दुनिया में गूंजा जिसका डंका, जिसको शेनवॉर्न ने कहा ये महान बनेगा उसको BCCI की सियासत ने किस्मत से पीटा…उसकी जाति में दोष है ? या राशि में खोट है ?UP का कोई ताकतवर व्यक्ति BCCI में नहीं है तो सुरेश रैना के बाद अब UP का हर खिलाड़ी बाहर होगा…कुलदीप यादव पहले मैच के हीरो थे…मैन द ऑफ मैच बने थे पर अगले ही टेस्ट मैच में राहुल द्रविड़ और KL राहुल ने कुलदीप यादव को पानी भरने भेज दिया…ये महज़ इत्तेफाक नहीं है, बल्कि एक चाल है…तीन मिनट की रिपोर्ट में आप समझिए कैसे BCCI में खेल हो रहा है? कौन हैं वो पावरफुल इंसान जिसके कारण कुलदीप, सूर्य कुमार यादव और उमेश यादव के साथ अन्नाय हो रहा है? संजू सैमसन को मौका नहीं दिया, कुलदीप ने बेस्ट किया फिर भी टेस्ट किया, उमेश फॉर्म में थे बाहर किया, ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ी मैक्सवेल कहते हैं हमारी हैसिसयत नहीं हम सूर्य को खरीद सकें, पर BCCI वालों ने टेस्ट में मौका नहीं दिया, तो इसकी पूरी कहानी है

जैसे संजू सैमसन को पिछले 6 साल में सिर्फ 16 T-20 में ही मौका मिला, वैसे ही कुलदीप यादव को 6 साल में सिर्फ 8 टेस्ट मैच में खिलाया गया, जब-जब मौका मिला तब-तब प्रतिभा दिखाई, पर BCCI में सिर्फ प्रतिभा से नहीं पावर से काम चलता है…तो सवाल ये है कि क्या किसी पावरफुल इंसान के कहने पर UP और कुछ खिलाड़ियों को बाहर किया जा रहा है? कहानी बड़ी पेंचिदा है ध्यान से सुनिए

साल 2010 की बात है, अमित मिश्रा की गेंदबाज़ी से हर कोई हैरान था, अमित मिश्रा को भारत का अगला कुंबले कहां जाने लगा था, लेकिन टीम में कुछ सीनियर खिलाडियों से उनकी नहीं बनी, 2010 में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ ही पहले टेस्ट मैच में मिश्रा ने शानदार गेंदबाज़ी की थी लेकिन अगले मैच में उनको निकाल दिया गया,
साल 2010 में अमित मिश्रा ने टेस्ट में सात विकेट लिए थे और फिफ्टी भी ठोंकी पर अगले ही टेस्ट में उन्हें बाहर किया गया था…तब मिश्रा का करियर डूबो दिया गया आज कुलदीप के साथ ठीक ऐसा ही हुआ…कहते हैं कुलदीप यादव को एक ताकतवर खिलाड़ी के कहने पर नहीं लिया जाता है…इसलिए उन्हें दो साल बाद टीम में चुना गया और 8 विकेट लेकर 40 रन बनाने पर भी बाहर कर दिया

BCCI पर ये आरोप लगते हैं कि गुजरात का कोटा ज्यादा मज़बूत हो गया है, जय शाह के होने के कारण गुजरात के खिलाड़ियों की भरमार है, BCCI के चीफ़ से लेकर सचिव तक के पद पर कोई भी सदस्य UP का नहीं रहता है, जिसके कारण UP से आने वाले खिलाड़ियों के साथ एक अलग ही भेदभाव किया जाता है, यही कारण है कि सुरेश रैना के साथ भी बेवक्त अन्नाय हुआ, सूर्या फॉर्म में हैं तो वनडे से बाहर किया और टेस्ट में आज तक मौका नहीं दिया, कुलदीप यादव कानपुर के हैं उनके साथ भी अब ये सब हो रहा है!

कहते हैं BCCI में लंबे वक्त से लोवर और अपर जातियों का मुद्दा रहता है…इसलिए भी ये सवाल उठता है कि क्या जाति देखकर प्रदर्शन तय किया जाता है ? जैसे KL राहुल का लंबे वक्त से खेल अच्छा नहीं है फिर भी टीम के कप्तान हैं, जबकि कुलदीप हीरो हैं फिर भी हार बैठे हैं? हालांकि इस बात में बहुत दम नहीं है, क्योंकि जय शाह भी सचिव हैं और वो भी OBC हैं…तो सूर्या, कुलदीप और उमेश के साथ ऐसा क्यों होगा? पर कहते हैं BCCI में उनकी कम चलती है जो पद पर होते हैं, उनकी ज्यादा चलती है जो बाहर बैठते हैं

कुलदीप यादव ने फरवरी 2017 में भारत के लिए धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। वो भारत के लिए टेस्ट खेलने वाले पहले बाएं हाथ के कलाई के गेंदबाज थे। 2017 में 2 टेस्ट खेलने के बाद 2018 में उन्हें तीन, 2019 में एक, 2021 में एक और फिर 2022 में एक टेस्ट खेलने का मौका मिला। अब वह फिर बाहर कर दिए गए हैं…ये हाल कई खिलाड़ियों के साथ है…सूर्य कुमार यादव की उम्र 32 साल है, ऐसे में अगर अब भी उनको मौका नही मिला तो बुढापे में सेलेक्शन हो भी गया तो क्या मिलेगा? ये सिर्फ एक सियासत है, सबको पता है सूर्या टेस्ट में सबसे तेज़ शतक मार सकते हैं, नाम कर सकते हैं, अब किसी के नाम से कौन डरता है ये तो सबको पता होना चाहिए, जिस देश में प्रतिभा को सियासत से कुचला जाए वहां आप क्या कहेंगे? और अगर ये हमारी रिपोर्ट आपको ग़लत लगती है तो आप बताएं कुलदीप को बाहर बैठाने के पीछे सही वजह क्या है?