मथुरा की शाही ईदगाह पर जब जज साहब अपना आदेश सुना रहे थे तो उस वक्त मोदी और योगी क्या कर रहे थे, ये सवाल कई लोगों के मन में इसलिए भी हैं, क्योंकि योगी खुलकर कई बार कह चुके हैं कि अयोध्या के बाद अब काशी-मथुरा की बारी है, सीएम योगी का ये बयान यूपी चुनाव के वक्त का है, जिसमें वो कहते हैं मथुरा-वृंदावन भी बाकी नहीं रहेगा.

हमने कहा था प्रभु राम के भव्य मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ करवाएंगे, मोदीजी ने कार्य प्रारंभ करा दिया है न, खुश हैं, अयोध्या में राम मंदिर बनने से खुश हैं, सभी लोग, अभी काशी में भगवान विश्वनाथ का धाम भी भव्य रूप से बन रहा है, आपने देख लिया न, और फिर मथुरा-वृंदावन कैसे छूट जाएगा, वहां पर भी काम भव्यता के साथ आगे बढ़ चुका है.

इससे पहले केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर हिंट दिया था कि अब काशी की तैयारी है. मतलब सरकार पूरी तैयारी में है, बस कोर्ट के फैसले का इंतजार है, इसिलिए कोर्ट के आदेश आने के बाद से ट्विटर पर ये ट्रेंड करने लगा कि कृष्णलला हम आएंगे. इस फैसले के वक्त सीएम योगी दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात कर रहे थे, ये एक इत्तेफाक ही है कि जब-जब ऐसे फैसले होते हैं पीएम मोदी और योगी साथ में होते हैं. ज्ञानवापी पर फैसला आने से ठीक पहले भी मोदी-योगी की मुलाकात हुई थी. मुलाकात में भले ही देश और प्रदेश के विकास की बात हो, लेकिन चुनावी मुद्दों पर तो बात होती ही होगी. इसीलिए लोग इसे 2024 की तैयारी से जोड़कर देख रहे हैं. लेकिन 2024 का प्लान समझने से पहले आप कोर्ट का आदेश समझिए. दरअसल

श्रीकृष्णजन्मभूमि मथुरा के ठीक बगल में शाही ईदगाह मस्जिद है, हिंदू पक्ष का दावा है कि औरंगजेब ने जिस जमीन पर ये मस्जिद बनवाई है, उसके नीचे स्वस्तिक, मंदिर होने का प्रतीक और भगवान श्रीकृष्ण का गर्भगृह है. एक साल पहले हिंदू सेना ने मथुरा के जिला अदालत में याचिका दाखिल कर सर्वे की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने अब फैसला सुनाया है कि 2 जनवरी से सर्वे शुरू कीजिए और 20 जनवरी से पहले रिपोर्ट दाखिल कीजिए.
जिस तरह से वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के बाद हिंदू पक्ष का दावा मजबूत हुआ, वैसा ही दावा यहां भी किया जा रहा है. अगर ऐसा हुआ तो फिर नए साल पर भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों को बड़ी खुशखबरी मिल सकती है, लेकिन श्रद्धालु यही उम्मीद करेंगे कि ये मुद्दा राम मंदिर की तरह ज्यादा लंबा न खींचे और कपिल सिब्बल जैसा कोई वकील खड़ा न हो. मंदिर-मस्जिद के मुद्दे पर देश में सियासत का खेल पुराना है. इसलिए ये कहा जा रहा है कि 2024 चुनाव में बीजेपी इस मुद्दे को पूरी तरह से भुनाने की कोशिश करेगी.
साल 2023 तक राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा, देश में महंगाई-बेरोजगारी का मुद्दा अपनी जगह है
बीजेपी ने मथुरा और वाराणसी मंदिर के मुद्दे को हवा दी तो फिर वोटबैंक में फिर से उछाल दिख सकता है
विपक्ष बीजेपी से ज्यादा मोदी को हराने की जुगत में लगा है, लेकिन मोदी का विकल्प योगी बने तो दिक्कत हो सकती है
योगी ने इसके लिए अभी से तैयारी भी शुरू कर दी है, इसीलिए उनके बयानों में अब यूपी का नहीं देश का विजन दिखता है
योगी बुलडोजर लाएं या कानून व्यवस्था का मॉडल दिखाएं, या फिर निवेश की बात करें, उसे कई राज्य अपनाते हैं
तभी तो कई लोग कहते हैं कि 2024 चुनाव में न सही पर 2029 में बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री उम्मीदवार के लिए योगी चेहरा बन सकते हैं. आप इस बारे में क्या सोचते हैं हमें कमेंट कर बता सकते हैं.