SCO की बैठक में मोदी के मंत्री ने पाकिस्तान को सिखाया सबक
21 मार्च की दोपहर जब केजरीवाल पीएम मोदी को कोस रहे थे, तभी मोदी के एक मंत्री पाकिस्तान को बहुत बड़ा सबक सीखा रहे थे. दिल्ली के एक होटल में भारत-पाकिस्तान समेत 8 देशों के अधिकारियों की बैठक चल रही थी, बैठक में आर्मी के कई बड़े ऑफिसर भी थे, पाकिस्तान को इस बैठक का न्यौता मिला था, इसलिए वो भी पहुंचा था, लेकिन बैठक में पहुंचते ही जैसे ही उसके बोलने की बारी आई, पाकिस्तानी अधिकारी ने अपनी फाइल से एक नक्शा निकाला, जिसे देखते ही भारतीय अधिकारी भड़क उठे, उस नक्शे में उन्होंने पाकिस्तान को अपना हिस्सा बताया था. बात विदेश मंत्रालय तक पहुंची तो जयशंकर के खास अधिकारियों ने पाकिस्तान को साफ-साफ संदेश भेजवाया कि या तो नक्शा सुधार लो या फिर बैठक से बाहर चले जाओ,

नतीजा पाकिस्तान को बैठक से बाहर जाना पड़ा, अब ये बेइज्जती कितनी बड़ी थी वो समझ लेंगे तो कहेंगे ये तो गजब हो गया.
SCO यानि शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन की जिस बैठक से भारत ने पाकिस्तान को बाहर का रास्ता दिखाया, उसमें पाकिस्तान का सबसे खास दोस्त चीन भी था, कई मुस्लिम देश कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और तजाकिस्तान के अधिकारी भी थे, यहां तक कि भारत के सबसे खास दोस्त रूस का प्रतिनिधिमंडल भी था.
नक्शा गलत होने पर पाकिस्तान को किया बाहर
लेकिन भारत की इस आपत्ति पर किसी ने सवाल नहीं उठाया, सबने भारत का साथ दिया और आखिर में पाकिस्तान को बैठक से बाहर जाना पड़ा, ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि एससीओ की अध्यक्षता इस पर भारत कर रहा है, जिसे लेकर पाकिस्तान ने आरोप लगाए हैं, कि वो अपना एजेंडा चला रहा है, अब अप्रैल के महीने में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को हिंदुस्तान आने का न्यौता दिया गया है, उस वक्त 8 देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक होनी है, हो सकता है उस बैठक में कश्मीर का मसला भी उठे, लेकिन भारत ने अभी अपनी आपत्ति जताकर ये साफ कर दिया कि यहां आना तो दो मसलों पर ज्ञान मत देना.

- पहला- हमें ये मत बताना कि कश्मीर के मसले पर क्या करना है, क्योंकि अनुच्छेद 370 हटाकर हमने दुनिया को बता दिया कि ये हमारा आंतरिक मसला है और दुनिया ने इसे स्वीकारा भी है, अब उस पर बेवजह राग मत अलापना.
- दूसरा- भारत में मानवाधिकार हनन और खतरे में लोकतंत्र जैसी बातें करने से पहले अपने देश की ओर झांककर देख लेना, क्योंकि भारत ने 75 सालों में तरक्की की, जबकि पाकिस्तान कंगाल होता चला गया

हालांकि दुनिया के कई देशों को भारत का ये अंदाज रास नहीं आ रहा है, इसीलिए हिंदुस्तान को बदनाम करने के लिए तरह-तरह की चालें चली जा रही हैं, ये रिपोर्ट देखिए, ये है ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट, जिसमें भारत पाकिस्तान और श्रीलंका से भी पीछे है, भारत की हालत अफगानिस्तान जैसी दिखाई गई है, जबकि सच ये है कि श्रीलंका में लोगों को खाने के लाले पड़े है, पाकिस्तान में आटा-दाल-चावल की कीमतें आसमान छू रही है, महंगाई और बेरोजगारी रिकॉर्ड बना रही है, फिर भी वहां भूखमरी नहीं है, ऐसा इस रिपोर्ट में कहा गया है, और हद तो तब हो जाती है जब इतने के बावजूद पाकिस्तान, श्रीलंका को भारत से ज्यादा खुशहाल बताया जाता है. ये है वर्ल्ड हैपिनेस इंडेक्स, जिसमें दिखाया गया है कि किस देश के लोग कितने खुश हैं, हर साल 21 मार्च को ये रिपोर्ट आती है, इसमें पाकिस्तान, म्यामांर, बांग्लादेश और चीन से भी भारत पीछे हैं, मतलब भारत के लोगों से ज्यादा खुश इन देशों के लोग हैं. ऐसी ही कई रिपोर्ट हर साल पब्लिश होती है, पर सिर्फ इन रिपोर्ट से देश चलता तो बात कुछ और होती, ऐसी रिपोर्ट तैयार करने वाली संस्थाओं का आधार क्या है, वो वही जानें, पर दुनिया का अनपढ़ से अनपढ़ व्यक्ति ये तो जरूर कहेगा कि पाकिस्तान से ज्यादा खुशहाली हिंदुस्तान में है, अगर आपको भी ऐसा लगता है तो कमेंट में लिखिए जय हिंद.