भारत में झंडा हमेशा गरीब का बेटा ही गाड़ता है…ये है सिराज की फैमिली, एक दम सामान्य, न कोई मेकअप न ही कोई सुरक्षा…मोह्मद सिराज जिस वक्त मैदान पर गेंदबाज़ी कर रहे थे उस वक्त कैमरामैन ये तस्वीर बार-बार दिखा रहा था…हम पहले सिराज के परिवार की कहानी बताते हैं, फिर आपको बताते हैं, जिस खिलाड़ी को IPL में खराब गेंदबाजी की वजह से गाली पड़ती थी वो अचानक दुनिया का नया सनसनी कैसे बन गया ? वो गेंद कौन सी है जिसके दम पर उन्हें सफलता मिल रही है?

मोहम्मद सिराज को पिता पढ़ाना चाहते थे, मां गांव के मैदान से सिराज को पकड़कर लाती, ऐसा शायद हर हिन्दुस्तानी घर में होता है…सिराज का मैच देखते हुए उनकी मां भावुक हो गई, ये सिराज का परिवार है…सिराज की बॉलिंग फिलहाल भारत में अर्शदीप से अभी अच्छी है, मोहम्मद शमी और बुमराह के बाद अगर कोई भारतीय गेंदबाज़ी का जिम्मा संभालने वाला है तो वो हैं सिराज…पर ये सिराज आए कहां से, पिता ने ऑटो क्यों बेच दी थी? क्या अब भी ऑटो चलाते हैं? एक मिनट में सुनिए सिराज के संघर्ष की 20 साल की कहानी…हैदराबाद के एक गरीब परिवार में सिराज का जन्म हुआ, आप कह सकते हैं सिराज ने ज़िंदगी जीना नहीं सिखा, न महंगा कपड़ा था, न इंग्लिश मीडियम स्कूल, सिराज जिस परिवेश में पले-बढ़े वो हालात सामान्य नहीं थे, सिराज की ज़िंदगी में मां-बाप से बड़ा दर्जा विराट और रोहित का है…सिराज के साथ टीम इंडिया में भेदभाव की ख़बरें भी आती रही है…पर विराट और रोहित ने वो जगह दिलाई जिससे एक आम इंसान का परिवार आज स्टेडियम में बैठकर बेटे का मैच देख रहा था…

श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज के 3 मैचों में 9 विकेट लिए, 7 विकेट उन्होंने पावरप्ले में ही लिए. न्यूज़ीलैंड के दो बल्लेबाज़ों को भी पावरप्ले में ही OUT किया. 2022 की शुरुआत से अब तक पावरप्ले में वे ज्यादा वनडे विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. नई गेंद से उनकी गेंदबाजी को वर्ल्ड क्लास क्यों कही जा रही है? ऐसे में सवाल उठता है कि पिछले एक साल में सिराज ने ऐसा क्या किया है जिससे उनकी गेंदबाजी इतनी ख़तरनाक हो गई है. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि सिराज ने एक ऐसा ‘ब्रह्मास्त्र’ डेवलप कर लिया है जो मौजूदा समय में सिर्फ इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के पास है. हमने इसकी गहनता से पड़ताल की है.

इस ब्रह्मास्त्र का नाम है ‘वॉबल सीम डिलीवरी’….वॉबल (Wobble) का मतलब होता है लड़खड़ाना…गेंदबाजी में इस शब्द का इस्तेमाल तब होता है जब बॉलर के हाथ से निकलने के बाद गेंद की सीमा स्थिर नहीं होती है…वो लड़खड़ाती रहती है…यानी वो बाएं-दाएं हिलती रहती है…यानी गेंदबाज के हाथ से छूटने के बाद से पिच पर टप्पा खाने तक गेंद की सीम एक दिशा में स्थिर रहने की बजाय दोनों दिशाओं में मूव होती रहती है…इससे बल्लेबाज कनफ्यूज रहते हैं कि गेंद टप्पा खाने के बाद अंदर आएगी या बाहर जाएगी…गेंद टप्पा खाने के बाद OUT SWING या INN SWING दोनों हो सकती है, इसलिए सिराज को विकेट मिल जाता है…ये वो कला है जो क्रिकेट की हिस्ट्री में ज्यादा गेंदबाज़ों के पास नहीं है
सिराज अगर ऐसी ही गेंदबाज़ी करते रहेंगे तो वो भारत ही नहीं दुनिया के महान तेज़ गेंदबाज़ों की लिस्ट में जगह बना लेंगे. जेम्स एंडरसन इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ हैं, उनके सामने किसी भी बल्लेबाज़ की हालत ख़राब रहती है, यहां तक कि वो चालाक गेंदबाज़ कहे जाते हैं, हम कुछ उदाहरण दिखाते हैं.

दुनिया के तेज़ गेंदबाज़ से ज्यादा चालाक तेंज गेंदबाज़ सफल होते हैं, कहने का मतलब शोएब अख़्तर और शॉन टैट तो बहुत तेज़ गेंद फेंकते थे पर दोनों उतने सफल नहीं हुए, जेम्स एंडरसन चालाक माने जाते हैं, यानि बल्लेबाजा का दिमाग रीड कर लेते हैं, सिराज लगातार यही कर रहे हैं, OUT करने से पहले बल्लेबाज़ से कुछ कहते हैं और अगली गेंद पर विकेट मिल जाता है. पाकिस्तान के महान गेंदबाज वसीम अकरम थे, उन्हें भी चालाक गेंदबाज़ कहा जाता था.

एंडरसन ने 675 विकेट टेस्ट में लिए है, यानि अगर सिराज की तुलना उनसे हो रही है तो यहीं एक सफलता है. इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने वॉबल सीम डिलीवरी को फेमस किया. वॉबल सीम डिलीवरी की मदद से 40 साल की उम्र में भी वे कई युवा और दिग्गज बैटर्स को परेशान कर रहे हैं. पिछले 12 सालों से इसी बॉल का यूज कर एंडरसन ने कई बल्लेबाज़ों का करियर बर्बाद कर डाला है.
इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच कुछ दिन पहले ही टेस्ट मैच चल रहा था, रिज़वान को एक ऐसी गेंद फेंकी कि मैदान पर ही हैरान हो गए, रिजवान तो बोल्ड हो गए पर ये नहीं समझ पाए कि गेंद स्टंप तक पहुंची कैसे? इसी का नाम जेम्स एंडरसन है, और ऐसा ही नाम सिराज का होगा. क्योंकि सिराज के पास भी वो हथियार आ गया है जो सबके पास नहीं होता है.