ये हैं विजय नायर, जो न तो नेता हैं और ना ही आम आदमी पार्टी में इनके पास कोई बड़ा पद है, फिर भी केजरीवाल की पार्टी में इनकी मर्जी के बगैर एक रैली और एक विज्ञापन तक नहीं छपता था. अभी सीबीआई ने इनको शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया है, पार्टी में बिना कोई पद लिए ये पार्टी के लिए ऐसे जान छिड़कने को तैयार रहते जैसे सरकार बनते ही कोई बड़ा खजाना हाथ लगने वाला हो, हम विजय नागर की क्राइम कुंडली खोलें उससे पहले आपको सोशल मीडिया पर क्या बवाल चल रहा है वो दिखाते हैं.

नायर पार्टी का छोटा कार्यकर्ता है, गुजरात चुनाव से डरकर बीजेपी ने उसे अरेस्ट करवाया- केजरीवाल
नायर ने पंजाब में प्लान बनाया,हम जीते, अब गुजरात में भी वो प्लान बना रहे थे- सौरभ भारद्वाज
नायर पर CBI ने सिसोदिया का नाम लेने के दबाव बनाया, मना करने पर गिरफ्तार किया- आतिशी
ये तीन बयान बताते हैं कि नायर आम आदमी पार्टी के लिए कितना जरूरी आदमी है, लेकिन आठ साल पहले नायर को न तो कोई पूछता था, न अन्ना आंदोलन से निकले केजरीवाल जानते थे. कहते हैं केजरीवाल को तब प्रचार का भूत सवार था, वो प्रधानमंत्री बनने के लिए देशभर में अपनी ब्रांडिंग चाहते थे, इसी दौरान आम आदमी पार्टी विजय नायर नाम के इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाने वाले को ढूंढ लाई, जिसका आइडिया आप को खूब पसंद आया, धीरे-धीरे पार्टी के लिए प्लानिंग बनाते-बनाते नायर सिसोदिया के करीबी बन गए, पहले नायर का काम सिर्फ पार्टी के लिए फंड्स इकट्ठा करने और इवेंट ऑर्गेनाइज करवाने का था, लेकिन सिसोदिया के करीबी बनते ही नायर राजनीतिक अभियान, घोषणापत्र और पार्टी के लिए नीतियां बनाने लगे, फिर पार्टी में कम्युनिकेशन प्रभारी का भी जिम्मा संभाला, मतलब जो व्यक्ति साल 2014 में सिर्फ इवेंट मैनेजर बनकर आया था, वो आठ सालों में आम आदमी पार्टी का एक स्थापित नेता बन चुका था. इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है
विजय नायर को पार्टी में कोई भी बड़ा पद नहीं चाहिए था, नायर को दिल्ली सरकार के तहत भी कोई ऑफिस या पद की जरूरत नहीं थी क्योंकि नायर सामने से नहीं बल्कि पर्दे के पीछे रहकर पार्टी के लिए काम करना चाहते थे. मच लाउडर के पूर्व सीईओ और करीब 5 कंपनियों के डायरेक्टर रह चुके विजय नायर बीते कुछ सालों से किसी कंपनी में डायरेक्टर भी नहीं थे, लेकिन संपत्ति खूब है.

हालांकि सीबीआई की छापेमारी में घर से क्या-क्या मिला ये जानकारी अब तक सामने नहीं आई है. कहते हैं जब दिल्ली में नई आबकारी नीति तो आई तो सिसोदिया ने कोई डील सीधे तौर पर नहीं की बल्कि उसमें तीन लोगों को साथ रखा, ऐसा सीबीआई ने अपनी केस डायरी में लिखा है. मनीष सिसोदिया के कथित सहयोगी अर्जुन पांडे ने शराब कारोबारी समीर महेन्द्रु से 2-4 करोड़ रुपये विजय नायर के नाम पर लिए, समीर महेन्द्रू से लिए गए पैसे कई अफसरों को भी दिए गए थे, अमित अरोड़ा, और दिनेश अरोड़ा नाम के आरोपी भी इस खेल में शामिल थे, जो शराब कारोबारियों से पैसे लेते थे, कुल 15 आरोपी इस केस में शामिल हैं, हालांकि इस केस में पहली गिरफ्तारी नायर की ही हुई है, जिनसे इनके राज खुलने की उम्मीद है. सिसोदिया के लिए मुश्किल की बात ये है कि जब सीबीआई नायर से पूछताछ कर रही थी, तो उधर ईडी PMLA केस में समीर महेन्द्रू को गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही थी. अब समीर ईडी की कस्टडी में है तो वहीं नायर सीबीआई की, इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया के गिरफ्तारी का दावा किया जा रहा है, आप जहां इसे सियासी बदला बता रही है तो वहीं बीजेपी इसे बड़ा घोटाला बता रही है, हालांकि सच क्या है वो सीबीआई जांच के बाद ही साफ हो पाएगा.