बरेली में जो होने वाला था उससे फिर हिल जाती UP सरकार, बुर्का में घूम रहा था ‘शैतान’
बरेली में मेला देखने एक मुस्लिम युवक बुर्का पहनकर क्यों आया था? मेले में क्या करने वाला था ? उसका खुलासा सुनकर पुलिस को तुरंत और फोर्स क्यों बुलानी पड़ी? UP में क्या होने वाला था जिसकी भनक मेला देखने वालों को नहीं थी…सवाल उठता है कि जब इंसान मानसिक बीमार होता है तो फिर वो अपने लक्ष्य तक कैसे पहुंच जाता है? बरेली का बुर्का मैन की कहानी भी सेम है! मानसिक कमज़ोर बीमार व्यक्ति अल्लाह और भगवान का अंतर कैसे निकाल लेता है? हमारी पड़ताल यहीं से शुरू होती है! बरेली मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर बहेड़ी में राम रावण को मारने वाले थे…मेले में जलेबी, और पापड़ी खाते लोगों को आभास नहीं था बुर्का पहने एक इंसान जो घूम रहा है उसकी साज़िश क्या है?
हट्टा-कट्टा इंसान,नीचे कुर्ता-पैजामा ऊपर से पहना था बुर्का,पकड़ा गया तो खुल गया खेल
शाम को करीब 5 बजे कुछ लोगों को बुर्का पहने एक संदिग्ध पर शक हुआ
घेर कर उसे रोका गया, पूछा गया नाम क्या है तो बोलने को तैयार नहीं था
फिर किसी ने उसका बुर्का हटाया तो उसकी बड़ी-बड़ी दाढ़ी देखते ही हिल गए
सवाल उठता है बुर्का मैन कौन है जो महिलाओं की तरह बुर्का पहनकर आया

ये सवाल इसलिए गंभीर है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से सेम पैटर्न पर कुछ बड़ा करने की कोशिश होती रही है..पुलिस ने बेशक इसे मानसिक प्रताड़ित बताकर छोड़ दिया है पर कहानी कुछ और है

इसी हफ्ते कश्मीर में DG जेल की हत्या हुई, जिसमें नौकर ने एक साज़िश रची फिर हमला किया
गोरखपुर में कुछ महीने पहले मुर्तजा अकेले घूम रहा था, फिर हमला किया और वहां पकड़ा गया!
उदयपुर में कन्हैयालाल के साथ भी यही हुआ, कपड़े का नाम देने आए और हत्या कर चले गए !
केरल के 873 पुलिसकर्मियों का कनेक्शन आतंकी सगंठन से निकला,जिससे शाह भी हिल गए हैं
हैदराबाद में बुर्का पहन महिलाएं हमले को अंजाम देने गए, उन्हें भी मानसिक बीमार बताया गया
अब बरेली में बुरका पहनकर हमले की प्लानिंग हो सकती थी, ये कहानी जोड़कर एक कहानी बनी
ऐसा कोई भी मामला होता है तो आरोपी मानसिक बीमार या पागल बताया जाता है? पर हमला कहां करना है? किससे मिलना है? घटना की जगह क्या है? रेकी कैसे होती है? कैसा वेश धारण करना है? क्या नहीं करना है ? ये सब पता होता है? ठीक ऐसा ही बरेली के केस में हुआ, जब पुलिस ने पूछताछ की तो जो बुर्का पहने व्यक्ति ने कहा वो सुनकर किसको लगता है कि वो मानसिक बीमार हो सकता है?

पुलिस ने पूछा तो बोला आप भगवान को मानते हो,मैं अल्लाह के आदेश पर भेजा गया हूं!
बरेली पुलिस: तुम बुर्का पहनकर क्यों आए हो?
आरोपी: मुझे अल्लाह ने यहां भेजा है!
बरेली पुलिस: तुम कहां के रहने वाले हो? घर कहां है?
आरोपी मुस्लिम युवक: अल्लाह की बनाई दुनिया पर मेरा ठिकाना है
बरेली पुलिस: भगवान न जाने कैसे-कैसे लोगों को बनाता है
आरोपी मुस्लिम युवक: आप भगवान बोलो या खुदा ये ऊपरवाला क्या होता है? बीच का रास्ता मत अपनाओ
बरेली पुलिस: तुम्हें यहां किसने भेजा है? मेला देखने आए हो तो बुर्का क्यों पहना?
आरोपी मुस्लिम युवक: मुझे अल्लाह ने यहां भेजा हैं मैं इसलिए यहां आया हूं!
(ये बात-चीत बेहड़ी चौकी प्रभारी राकेश कुमार सिंह कर रहे थे, जिन्हें खुद नहीं समझ में आया युवक किस मिट्टी का बना है
हालांकि नवभारत टाइम्स ने एक बेहद हैरान करने वाला दावा किया है…जिसके मुताबिक व्यक्ति की निडरता संदिग्ध लगती है…NBT ने जो ख़बर लिखी है वो कुछ ऐसी है
मेले की रेकी कर रहे युवक को पकड़ाने के बाद भी चेहरे पर कोई खौफ का भाव नहीं दिखा। थाने ले जाने के लिए पुलिस ने उसे ई-रिक्शा पर बैठने को कहा। इस वह बोला, मैं पैदल ही थाने चलूंगा। चीता सिपाही की बाइक चलाने की डिमांड तक कर डाली। उसकी हिमाकत से कई सवाल उठने लगे हैं। कोई उसकी मानसिक स्थिति पर सवाल खड़े कर रहा है। वहीं, कुछ लोग उसकी मंशा पर सवाल उठा रहे हैं

योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में तेंदुए के बच्चे को दूध पिला रहे थे, उस दौरान उनका एक बयान आया कि मानवता के लिए जानवरों की रक्षा भी ज़रूरी है, दूसरी तरफ बरेली में उनकी कुर्सी हिलाने की तैयारी थी…हालांकि वक्त पर आम जनता और बरेली पुलिस ने सब संभाल लिया नहीं तो ये मानसिक बीमार व्यक्ति क्या करता किसी को कुछ भी पता नहीं है