कहते हैं संत अगर सच्चा हो तो वो बड़ा से बड़ा चमत्कार कर सकता है, और कुछ ऐसा ही चमत्कार एक संत ने अंबानी परिवार के साथ किया है. धीरूभाई अंबानी ने कैसे अपनी शुरूआत की ये तो सब जानते हैं लेकिन उन्हें एक संत ने कैसे शिखर तक पहुंचाया ये बहुत कम लोग जानते हैं, ये वो संत हैं, जिनके पास ऐसा लगता है कि लखपति से अरबपति बनाने का फॉर्मूला है. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं वो भी समझिए.

अपने बिजनेस करियर में अडाणी कई बार गिरे और उठे, लेकिन मुकेश अंबानी के साथ कभी कोई बड़ी दिक्कत नहीं होती, और इसकी वजह है उनकी मेहनत और आस्था. उनकी मेहनत के किस्से तो हर कोई सुनाता है, लेकिन हम आपको उनकी आस्था का किस्सा सुनाते हैं, उस दौर में जब कम पैसे वाले लोग संतों पर सवाल उठा रहे हैं, अंबानी जैसा रईस आदमी एक संत की सलाह से ही हर बड़े से बड़ा डील करता है. शायद वो अडाणी को भी ये सलाह दें कि एक बार गुरुजी से मिलें.
ये तस्वीर देखिए, अंबानी के साथ उनके गुरु रमेश भाई ओझा खड़े हैं, जो दीप प्रज्वल्लित कर रहे हैं, कहा जाता है कि ये तस्वीर साल 2001 की है, जब रिलायंस ने जामनगर में अपनी रिफाइनरी खोली थी, और उस वक्त इसका उद्घाटन अंबानी परिवार ने संत रमेश भाई ओझा से करवाया था.
कहते हैं मुकेश अंबानी की मां कोकिलाबेन संत रमेश भाई ओझा के वीडियो देखा करती थी, जिसे देखने के बाद एक दिन धीरूभाई अंबानी ने रमेश ओझा को अपने घर कथा कहने के लिए बुलाया, तब एक हफ्ते के रामायण पाठ के दौरान संत रमेश भाई ने कई ऐसी बातें बताई जिससे अंबानी परिवार का विश्वास उन पर और बढ़ गया.

जब मुकेश और अनिल अंबानी के बीच झगड़ा हुआ तो समझौता भी रमेश भाई ने ही करवाया था, शादियों से लेकर हर शुभ काम रमेश भाई ही करवाते हैं, पर हिंदुस्तान के इतने अमीर व्यक्ति के गुरु होने के बाद भी रमेश भाई ओझा के अंदर इस बात का न तो कोई घमंड है और ना ही लालच, गुजरात के पोरबंदर में इनका एक गुरुकुल चलता है, जो काफी फेमस भी है. सिर्फ अंबानी ही नहीं बल्कि पीएम मोदी भी इनका काफी सम्मान करते हैं, सुषमा स्वराज ने तो इनके कहने मात्र पर ही भगवद्गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग कर दी थी. अब अंबानी का बिजनेस जैसे-जैसे बढ़ रहा है, इधर गुरुजी की ख्याति भी बढ़ रही है, अपनी दादी की इच्छा पूरी करने के लिए अध्यात्म की राह पकड़ने वाले रमेश भाई अंबानी परिवार के सबसे करीब हैं,
यहां तक कि महाशिवरात्रि के मौके पर जब अंबानी ने सोमनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक कर 1.5 करोड़ रुपये दान किए, तब भी ऐसी चर्चा हुई कि संत रमेश भाई की सलाह पर ही अंबानी का रूझान धर्म के प्रति लगातार बढ़ता जा रहा है, क्योंकि हर व्यक्ति को चाहे वो गरीब हो या अमीर उसे अपना बुढ़ापा भगवद्भक्ति में ही बिताना चाहिए, ऐसा शास्त्रों में भी लिखा है. हालांकि कुछ लोग ये भी कहते हैं अनिल अंबानी अपने गुरु की बात नहीं मानते, इसीलिए लगातार घाटे में जा रहे हैं, पर ये किस्मत का खेल भी है, आपकी इस पर क्या राय है हमें कमेंट में बता सकते हैं.