8 बजे इंटरव्यू में मोदी से पूछा जाना था पंजाब पर सवाल, उसके पहले ही डोभाल ने करवा दिया अमृत पाल को गिरफ्तार
ऑपरेशन पंजाब को कोई IPS नहीं खुद शाह कर रहे हैं लीड, डोभाल से लेकर सेना के अधिकारियों को भी मैदान में उतारा!
अलग देश खालिस्तान की मांग, देश की संप्रभुता को तोड़ने का प्लान! मोदी-शाह को ललकारा तो सिर्फ 20 दिन में मिला जवाब

अचानक PMO से लेकर गृहमंत्रालय के साथ अजीत डोभाल के कार्याकल का फोन बजने लगा! अमित शाह खुद कार्यालय में बैठे थे, अजीत डोभाल के हाथों में ऑपरेशन का पूरा प्लान था, हवा से लेकर ज़मीन तक, दिल्ली से लेकर पंजाब तक एक रणनीति बनाई गई और फिर वो हुआ जिसका इंतज़ार हर भारतीय को था. गिरफ्तारी के लिए एक अनोखा प्लान बनाया गया! 18 मार्च को रात 8 बजे PM मोदी का इंडिया टूडे कॉन्क्लेव में लाइव इंटरव्यू था. ज़ाहिर था ये सवाल वहां पूछा जाता? पंजाब की हालत पर मोदी को जवाब देना था! उसके पहले सरकार ने पूरी ताकत लगाई! भगवंत मान नाम के मुख्यमंत्री रह गए सारा काम दिल्ली से अजीत डोभाल और अमित शाह की टीम कर रही थी…पंजाब पुलिस को गृह मंत्रालय के आदेश का पालन करना पड़ा…

शनिवार की रात जब अमृतपाल चैन की नींद सो रहा था, पंजाब पुलिस उसकी गिरफ्तारी का प्लान बना रही थी, प्लान इतना तगड़ा था कि उसे कानों-कान ख़बर तक नहीं लगी, शनिवार की सुबह जब वो जालंधर के मैहतपुर इलाके से निकलने वाला था, नकौदर के पास उसका काफिला अचानक से रोक लिया गया, वो कुछ समझ पाता तभी करीब 100 गाड़ियों में सवार पुलिसवालों ने मोर्चा संभाला और उसके आगे की दो गाड़ियों की सवार में 6 लोगों को अपनी गाड़ी में बिठा लिया, लेकिन अमृतपाल यहां भी बच निकलने के प्लान बनाने लगा, उसने मर्सिडीज कार की स्पीड बढ़ाई और भागने लगा, नकौदर की सड़क पर आगे-आगे अमृतपाल और पीछे-पीछे पुलिस की दर्जनों गाड़ियों देख लोगों को ऐसा लग रहा था जैसे फिल्म की शूटिंग चल रही हो, आखिर में अमृतपाल को जब लगा कि पकड़ा जाऊंगा, वो गाड़ी में बैठे-बैठे ही समर्थकों से अपील करने लगा कि सब इकट्ठा हो जाओ, लेकिन कोई तरकीब काम नहीं आई और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया, हालांकि फ्रंट पर भले ही पंजाब पुलिस के जवान थे, लेकिन कहा जा रहा है उन्हें आदेश दिल्ली से मिल रहा था. अब गिरफ्तारी के बाद एहतियातन पंजाब में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है, लेकिन सवाल ये है कि आखिर ये अमृतपाल है कौन जिसने पंजाब पुलिस के नाक में दम कर दिया है, सीधा शाह को चैलेंज करता है.
2012 में काम की तलाश में अमृतपाल सिंह दुबई गया, वहां वो खालिस्तानी मूवेंट के साथ जुड़ गया
10 साल बाद यानि 2022 में वो इंडिया वापस लौटा, इंडिया से जाते वक्त देशभक्त था पर आने के बाद खालिस्तानी हमदर्द बन गया…
2022 सितंबर में अमृतपाल सिंह को “वारिस पंजाब दे” का मुखिया बनाया गया, यही से वो देश को बांटने निकल पड़ा था, पर उसको ये नहीं पता था, केंद्र में मोदी है, अजीत डोभाल है, बचना नामुमकिन होगा
9 दिसंबर को गुरूद्वारा बिहारीपुर में तोड़फोड़ करवाता है, 13 दिसंबर को जालंधर के गुरूद्वारे में तोड़फोड़ करवाता है, 23 फरवरी 2023 को पंजाब पुलिस के थाने पर ही कब्जा करने पहुंचा, उस वक्त सैकड़ों समर्थक भी थे
तीन मुकदमों का आरोपी अमृतपाल अब पुलिस की पूछताछ में कई बड़े राज उगल सकता है, क्योंकि कनाडा से लेकर यूरोप तक से उसके संगठन को फंडिंग देने की बात भी सामने आई है, कहा ये तक जा रहा है कि अमृतपाल को दुबई से अचानक हिंदुस्तान भेजने और फिर यहां आकर खालिस्तान के जिन्न को जिंदा करवाने का जिम्मा किसी विदेशी साजिश का हिस्सा है, जिसका खुलासा होना देश की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है.
ब्यूरो रिपोर्ट ग्लोबल भारत टीवी