गंभीर को न माही पसंद हैं,न कपिलदेव,वर्ल्ड कप का नाम सुनते ही क्यों भड़क जाते हैं
जब-जब वर्ल्ड कप आता है, गंभीर गुस्से में लाल हो जाते हैं, वो भले ही अब नेता बन गए हों, लेकिन 11 साल पुरानी वो कहानी अब तक नहीं भूल पाए हैं, क्रीज पर आते ही धोनी ने उनसे कुछ ऐसा कहा था कि वो बात उन्हें आज भी चुभती है. इसलिए धोनी को खरी-खोटी सुनाने का कोई भी मौका गंभीर नहीं छोड़ते. हम वो किस्सा आपको सुनाएं उससे पहले धोनी और गंभीर के फैंस के बीच चल रहे कोल्ड वॉर की कुछ तस्वीरें देखिए.
MS धोनी ने जिसे दिलाया जीत का क्रेडिट, गंभीर ने कहा इस नाम का तो मेरा कुत्ता है
पहली तस्वीर 25 सितंबर की है, जब धोनी ने ओरियो बिस्किट लॉन्च करते हुए कहा कि 2011 में ओरियो लॉन्च हुआ तो भारत वर्ल्ड कप जीता अब 2022 में ओरियो फिर से लॉन्च हुआ इसलिए फिर वर्ल्ड कप जीतेगा. जबकि दूसरी तस्वीर 27 सिंतबर की है

इसमें गौतम गंभीर, उनकी बेटी और कई सारे डॉगी दिख रहे हैं, वीडियो में गंभीर की बेटी डॉगी को ओरियो-ओरियो कहकर बुलाती है, इसका सीधा मतलब ये था कि गंभीर ने धोनी पर तंज कसा है. इन दोनों तस्वीरों को लेकर अब ट्विटर पर दोनों के फैंस आपस में भिड़ने लगे हैं, कोई धोनी को महान बता रहा है तो कोई गंभीर को सही ठहरा रहा है. लेकिन दोनों में से किसी को सही या गलत ठहराने से पहले आपको ये किस्सा सुनना चाहिए.

तारीख थी 2 अप्रैल 2011, जगह- मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम, वर्ल्ड कप में भारत और श्रीलंका के बीच फाइनल मुकाबला चल रहा था, गौतम गंभीर ने 9 चौकों की मदद से 97 रनों की शानदार पारी खेली, इसी दौरान धोनी ने उनसे कहा कि तुम्हें बस 3 रन और बनाने हैं, उसके बाद शतक पूरा हो जाएगा, लेकिन गंभीर अगले ही गेंद पर आउट हो गए, गंभीर कहते हैं कि धोनी की बात ने उनका ध्यान भटका दिया, जबकि आम तौर पर खिलाड़ी ऐसा हौसला बढ़ाने के लिए करते हैं, गंभीर इस बात से धोनी से नाराज थे, और मैच के बाद मीडिया ने धोनी को हीरो बना दिया, धोनी-युवराज की जोड़ी ने इस मैच में कमाल कर दिया था, 8 चौके और 3 छक्कों की मदद से धोनी ने 91 रन की पारी खेली तो पूरा देश धोनी-धोनी करने लगा, यहां तक कि धोनी का एक छक्का तो काफी मशहूर हुआ था, जिस पर गंभीर ने कहा था कि

विश्व कप जीतने में पूरी टीम का सपोर्ट था, एक छक्के के लिए इतना प्यार, युवराज सिंह इस मैच में प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे थे, उन्होंने भी छक्के जड़े थे.
धोनी का शॉट्स, ग्लव्स और फैसला गंभीर को क्यों चुभता है, 11 साल पुरानी है कहानी
मतलब वहीं से गंभीर और धोनी के बीच कोल्ड वॉर की शुरुआत हो चुकी थी, लेकिन कैप्टन कूल धोनी ने इस बारे में कभी खुलकर कुछ नहीं किया, क्योंकि वो जानते हैं कि फालतू के विवाद में पड़ने का कोई मतलब नहीं है, अभी कुछ दिनों पहले भी गौतम गंभीर ने कप्तान को हीरो बनाए जाने पर सवाल खड़े किए थे, उन्होंने कहा कि 1983 का वर्ल्डकप सिर्फ कपिलदेव के भरोसे टीम नहीं जीती, उसी वक्त से कप्तान को हीरो बनाने का चलन आ गया, फिर धोनी और विराट को हीरो बनाया गया, लेकिन मेरा कहना है किसी एक को हीरो मत बनाइए. दरअसल गंभीर को इस बात का दुख है कि इतनी अच्छी पारी खेलने के बावजूद भी उनकी ज्यादा तारीफ क्यों नहीं हुई, साल 2019 के वर्ल्ड कप में जब धोनी ने सेना का निशान वाला ग्लव्स पहना तब भी खूब विवाद मचा, तब गंभीर ने कहा था कि आईसीसी को ये नहीं देखना चाहिए कौन क्या पहनता है, उसे खेल पर ध्यान देना चाहिए, यहां तक कि शुरुआत में जब धोनी शॉट्स लगाते थे तो गंभीर जैसे कई खिलाड़ी उसका मजाक उड़ाते थे.
धोनी गंभीर से उम्र में एक साल बड़े हैं और उनसे ज्यादा कूल भी रहते हैं. इसलिए कहते हैं लोकप्रियता और सम्मान कहने से नहीं मिलती और ये बात क्रिकेटर से नेता बने गंभीर को अच्छी तरह समझनी होगी. वरना ट्विटर पर एक नया कोल्ड वॉर फिर शुरू हो सकता है, जिसमें धोनी की तरफ से सिर्फ उनके फैंस और खिलाड़ी बोलते हैं, धोनी खुद जल्दी नहीं बोलते, धोनी-गंभीर विवाद के बीच ही किसी ने ऑलरउंडर इरफान पठान का करियर खत्म करने का आरोप धोनी पर लगाया तो इरफान पठान खुद सामने आए और उन्होंने ट्विटर पर लिखा इसके लिए किसी को कसूरवार मत ठहराओ, प्यार के लिए शुक्रिया, यही तो महान खिलाड़ियों का अंदाज है कि वो ब्लेम गेम में यकीन नहीं रखते. इस विवाद पर आपकी क्या राय है हमें कमेंट कर बता सकते हैं.