कौन हैं, रेहान राजीव वाड्रा जिनको कहा जा रहा कांग्रेस का भविष्य!
सूत्र कहते हैं कि गांधी परिवार कई साल पहले ही राहुल गांधी का विकल्प तलाश चुका था, सोनिया के बाद राहुल, राहुल के बाद प्रियंका लेकिन इसके बाद कौन? आपके मन में सवाल होगा कि क्या राहुल प्रियंका के बाद गांधी परिवार राजनीति से गायब हो जाएगा या फिर कोई और है जो बचाने आएगा? प्रियंका गांधी की सोच दूर की है, कहा जाता है कि कुछ साल पहले प्रियंका गांधी ने अपने बच्चों के नाम के आगे राजीव नाम जोड़ा था. जिसके बाद दून स्कूल की सफाई भी आई थी और दावा किया गया था, प्रियंका के बेटे का नाम पहले से ही रेहान राजीव वाड्रा ही था. एक तरफ राहुल गांधी एक के बाद एक चुनाव हार रहे थे, दूसरी तरफ शादी से इनकार कर रहे थे, उधर मौका देख प्रियंका ने एक ऐसा कदम चला जो देश को जानना चाहिए. ये हैं प्रियंका गांधी का बेटा रेहान वाड्रा गांधी..ये हैं उनकी बेटी मियारा वाड्रा गांधी, यहां हैरानी की बात ये है कि वाड्रा परिवार के इन दोनों बच्चे का सर नेम गांधी न रखकर राजीव का नाम जोड़ दिया, दरअसल हमारे यहां नाना का नाम सर नेम में नहीं जोड़ा जा सकता है, पर नाम के साथ नाना का नाम लिखा जा सकता है, और प्रियंका ने बेहद आसानी से पूरा प्लान बना लिया. अगर प्रियंका के बेटे के नाम के साथ राजीव का नाम जुड़ा है तो मतलब वो राजीव की विरासत के असली हक़दार हैं. पर बात यही ख़त्म नहीं होती है. कांग्रेस का एक गुट मानता है कि जब बीजेपी की सत्ता से वापसी हो रही होगी, तब कांग्रेस की कमान रेहान के हाथ में आ रही होगी, ये कब होगा कौन जानता है, पर कांग्रेस में एक गुट मानता है कि जब योगी दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे तब प्रियंका का बेटा रेहान भी दिल्ली से राजनीतिक आगाज कर सकता है.

राजनीती में लाने के लिए रेहान राजीव वाड्रा को गांधी परिवार सिखा रहा हिंदी
सूत्र कहते हैं कि प्रियंका गांधी का आदेश था कि उनके बेटे रेहान को ठीक से हिन्दी सिखाई जाए, भारत की राजनीतिक, भौगौलिक परिस्थितियों से अवगत करवाया जाए, किताबी ज्ञान के साथ सामाजिक ज्ञान भी रटाया जाए, ताकि जो ग़लती राहुल गांधी से हुई वो गलती सियासत में एंट्री लेने के बाद रेहान से न हो. रेहान गांधी परिवार के भविष्य हैं इस बात का अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं!

रेहान राजीव वाड्रा फ्री टाइम में मीडिया के सामने रखते हैं अपने विचार
जब सियासत से कोई लेना देना नहीं है तब भी मीडिया में उनको इंटरव्यू देने भेजा जाता है, दिल्ली में वोटिंग के दौरान जब वो मीडिया के कैमरे पर आए तो हिन्दी नहीं अंग्रेजी में बात कर रहे थे, बगल में रॉबर्ट वाड्रा सिर हिला रहे हैं, जबकि प्रियंका रेहान की बात सुनकर मुस्कुरा रही है, प्रियंका की बेटी मियारा को सियासत में कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं है, पर रेहान के आगे अभी से कांग्रेसी नतमस्तक होते है. Tv9 भारतवर्ष को दिए गए एक इंटरव्यू में रेहान देश की राजनीति पर भी खुलकर बात करते हैं, और कहते हैं.

देखिए इस वक्त देश की राजनीति बहुत नकारात्मक हो गई है, राजनीति में निजी हमले बढ़ गए है, ऐसा नहीं होना चाहिए, कुछ सकारात्मक बातें होनी चाहिए, मेरे आइडियल और मुझे सलाह देने वाले मेरे मामा राहुल गांधी हैं, जो हमेशा मुझे सपोर्ट करते हैं.
TV9 भारतवर्ष को दिए गए इंटरव्यू का हिस्सा

रेहान की उम्र अभी 22 साल है, जबकि उन्हें फोटोग्राफी का बेहद शौक है, अब राजनीति में फोटोग्राफी का रोल क्या होगा ये तो वक्त बताएगा, पर सियासत में उनकी दिलचस्पी पूरी है, ऐसे ही साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राहुल गांधी की राजनीतिक एंट्री करवाई थी, संयोग से कांग्रेस ने चुनाव जीत लिया, राहुल को मीडिया ने युवराज कहना शुरू कर दिया, साल बदलता रहा, और सवाल भी बदलता रहा, राहुल गांधी ने 2009 में खूब मेहनत की और मीडिया ने उन्हें झाड़ पर चढ़ा दिया, ऐसा लगा था कि राहुल बस कभी भी PM बन सकते हैं, जो इमेज आज राहुल की है तब नहीं थी, बिल्कुल हीरो की तरह एंट्री हुई थी, पर उनके बयानों, और उनके राजनीतिक समझ ने उन्हें हल्का साबित किया, अब प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, और खुद राहुल गांधी जानते हैं, बाप-दादा की पार्टी को बचाने वाला कोई हैं तो वो हैं रेहान, जो आज नहीं तो कल पक्का है गांधी परिवार के वारिस घोषित होंगे, जनता वोट करेगी. क्योंकि कहा जाता है प्रधानमंत्री के आंगन में पैदा हुआ हर बच्चा प्रधानमंत्री बने न बने पर ख़्वाब ज़रूर देख सकता है!