कोहली उसकी तारीफ करते हैं, धोनी उसके बहुत बड़े फैन हैं!
बुमराह को तोड़ता है, कार्तिक की तरह लंबा छक्का मारता है!
दिग्गज कहते हैं त्रिपाठी महान है, चयनकर्ता भरवा रहे पानी
धोनी-सचिन,सहवाग जिसकी तारीफ करते हैं वो बाहर क्यों है

कहते हैं छोटा पैकेट बड़ा धमाका ही कमाल करता है…रांची का एक लड़का अपनी बारी का इंज़तार कर रहा है? धोनी की तरह वो भी रांची के साथ देश का नाम रोशन कर सकता है? दुनिया के बड़े बड़े गेंदबाज़ों की हालात ख़राब कर सकता है! राहुल त्रिपाठी का चौका-छक्का मारने का तरीका एकदम दिनेश कार्तिक की तरह है? IPL में ऐसी कोई टीम नहीं जिसकी धुनाई राहुल त्रिपाठी ने न की हो…दुर्भाग्य ये है कि उम्र तो बढ़ रही है पर राहुल को क्रिकेट टीम में मौका नहीं मिला…क्रिकेट के जानकार हर्षा भोगले यहां तक कहते हैं कि अगर मैंने अपनी टीम बनाई तो राहुल त्रिपाठी को टीम में सबसे पहले रखता…रवि शास्त्री कहते है नंबर तीन या नंबर चार पर त्रिपाठी से बड़ा कोई बल्लेबाज़ नहीं होगा, जब विराट कोहली को आराम दिया गया तब भी राहुल त्रिपाठी को मौका नहीं दिया गया…31 साल की उम्र बेशक हो गई हो लेकिन कारनामा जारी है…IPL में बुमराह की ऐसी पिटाई की थी, कि रोहित को मैच रोककर बात करनी पड़ी थी…बुमराह ने मैच के बाद खुद भी राहुल त्रिपाठी की पीठ थपथपाई थी, इतनी शानदार बैटिंग करने के बाद मौका क्यों नहीं मिलता है…टीम इंडिया जब जिम्बावे और आयरलैंड दौरे पर गई, तो ऐसा ही हुआ. दोनों जगह इंडिया ने जीत का झंडा गाड़ा लेकिन एक खिलाड़ी मन मारकर बैठा रहा..उसके फैंस को तकलीफ इस बात की थी अगर प्लेइंग 11 में रखना ही नहीं था तो फिर टीम में चुना क्यों, क्या राहुल त्रिपाठी को वहां छुट्टियां मनाने लेकर गए… धोनी के शहर रांची से आने वाले त्रिपाठी दाहिने हाथ के बेहतरीन बल्लेबाज हैं, अगर टीम इंडिया उन्हें नंबर 3 पर उतार दे तो वो बड़े-बड़े बॉलर की हालत खराब दें, पाकिस्तान के नसीम शाह और शादाब तो त्रिपाठी के सामने पसीने पोंछते दिखेंगे. आईपीएल में जसप्रीत बुमराह तक को उन्होंने नहीं छोड़ा था, एक ओवर में दो चौक्के और एक छक्के लगाए थे, सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से रन बनाने वाले दूसरे सबसे अच्छे बल्लेबाज रहे, इसिलिए रवि शास्त्री और सचिन तेंदुलकर जैसे महान क्रिकेटर भी उसे महान कहते हैं, तेंदुलकर ने कहा कि

राहुल की फीयरलेस और क्लीन हिटिंग मुझे पसंद आई, वो बिल्कुल सहवाग की तरह शॉर्ट्स खेलता है, वो दूसरा सहवाग बन सकता है.

जबकि हरभजन सिंह कहते हैं कि वो विराट कोहली के बाद इकलौता ऐसा खिलाड़ी है जो फिटनेस के लिए गंभीर है, वो काफी जुनूनी है, त्रिपाठी हर वो एक्सरसाइज करते हैं जो कई लोग नहीं कर पाते. इतनी तारीफ पाने वाला खिलाड़ी आज अगर टीम से बाहर है तो फिर टीम इंडिया की हार का जिम्मेदार कौन होगा, कहते हैं खिलाड़ियों का डेब्यू उस मैच में करवाना चाहिए जिसके जीतने न जीतने से सीरीज पर कोई असर न पड़े, या फिर आपके सामने कोई ऐसी कमजोर टीम हो जिससे आप आसानी से जीत सकें, लेकिन राहुल ही नहीं बल्कि ओपनर बल्लेबाज ऋतुराज गायकवाड़ और ऑलराउंडर शाहबाज अहमद को मौका नहीं मिल रहा है, चयनकर्ता इन खिलाड़ियों से सिर्फ पानी भरवा रहे हैं, आखिर इसकी वजह क्या हो सकती है. क्या गांगुली उन नए खिलाड़ियों को मौका नहीं देना चाहते जिनकी तारीफ धोनी जैसा खिलाड़ी करता हो, क्योंकि गांगुली और धोनी के रिश्ते ठीक नहीं है. कई बार गांगुली पर इस तरह के भेदभाव के आरोप लग चुके हैं, जब खिलाड़ी कैच ड्रॉप करता है, मिस फील्डिंग करता है और आउट ऑफ फॉर्म होता है तब भी ऐसे सवाल उठते हैं. गांगुली ने तो विराट तक को बाहर करने की धमकी दे दी थी लेकिन ऐसे तेज तर्रार नए खिलाड़ियों को मौका देने पर वो कुछ नहीं बोलते, 8 महीने में टीम इंडिया ने 8 कप्तान बदले, उसकी वजह चाहे जो भी रही हो लेकिन एक बात तो तय है कि टीम में सबकुछ सही तरीके से नहीं हो रहा, अगर ये नहीं सुधरा तो भारत पाकिस्तान क्या दुनिया के किसी छोटे देश से भी मैच हार सकता है, इसलिए सेलेक्शन से लेकर रणनीति तक में बदलाव लाना होगा