भारत में एक से बढ़कर एक संत पैदा हुए, देवराहा बाबा से लेकर नीम करौली बाबा तक कुछ ऐसे पैदा हुए जिनके चरणों में दुनिया के बड़े-बड़े दिग्गजों ने सिर झुकाया है…विराट कोहली की ज़िंदगी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था, इधर सौरभ गांगुली BCCI के अध्यक्ष बने उधर विराट जैसे महान खिलाड़ी का करियर पतन की तरफ बढ़ने लगा…कहते हैं जब किस्मत साथ न दे तो भगवान की शरण में चले जाना चाहिए, क्रिकेटर हों या अभिनेता या बड़े बिजनेसमैन सब विषम हालात में भगवान के शरण में ही जाते हैं…पर सवाल उठता है कौन हैं नीम करौली बाबा जिनका आशीर्वाद फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग और एप्पल जैसी कंपनी के मालिक स्टीव जॉब्स भी लेते हैं

यूपी के अकबरपुर गांव में पैदा हुए बाबा नीम करौली को 17 साल की उम्र में ही ज्ञान की प्राप्ति हो गई
इनका रियल नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था, जिन्होंने 1958 में ही घर त्याग दिया और देश में घूमने लगे
गुजरात में तपस्या की तो वहां लोग उन्हें लक्ष्मण दास, हांडी वाले बाबा और तिकोनिया बाबा कहने लगे

कहते हैं एक बार जब बाबा ट्रेन में सफर कर रहे थे, तो उनके पास टिकट नहीं था, टीटीई ने उन्हें अगले ही स्टेशन पर उतार दिया, ट्रेन आगे बढ़ पाती उससे पहले ही वो अपना चिमटा धरती पर गाड़कर बैठ गए, और फिर तो ट्रेन हिल भी नहीं पाई, आखिर में लोकल मजिस्ट्रेट जो बाबा को जानते थे वो आए और उन्होंने टीटीई को कहा कि इनसे माफी मांगो औऱ सम्मान से ट्रेन में चढ़ाओ, तब जाकर ट्रेन चली, ऐसे ही बाबा के चमत्कार के कई किस्से हैं, भक्त इन्हें हनुमानजी का अवतार मानते हैं, उत्तराखंड के नैनीताल में साल 1964 में बाबा ने जब आश्रम बनाया तो दूर-दूर से लोग इनके पास पहुंचने लगे, हर साल आज भी 15 जून को कैंची धाम में मेले का आयोजन होता है.

कोहली मेले के वक्त तो यहां नहीं पहुंच पाए, लेकिन वर्ल्ड कप में शतक लगाने के तुरंत विराट अपनी पत्नी अनुष्का के साथ कैंची धाम पहुंचे और बाबा का शुक्रिया अदा किया, उसके बाद श्रीलंका के खिलाफ उतरने से पहले कोहली वृंदावन पहुंचे तो सबको लगा संतों का आशीर्वाद लेने गए हैं, प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज के साथ कोहली की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई, लेकिन सबसे पहले कोहली बाबा नीम करौली के समाधिस्थल पर पहुंचे थे, दरअसल बाबा नीम करौली ने वृंदावन में ही आखिरी सांस ली थी, कोहली ने वहां अपने एक फैंस को बैट पर ऑटोग्राफ भी दिया था. उसके बाद वहां से निकले तो सीधा मैच में किस्मत आजमाने उतरे और किस्मत ने भरपूर साथ भी दिया.
बाबा नीम करौली के बारे में एक बात बड़ी मशहूर है कि उनके धाम में जो-जो भी गया उसकी मुराद जरूर पूरी हुई, एपल के मालिक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग और हॉलीवुड एक्ट्रेस जुलिया रॉबर्ट्स जब इस धाम पर पहुंचे तो उनकी जिंदगी ही बदल गई. एप्पल के फोन पर जो लोगो आप देखते हैं, वो भी बाबा नीम करौली का ही दिया हुआ था. जैसे इंदिरा गांधी को देवराहा बाबा ने हाथ का पंजा दिखाकर कांग्रेस का निशान रखने को कहा था, वैसे ही बाबा नीम करौली ने स्टीव जॉब्स को कटा हुआ सेब दिया तो ऐपल ने उसे अपना लोगो बना लिया. कोहली बाबा से तो नहीं मिले, लेकिन उनके मंदिर में दर्शन करने से उनकी जिंदगी में कई बदलाव आए हैं.
वैसे तो हर खिलाड़ी अपने खेल से महान बनता है, कोहली अपने दौर के सभी खिलाड़ियों में महान हैं, ताबड़तोड़ शतक और नए रिकॉर्ड कोहली के नाम को और विराट बनाते हैं, लेकिन जब बीते एक साल से आप कोहली का करियर देखते हैं तो लगता है कि बैट से लेकर बैट पकड़ने तक का अंदाज सबकुछ वही था, लेकिन कोहली के अंदर आत्मविश्वास की भारी कमी थी. वो फील्ड पर उतरते थे रनों का पहाड़ खड़ा करना तो दूर अर्धशतक तक भी नहीं पहुंच पाते थे, लेकिन अब कोहली का दौर वापस लौट चुका है, चाहे वो बाबा के आशीर्वाद से हो या अपनी मेहनत से.