये योगी इफेक्ट है कि लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेई स्टेडियम पर वो नाच नहीं हुआ जो पूरे हिंदुस्तान में क्रिकेट के नाम पर हो रहा है. इससे पहले भी कई लोगों ने चीयरलीडर्स पर सवाल उठाये थे कि ये हमारी संस्कृति के खिलाफ है. क्रिकेट के मैच में चीयरलीडर्स का क्या काम है. लोग वहां मैच देखने आते हैं, या चीयरलीडर्स देखने.

लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेई स्टेडियम में चीयरलीडर्स की कुर्सी खाली
4 अप्रैल को लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेई स्टेडियम में दिल्ली कैपिटल्स और लखनऊ सुपरजॉयंट्स के बीच मैच था. जिसमें चीयर लीडर्स नहीं थी. ये देखकर सारे दर्शक हैरान थे. किसी को कुछ नहीं समझ आ रहा था ऐसा किसलिए हुआ. क्योंकि आईपीएल के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ था. बस कोरोना के वक्त जब दर्शकों पर पाबंदी थी तभी चीयरलीडर्स नहीं नाचती थी. तो ऐसा क्यों हुआ?

भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए स्टेडियम में चीयरलीडर्स को लाया
माना जा रहा है कि ये योगी इफेक्ट है. क्योंकि किसी और स्टेडियम में ऐसा नहीं हुआ. लोग कह रहे हैं कि योगी आदित्यनाथ भारतीय संस्कृति को बचाने वाले अगवा हैं जिनके राज्य में ये नंगपना नहीं चलेगा. ये आईपीएल वाले पहले से जानते थे इसीलिए लखनऊ के स्टेडियम में चीयरलीडर्स को लाया ही नहीं गया.

मैच में यहां चौके-छक्के तो खूब लगे, मगर चीयर गर्ल्स की गैरमौजूदगी से सेलिब्रेशन डांस नहीं हुआ. चीयर्स गर्ल्स के लिए बनाया गया स्टैंड भी सूना ही रहा. चीयर गर्ल्स के नाम पर किसी तरह की अभद्रता को बढ़ावा ना मिले, इसी वजह से लखनऊ के मुकाबले में अब तक चीयर लीडर्स गायब रहीं. माना जा रहा है आने वाले मैचों में भी चीयर गर्ल्स देखने को ना मिलें.
आपको क्या लगता है क्या आईपीएल में चीयरलीडर्स होनी चाहिए या नहीं. क्या इस तरह की गतिविधी भारतीय संस्कृति को नुकसान पहुंचा रही है.
सूत्रों का कहना है कि, विशेष तौर पर शासन और सरकार से बड़ा इशारा मिला है, इसलिए स्टेडियम में चीयर गर्ल्स का इंतजाम नहीं किया गया है. माना जाता है कि चीयर गर्ल्स की वजह से कई बार अराजकता की स्थिति भी पैदा हो जाती है. जिसके चलते यहां पर व्यवस्था नहीं की गई है. फिलहाल आयोजक अगले मैचों के लिए चीयर गर्ल्स को फील्ड के बाहर लाने की तैयारी कर चुके हैं. अनुमति मिलने पर ही आने वाले मैचों में चौकों और छक्कों पर नृत्य करती लड़कियां नजर आएंगी. इंडियन प्रीमियर लीग के तहत अगला मुकाबला लखनऊ में हैदराबाद सनराइजर्स और लखनऊ सुपरजाइंट्स के बीच 7 अप्रैल को शाम 7:30 बजे से खेला जाएगा.
इस मैच में भी चीयर गर्ल्स देखने को नहीं मिलेंगी. वैसे भी ये स्टेडियम अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर स्टेडियम है तो उनके नाम वाले स्टेडियम में तो भारतीय संस्कृति को तार-तार होते हुए योगी आदित्यनाथ नहीं देख पाएंगे. इसीलिए सीएम की ओर से ये इशारा मिला होगा. कि ऐसा नहीं करना है. अब देखना ये है कि अगले मैचों में चीयरलीडर्स अगर नहीं होती हैं तो दर्शकों का क्या रुझान रहता है.