कहते हैं पानी में बार-बार कंकड़ फेंकने पर एक दिन सागर भी गागर की तरह भर जाता है…क्रिकेट की ज़िंदगी में जब ऐसा ही सपना हकीक़त में बदला तो आज हमें और आपको उसकी तारीफ करनी चाहिए…ना जाने कितने खिलाड़ियों को मौका मिलता है…कोई छा जाता है, कोई टीम से बाहर जाता है…पर एक खिलाड़ी ऐसा भी है जिसकी कहानी अपने आप में एक आत्मविश्वास की पूरी किताब है…मां प्यार से जिसे बब्बू बुलाती है दुनिया उसका पूरा पता खोज रही है…नोएडा के शिवम मावी टीवी पर ही नहीं दर्शकों के दिल पर भी छा गए…एक मैच की चार शानदार गेंद के लिए 6 सालों से वो BCCI की तरफ देख रहे थे…फिर एक दिन आया, एक गेंद आई और वो खिलाड़ी सबको पंसद आया…हम उस एक गेंद के बारे में बताएं जिसके कारण श्रीलंका की हार हुई उससे पहले सुनिए शिवम मावी का कठिन संघर्ष

हर कप्तान की अपनी टीम होती है, जैसे धोनी ने रविंद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, कुलदीप यादव, सुरेश रैना पर मेहनत किया ठीक वैसे ही हार्दिक पांड्या ने भी शिवम मावी में एक सितारा देख लिया था…23 दिसंबर के दिन तय हो गया था कि मावी की ज़िदगी बदलने वाली है…IPL के ऑक्शन में सबसे पहले हार्दिक पांड्या ने शिवम मावी को अपनी टीम में चुना और फिर राहुल द्रविड़ की बिना सुने शिवम मावी को टीम इंडिया में मौका दिलाया, अर्शदीप जैसे गेंदबाज़ को आराम देकर पहले मैच में खिलाया और सारे सवालों का जवाब मिल गया…शिवम मावी को जब हार्दिक ने इंडिया की कैप पहनाई तो वो भावुक हो गए, ये आंसू इस बात की गवाही हैं कि गली क्रिकेट से लेकर शिवम मावी ने यहां तक के सफर में वो सब किया जो एक आम इंसान करता है…मावी का परिवार सामान्य है, मां और पिता को उम्मीद थी बेटा डॉक्टर बनेगा पर बेटा पढ़ाई से ज्यादा गली में क्रिकेट खेलता….गली वालों ने कहा वाह तो बेटा आगे बढ़ा, हर जगह उसकी वाहवाही हुई

8 साल की उम्र में ही पिता पंकज मावी कोच फूलचंद शर्मा के पास लेकर पहुंचे, 8 साल का बच्चे की गेंद स्पीड देखकर कोच हैरान हो गए, और वहीं से मावी को क्रिकेटर बनाने का सफर शुरू हुआ, फूलचंद ने मावी पर इतनी मेहनत की कि वो लोकल क्रिकेट में छा गए पर लोकल से इंटरनेशनल का सफर इतना आसान नहीं था…अब लड़ाई और बड़ी होने वाली थी…

शिवम के पिता ने नोएडा सेक्टर 71 में जनता फ्लैट में एक घर लिया, काम छोड़ बेटे की प्रैक्टिस करवाई, हीरो बेशक शिवम मावी बने हैं पर असली हीरो पिता हैं, शिवम मावी को साल 2018 के अंडर 19 वर्ल्ड कप में मौका मिला, यहां से लगा कि बस टीम इंडिया में पहुंचना बेहद करीब है तभी कुछ ऐसा हुआ सारे सपने बिखर गए, शिवम मावी ने अंडर19 में शानदार प्रदर्शन किया तो केकेआर ने IPL में उन्हें खरीदा पर किस्मत ने साथ नहीं दिया, और ऐसी चोट लगी कि क्रिकेट से करीब डेढ़ साल दूर रहना पड़ा. फिर वापसी हुई तो IPL अच्छा नहीं रहा, साथी, परिवार, शुभचिंतकों को लगा शायद शिवम मावी क्रिकेटर न बन पाए, लेकिन कहते हैं ना पत्थर पानी में फेंकने से सागर भी गागर बन जाता है हुआ भी ऐसा, उस वक्त अंडर 19 की टीम के कोच थे राहुल द्रविड़, कहते हैं राहुल द्रविड़ ने युवाओं की एक अच्छी टीम बनाई थी, और उन्हें मावी पर भरोसा था, पर वक्त के साथ मावी ने द्रविड़ की उम्मीद तोड़ दी और कहानी सफलता से दूर जाने लगी…लेकिन घरेलू मैच में शानदार गेंदबाज़ी की, ज़रूरत पड़ने पर बल्लेबाज़ी की तो फिर हार्दिक पांड्या ने मुड़ कर देखा और सपना हकीक़त में पलट गया.., मावी का साल 2018 में बेस प्राइज़ 20 लाख था पर कोलकाता ने 3 करोड़ में खरीदा था…अबकी बार IPL में गुजरात ने 6 करोड़ में खरीदा था…23 दिसंबर को न सिर्फ गुजरात टाइटंश की टीम में मौका दिलाया बल्कि देश की टीम में भी रखा और शिवम मावी ने किसी को निराश नहीं किया

शिवम मावी ने अपना पहला इंटरनेशनल विकेट बोल्ड करके लिया, श्रीलंका के ओपनर बल्लेबाज़ पथुम निशंका को गेंद समझ ही नहीं आई, और बोल्ड होकर जाना पड़ा, ये एक गेंद बताने के लिए काफी थी कि शिवम मावी कौन हैं? मुश्किल वक्त में जब एक वक्त लगा कि श्रीलंका जीत जाएगी तब मावी ने फिर विकेट दिलाया, अपने पहले ही मैच में चार ओवर में 22 रन देकर चार विकेट लेने वाले सिर्फ तीन भारतीय गेंदबाज़ हैं…आषिश नेहरा की तरह गति के परिवर्तन से बता दिया कि अब नया नेहरा टीम में आ गया है

शिवम मावी वंडर्स क्रिकेट एकैडमी में क्रिकेट सिखते, यहां कभी कभी सुरेश रैना भी प्रैक्टिस के लिए आते, जब रैना आते तो मावी को बुलाया जाता, उस वक्त मावी अंडर 16 में थे, पर मावी की स्पीड के आगे रैना भी चकमा खा जाते, मावी की मुलाकात उसी वक्त सुरेश रैना ने राहुल द्रविड़ से करवाई थी, और मावी ने किसी का दिल नहीं तोड़ा….रैना ने कई बार तारीफ की…और आज पूरा हिन्दुस्तान, शिवम के अपने, उनके विरोधी हर कोई तारीफ कर रहा है…इसलिए कहते हैं जब दुनिया कहे कि तुम जीत नहीं पाओगे तभी असली जीत की लड़ाई शुरू होती है