आईपीएस ममता सिंह ने मंदिर से निकाले 2500 लोग
हरियाणा में अगर ये आईपीएस न होती तो 2500 लोगों का बचना मुश्किल था, जब मेवात की सड़कों पर बाइक की रेस लग रही थी, लोग मंदिर परिसर में कैद होकर जान की भीख मांग रहे थे, तब ये आईपीएस उनके लिए देवदूत बनकर आईं, ये हैं आईपीएस ममता सिंह जिनकी आहट ही बड़े-बड़े बदमाशों के लिए काफी है, इनकी आवाज से नक्सली कांपते हैं, छत्तीसगढ़ और झारखंड में इन्होंने इतने बड़े-बड़े ऑपरेशन चलाए हैं कि गृहमंत्री भी इनके मुरीद हैं, इसीलिए जब गृहमंत्री अनिल विज से लेकर सीएम मनोहर लाल तक के फोन बजने शुरू हुए तो एडीजीपी ममता सिंह को तुरंत आदेश मिला कि कमान संभालिए. ये तस्वीर देखिए कैसे ममता सिंह मंदिर में फंसे लोगों को पुलिस सुरक्षा में बाहर निकाल रही हैं, खुद आगे-आगे चल रही हैं ताकि किसी को भी कोई दिक्कत न हो. ममता सिंह का शेरनी वाला ये अंदाज लोगों को काफी पसंद आ रहा है, ममता खुद कहती हैं.

जब मुझे कोई कहता है कि आप एक अच्छी पुलिस अधिकारी हो, तो मुझे उन सीनियर्स की याद आती है, जिनकी वजह से मैं इस जगह पर पहुंची है और लोगों की तारीफ के काबिल बनी हूं.
साल 1996 बैच की आईपीएस ऑफिसर ममता की कहानी किसी गरीब घर से आने वाले बच्चे के संघर्ष में तपने और फिर वर्दी पहनने की नहीं है, पांच भाई बहनों के बीच पली पढ़ी ममता ममता के दादा पुराने जमाने के आईपीएस थे, इसलिए शुरू से ही घर में वही माहौल मिला, मां शकुंतला देवी और पिता एनपी सिंह चाहते थे कि बिटिया आईपीएस बने लेकिन ममता की रूचि साइंस में इतनी थी कि वो डॉक्टर बनना चाहती थी, पर कहते हैं किस्मत को जो मंजूर होता है वो आपको करना ही पड़ता है चाहे आप हंसकर करें या रोकर, डॉक्टरी की पढ़ाई करते-करते ही ममता के दिल में वर्दी की तमन्ना आई और डॉक्टरी से नाता तोड़कर यूपीएसएसी की तैयारी में जुट गईं, जब पहली बार वर्दी पहना तो दिल में दादा की तरह कड़क पुलिस ऑफिसर बनने का जज्बा था, इनके दादा घमंडी सिंह एक एनकाउंटर में शहीद हो गए थे, कहते हैं वो बड़े से बड़े ऑपरेशन को आसानी से लीड कर लेते थे और ज्यादातर ऑपरेशन में सफलता मिलती थी. चूंकि ममता की परिवारिक पृष्ठभूमि उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से जुड़ी है इसलिए यूपी से खास लगाव रहा है और आज जब हरियाणा में सीएम योगी की मांग उठ रही है तो ममता सिंह का इस तरह दिलेर बनकर लोगों की जाने बचाना, योगी के तेजतर्रार आईपीएस की याद दिला रहा है. 47 साल की उम्र में ममता सिंह ने इतने बड़े-बड़े काम किए हैं कि हम आपको उसकी पूरी लिस्ट नहीं गिनवा सकते, पर फिर भी उनकी कुछ बड़ी उपलब्धियां आपको बताते हैं.

LLB डिग्रीधारी ममता सिंह हरियाणा कैडर की ऑफिसर हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ औऱ झारखंड में भी पोस्टेड रहीं
दोनों जगहों पर नक्सलियों के खिलाफ तगड़ा ऑपरेशन चलाया, कई नक्सलियों को इन्होंने सरेंडर करवाया
इनके काम को देखते हुए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया, मानवाधिकार आयोग में इन्हें पोस्टिंग मिली
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने इनके काम को देखते हुए जेल सुधार कमेटी का सदस्य बनाया, कई बड़े सुझाव भी दिए
साल 2017 में ममता सिंह सुर्खियों में तब आईं जब इन्होंने राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत से पूछताछ की

कहते हैं हनीप्रीत को ममता सिंह ने दिन में तारे दिखा दिए थे. आज ममता की कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा है, वह कइयों के लिए लेडी सिंघम हैं, लेकिन ममता सिंह को लगता है सुषमा स्वराज काफी पसंद हैं, उनकी फेसबुक प्रोफाइल पर जो तस्वीर हमने देखी वो सालों पुरानी है. जिसमें वो सुषमा स्वराज से सम्मान लेती दिख रही हैं. ममता की प्रोफेशनल कहानी जितनी दिलचस्प है उतनी ही पर्सनल लाइफ भी है, इनके पति देशराज भी हरियाणा कैडर के ही आईपीएस हैं, एक तरफ पति-पत्नी प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालते हैं तो दूसरी तरफ तीन बच्चों को अच्छी परवरिश भी दे रहे हैं.