ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी जब ये प्लान बना रहे थे कि हम चाय पीकर नई ताजगी से खेलेंगे, तो इंडिया के तीन खिलाड़ी कप्तान रोहित के पास जाकर ये कह रहे थे कि आज गोहों को कड़वी चाय पिलानी होगी, क्योंकि हार के बाद चाय कितनी भी मीठी हो कड़वी ही लगेगी और हुआ भी यही, इसका खुलासा खुद रोहित शर्मा ने मैच के बाद किया है, लेकिन उससे भी बड़ा दावा ये है कि ऑस्ट्रेलिया की टीम ने जब इंडिया के लिए फ्लाइट पकड़ी तभी ये फैसला हो गया था कि पहले टेस्ट में उसकी हार होने वाली है, पहले रोहित का बयान सुनिए, फिर बताते हैं ये दावा टेस्ट मैच में मौजूद किस खिलाड़ी ने किया है.

जब दूसरी पारी शुरु हुई, तभी अश्विन, जडेजा और अक्षर पटेल तीनों स्पिनर्स मेरे पास आए और कहा कि मैं बॉलिंग करूंगा, कोई कह रहा था मेरे 50 विकेट पूरे होने वाले हैं, कोई कह रहा था मेरे 450 विकेट होने वाले हैं, तो कोई कह रहा था भइया 5 विकेट पूरे कर लेने दो, मैं सोच में पड़ गया था कि बॉल किसे दूं.

आखिर में रोहित ने तीनों स्पिनर्स पर बारी-बारी से भरोसा जताया, और खिलाड़ियों का ये डेडिकेशन इतना काम आया कि चाय से पहले ही ऑस्ट्रेलिया की टीम एक पारी और 132 रनों से हार गई, और हार के बाद जब ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम में पहुंचे तो हर किसी का चेहरा उतरा हुआ था, कप्तान पैट कमिंस इस बात से परेशान थे कि जब हम इंडिया आए तो हमने इंस्टाग्राम पर मैसेज कर स्पेशली अश्विन के डुप्लीकेट को बॉलिंग के लिए बुलाया था, लेकिन यहां तो अश्विन की तरह दो और घातक खिलाड़ी मिल गए, अगले मैच में उनका क्या करेंगे, ऑस्ट्रेलियाई खेमे में इस बात पर सन्नाटा पसरा ही था कि इधर रविन्द्र जडेजा ने ये कहकर सनसनी फैला दी कि

ऑस्ट्रेलिया की टीम जब फ्लाइट में बैठी, तभी से उन्हें हार का डर सताने लगा था, क्योंकि वो वहीं से पिच का रोना शुरू कर चुके थे और जब यहां आए हार का मुंह भी देखना पड़ गया, जडेजा की बात अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि अक्षर पटेल ने ये कहकर कंगारुओं को चिढ़ा दिया कि पिच पर हम जब बैटिंग करने गए तो रन भी बन रहे थे और जब बॉलिंग कर रहे थे विकेट भी निकल रहा था.
मतलब ये तो चिढ़ाने वाली बात हुई कि भइया तुम जिस पिच पर खेल नहीं पाए, उस पर देखो हमने क्या गदर ढाया है, और ऑस्ट्रेलिया वालों को चिढ़ाना इसलिए भी थोड़ा जरूरी है क्योंकि कुछ सालों पहले तक वो इंडिया को ऐसे मानते थे जैसे ये टीम कभी उनसे जीत ही नहीं सकती, पर सचिन से लेकर धोनी तक के दौर और विराट से लेकर रोहित के दौर में ऑस्ट्रेलिया का घमंड हर बार टूटा है, इसीलिए ऑस्ट्रेलिया को अब अपनी पॉलिसी बदलनी चाहिए. दूसरे टेस्ट मैच में उतरने से पहले ऑस्ट्रेलिया सिर्फ रोहित-विराट पर फोकस करने की बजाय ये सोचना होगा कि

अश्विन,जडेजा और अक्षर का तोड़ कैसे निकालना है, 9वें नंबर के खिलाड़ी शमी को छक्का लगाने से कैसे रोकना है
पिच पर सवाल, टीम इंडिया के नए खिलाड़ियों को हल्के में लेने की भूल, और इंडिया से तो जीत ही लेंगे के ओवर कॉन्फिडेंस से बचना होगा.

वरना 17 फरवरी को जब दोनों टीमें दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में भिड़ेंगी तो कहीं इससे भी खराब रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम न बन जाए. आपको क्या लगता है पहले टेस्ट की तरह दूसरा टेस्ट भी क्या 5 दिन नहीं चलेगा या फिर इस बार मुकाबला कांटे की टक्कर का होगा.