IPS अभिषेक पल्लव, का अपराधियों से पूछताछ का कुछ अलग ही अंदाज
फोन जब दे रहे हैं डेढ़-डेढ़ लाख रुपये का, ये तो हम अपने बेचारे कॉन्स्टेबल को नहीं दे पा रहे हैं, अब तो हाई पैकेज में आ गए हैं ये लोग, बोलते हैं 15 हजार, 25 हजार, अरे भाई, 17 लाख, 45 हजार का एक दिन में ट्रांजेक्शन है. देखिए जरा
राष्ट्रपति से मिल चुका है वीरता पदक,नाम सुनते ही भागने लगते हैं नक्सली,कर देते हैं सरेंडर
AIIMS से की पढ़ाई, फिर पास किया UPSC, एनकाउंटर में नहीं, इंटोरेगशन में रखते हैं यकीन! जितना 25 लाख कमा रहे हो न, उतनी धाराएं भी लगेंगी इस बार, ठीक है

एसपी यानि हाथों में डंडा, कमर में पिस्तौल और कड़क आवाज अगर आप भी समझते हैं तो इन्हें देखकर एसपी की ये वाली छवि भूल जाएंगे, ये हैं IPS अभिषेक पल्लव, जिनकी तैनाती है छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में, लेकिन ये अपने ऑफिस में कम और फील्ड में ज्यादा रहते हैं, कभी गाड़ियों की चेकिंग कर कानून सीखाते हैं तो कभी अपराधियों से मस्ती मजाक वाले अंदाज में पूछताछ करते हैं, पहले उनका अंदाज देखिए, फिर बताते हैं कैसे यूपीएससी की तैयारी के कारण उनकी शादी टूटने वाली थी और वो अपराधियों से लाइव पूछताछ क्यों करते हैं.
IPS अभिषेक पल्लव अपराधियों के साथ मजाकी अंदाज

जेल गए हो कभी, 354 कब कर दिए, अच्छ हो गया, सबकुछ ऐसे ही होता है, और फरार कैसे थे तुम, इतना शातिर समझते हो खुद को, 3 दिन से भाग रहा था, पुलिस के हाथ भइया बहुत लंबे हैं, ये ब्रांडेड कपड़े पहन कर, मसल्स बनाकर कुछ नहीं होगा, अपराध करोगे तो जेल ही जाना पड़ेगा.
ये अंदाज देखकर हो सकता है आप भी चकरा गए हों, आपको लग रहा होगा कि एसपी अगर अपराधियों से ऐसे बात करेंगे तब तो क्राइम रेट बढ़ेगा, लेकिन ये पूरा सच नहीं है, बिहार के बेगुसराय से आने वाले अभिषेक पल्लव एक साइकेट्रिस्ट डॉक्टर भी हैं, उन्होंने गोवा के बाद AIIMS दिल्ली से डॉक्टरी की पढ़ाई की, उसके बाद शादी की तारीख तय होते ही कहा मैं यूपीएससी की तैयारी करूंगा, होने वाले ससुर ने कहा दिया या तो तैयार करो या शादी टूटेगी, किसी तरह बात बनी और फिर उन्होंने एक ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली, इनकी पत्नी भी डॉक्टर हैं, डॉक्टर होने की वजह से ये चोरों की मनोदशा भी बहुत बेहतर तरीके से जानते हैं, वो खुद कहते हैं कि

जब मैं ये आइडिया लेकर आया कि अपराधियों से लाइव यानि कैमरे पर पूछताछ करेंगे तो कइयों ने विरोध जताया, लेकिन मेरा मानना था कि हर अपराधी एक ही जैसा नहीं होता, हमारा जोर हार्ड पुलिसिंग से ज्यादा लोगों को सुधारने पर रहा है. इसिलिए मुझे लगा कि ऐसे आरोपी जब समाज के सामने आएंगे तो कई लोग इस काली दुनिया से बाहर निकल जाएंगे.

आज अभिषेक पल्लव का ये आइडिया पब्लिक को भी काफी पसंद आ रहा है, आपने भी इंस्टाग्राम से लेकर फेसबुक और यूट्यूब पर जरूर इनका वीडियो देखा होगा, जिसमें ये चोरों की पीठ पर हाथ रखते हैं, उनसे मजाकिया अंदाज में पूछते हैं कि चोरी कैसे की, उस पैसे का क्या किया, पर इनका ये अंदाज सिर्फ छोटे-मोटे आरोपियों के सामने है, नक्सलियों के सामने तो ये कहर बनकर टूट पड़ते हैं. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि नक्सली जिले दंतेवाड़ा, जहां बड़े-बड़े आईपीएस नहीं टिक पाते, वहां इन्होंने 6 साल काम किया और 15 गांवों को नक्सलियों से मुक्त कराया, यहां तक कि 100 से ज्यादा नक्सली मारे गए, एक हजार से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया, आज भी इनका खौफ ऐसा है कि नक्सली इनका नाम सुनकर सरेंडर कर देते हैं. यही वजह रही है कि राष्ट्रपति ने इन्हें वीरता पदक से भी सम्मानित किया है, पर इनकी बातें सुनकर बिल्कुल नहीं लगता कि इन्होंने अपराधियों के खिलाफ कभी सख्ती दिखा होगी. अभी इनके जितने भी वीडियो सोशल मीडिया पर आते हैं, उन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे ये एनकाउंटर से ज्यादा इनटेरोगेशन यानि पूछताछ में विश्वास रखते हों, आज उत्तर प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक जहां एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिसवालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं अभिषेक पल्लव अपना नाम उन IPS की लिस्ट में शुमार करवा रहे हैं, जो अपराधियों को पकड़कर सिर्फ जेल में नहीं डालता, बल्कि उन्हें सुधरने का अवसर भी देता है, इनकी इस पहल पर आप क्या कहेंगे, कमेंट में बता सकते हैं.