5 साल पहले जब खेलो इंडिया का देशभर में आगाज हुआ, गांव-गांव में खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार बजट जारी करने लगी, क्रिकेट को छोड़कर 16 खेलों को उसमें शामिल किया, तब सबने कहा आइडिया शानदार है, पर आप ये जानकर चौंक जाएंगे इस आइडिया पर एक एनजीओ उससे कई साल पहले से काम कर रहा था. बिहार के औरंगाबाद से चलने वाला ढाई आखर फाउंडेशन 11 सालों से युवाओं की प्रतिभा को पहचान रहा है, ये एनजीओ खेल के अलावा, बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य शिविर, स्वच्छता अभियान और बुजुर्गों की मदद भी कर रहा है. देश में जब इधर वुमेन आईपीएल का आगाज हुआ है, उधर कई गांवों की टीमें मिनी आईपीएल का आनंद ले रही हैं.
सफलता के नए आयाम गढ़ रहा ढाई आखर फाउंडेशन

बिहार में लगातार अपने काम से छाप छोड़ रहा ढाई आखर फाउंडेशन अब अपनी पहचान बनाता दिख रहा है. यही वजह है कि इसके प्रशंसकों की लिस्ट में अब सिर्फ इससे लाभान्वित होने वाली ग्रामीण जनता ही नहीं है. बल्कि भारत की कुछ नामचीन हस्तियां भी शामिल हैं. भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज सबा करीम ने ढाई आखर फाउंडेशन की कोशिशों को तहे दिल से सराहा है. उन्होंने कहा कि,

DAF जिस तरह से काम कर रहा है, वो देखकर मुझे खुशी है. मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले सालों में आगे भी ये फाउंडेशन बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए ऐसे ही काम करता रहेगा और सफलता के नए आयाम गढ़ेगा.” सबा करीम के अलावा पूर्व ऑलराउंडर रितेंदर सिंह सोढ़ी ने भी ढाई आखर फाउंडेशन को उसकी कोशिशों के लिए शुभकामनाएं दी है.
DAF का दांव, क्रिकेट पहुंचा हर गांव

बिहार के औरंगाबाद में DAF यानी ढाई आखर फाउंडेशन की ओर से नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन कराया गया. इस टूर्नामेंट में कुल 16 गांव की टीमों ने हिस्सा लिया. टूर्नामेंट की मेजबानी बरपा गांव ने की. ये पहली बार नहीं है जब DAF की ओर से इस तरह के टूर्नामेंट का आयोजन कराया गया है. ढाई आखर फाउंडेशन की ये पहल पिछले 11 सालों से लगातार जारी है. ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के मकसद से फाउंडेशन अक्सर ऐसी प्रतियोगिताओं का आयोजन कराता रहता है.
16 टीमों के बीच हुआ नाइट टूर्नामेंट का आयोजन

DAF की ओर से औरंगाबाद जिले में आयोजित नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट में मेजबान बरपा के अलावा, बांसबिगहा, अंछा, खैरा, जैतपुर, घेजना, गोह, हसपुरा, पौथु और चापुक जैसे गांवों की टीमें शामिल हुईं. 16 टीमों के इस घमासान में मेजबान बरपा का खेल तो लीग राउंड में ही खत्म हो गया. वहीं जैतपुर और बांसबिगहा फाइनल में अपनी जगह पक्की करने में कामयाब रहे. नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल जैतपुर की टीम ने बांसबिगहा को हराते हुए जीता. कहते हैं खेल दूरियों को मिटाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन कराने और उसे बढ़ावा देने के पीछे ढाई आखर फाउंडेशन का भी इरादा भी कुछ ऐसा ही है. साल 2009 से कार्यरत इस एनजीओ ने क्रिकेट टूर्नामेंट और एथलेटिक टूर्नामेंट की शुरुआत 2012 में की, जिसका उद्देश्य ग्रामीण बच्चों की प्रतिभा को उजागर करने के साथ साथ नाइट क्रिकेट के रोमांच को ग्रामीण इलाक़े के लोगों के साथ साझा करना है.