गुजरात चुनाव से पहले आसाराम के बाहर आने की बात क्यों होने लगी है, क्या चुनाव में आसाराम का बाहर आना बीजेपी को मदद पहुंचाएगा, या फिर कांग्रेस की जड़े खोदने के लिए आसाराम को 9 साल बाद जेल से बाहर लाया जाएगा, ऐसे कई सवाल आपको सोशल मीडिया पर मिल जाएंगे, लेकिन इन सवालों का मतलब क्या है, आसाराम को जेल भेजने का आरोप सोनिया गांधी पर लगा था, इस बात का खुलासा भी एक बहुत बड़े व्यक्ति ने किया था, शायद इसीलिए एक फोटो दिखाकर समर्थक भूपेन्द्र पटेल और केन्द्र सरकार से ये गुहार लगा रहे हैं कि आसाराम को छोड़ दो, हम आपको तस्वीर भी दिखाएंगे और उसकी सच्चाई भी बताएंगे लेकिन उससे पहले सुनिए आसाराम को जमानत क्यों नहीं मिल रही है.

81 साल के आसाराम बापू को जेल से छुड़ाने के लिए भक्तों ने लाख कोशिशें की, आधी रात को पुलिस जब गिरफ्तार करने पहुंची थी, तब भी उसे बाबा के भक्तों से भिड़ना पड़ा था, यहां तक कि कोरोना के वक्त भी आसाराम ने जड़ी-बूटी वाली दवाइयों की मांग कर जमानत मांगी लेकिन गुजरात हाईकोर्ट ने साफ कह दिया कि जड़ी-बूटी जेल में मिलेगा लेकिन जमानत नहीं. लेकिन दो महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से आसाराम की जमानत याचिका पर जवाब मांगा, जिसके बाद ये चर्चा तेज हो गई कि बाबा छूटने वाले हैं, क्योंकि अब तक कोई भी अदालत इनकी बात ही सुनने को तैयार नहीं थी.
अदालत का कहना है कि आसाराम जमानत पाने के लायक नहीं है, जबकि भक्त ये कहते हैं कि आसाराम ने कुछ गलती नहीं की, उन्हें फंसाया गया है, हम आपको आसाराम का कोर्ट में दिया बयान सुनवाते हैं, जिसमें उन्होंने ये भी बताया कि उन्हें क्यों और किसने फंसाया, उसके बाद आपको बताते हैं कि गुजरात चुनाव से पहले आसाराम बापू के बाहर आने की बात कौन कर रहा है. अगस्त 2022 में ऐसी ख़बर सामने आई कि गांधीनगर कोर्ट में ऑनलाइन पेशी के दौरान आसाराम ने कहा कि

मेरे ऊपर जो भी आरोप लगे हैं, वो सब एक साजिश का हिस्सा हैं, मेरा जन्म पाकिस्तान में हुआ, लेकिन मैं हिंदुस्तान में रहकर सनातन संस्कृति को बढ़ावा दे रहा था, मैंने 12 साल पहले जिन लोगों को आश्रम से निकाला, वही लोग हमारे खिलाफ साजिश रचने लगे और अब ऐसे केस में फंसा दिया कि कोई हमारी नहीं सुन रहा है.

आसाराम ने 175 पन्ने के बयान में ऐसी कई बातें कहीं जिसने सनसनी फैला दी, आसाराम की कहानी बिल्कुल राम रहीम से मिलती जुलती है, पंजाब चुनाव से पहले ही राम रहीम को तीन हफ्ते की फरलो मिली और ये साफ हो गया कि बाबा के भक्तों को सरकार नाराज नहीं करना चाहती, यहां तक कि सुनारिया जेल से छूटकर राम रहीम ने प्रवचन भी दिया, राम रहीम की जैसी पकड़ पंजाब और हरियाणा में है, ठीक वैसी ही पकड़ गुजरात में आसाराम की भी है, इस बार आम आदमी पार्टी बीजेपी को कई जगहों पर टक्कर दे रही है, कांग्रेस से पीएम मोदी खुद लोगों को आगाह कर रहे हैं, ऐसे में सियासी जानकार ये कहते हैं कि आसाराम को जेल से छुड़ाकर भक्तों को खुश करने का मास्टरस्ट्रोक सरकार खेल सकती है, हालांकि ये सब होगा कोर्ट के जरिए ही, क्योंकि गुजरात सरकार अगर अपनी तरफ से हरी झंडी देती है तो फिर गेंद सुप्रीम कोर्ट के पाले में होगी, कहा तो ये तक जा रहा है कि पीएम मोदी भी आसाराम के भक्तों में शामिल थे, अब चूंकि आसाराम की उम्र ज्यादा हो गई है, और साजिश की बातों को भी बल मिल रहा है और सुब्रमण्यम स्वामी कहते हैं कि सोनिया ने आसाराम को फंसाया है इसलिए अब सरकार उन्हें बाहर लाने में मदद कर सकती है, कई बाबा भी आसाराम को रिहा करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन ऐसे केस में दोषी व्यक्ति के साथ क्या होना चाहिए ये तय अदालत को करना है और अदालत भावनाओं से नहीं बल्कि सबूतों और गवाहों से चलता है, अगर आसाराम को बाहर आना है तो ये साबित करना होगा कि साजिश की बातें सच हैं, और अगर साजिश नहीं हुई तो फिर गुनाहों की सजा भुगतनी होगी.