वो न धोनी है,न सचिन,वो दोनों का कॉम्बो है,कप्तानी में कमाल,और बल्ले से मचाता है धमाल
4 मैचों में लगाया 4 शतक तो देश बोला- टीम इंडिया को मिलने वाला है दूसरा विराट कोहली
4 साल की उम्र से खेल रहा क्रिकेट, अंडर 19 वर्ल्ड कप के बाद अब दिलाएगा 2023 वर्ल्डकप!

अगले साल जब टीम इंडिया वर्ल्डकप खेलेगी तो टीम में एक ऐसे खिलाड़ी की एंट्री हो सकती है जो वनडे वर्ल्डकप में भारत की जीत तय करेगा, जिसके बल्ले से बरसने वाले चौके-छक्के ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और पाकिस्तान जैसे देशों के बॉलर के होश उड़ा देंगे. ये 19 साल के यश ढूल हैं, जिनकी कप्तानी में भारत ने अंडर-19 वर्ल्ड कप 2022 जीता, फिलहाल ढूल दलीप ट्रॉफी का डेब्यू मैच खेल रहे हैं. टूर्नामेंट के पहले ही मैच में इन्होंने 193 रन की पारी खेली तो खूब तारीफ मिली. यश कहते हैं मैं किसी की नकल नहीं करता, मेरे लिए इंटरनेशनल मैच खेलने वाला हर खिलाड़ी हीरो है, मेरी परिवार ही मेरी ताकत है, मैं हर किसी से सीखता हूं. दाएं हाथ के बल्लेबाज यश सचिन तेंदुलकर की तरह रनों का पहाड़ खड़ा करना चाहते हैं और धोनी की तरह कूल माइंड से कप्तानी भी करते हैं, इसिलिए इन्हें दोनों का कॉम्बो कहा जा रहा है.

यश विराट की तरह दिल्ली के रहने वाले हैं, 4 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेल रहे हैं
मां ने हुनर पहचाना,पिता ने नौकरी छोड़कर प्रैक्टिस करवाई,तब यश क्रिकेटर बन पाए
दिल्ली की अंडर-14, अंडर-19 और इंडिया की अंडर-19 टीम में ढूल ने कमाल दिखाया
फरवरी में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया तो पहले ही मैच की दोनों पारियों में शतक जड़ा
विराट और उन्मुक्त चंद के बाद यश अंडर-19 में शतक जड़ने वाले तीसरे कप्तान हैं
यश अब दलीप ट्रॉफी मैच खेल रहे हैं, जहां से टीम इंडिया में एंट्री का रास्ता मिलेगा!
अंडर-19 वर्ल्डकप जीतने के बाद यश ढूल ने खुद कहा था कि मेरा टारगेट अगले 18 महीनों में टीम इंडिया में एंट्री लेना है, अगऱ ऐसे ही धुआंधार पारी खेलते रहे तो उनकी एंट्री हो सकती है. हालांकि टीम इंडिया के लिए वर्ल्डकप खेलने और अंडर-19 वर्ल्डकप खेलने में काफी अंतर होता है लेकिन फिर भी यश ढूल प्रेशर को झेलना अच्छी तरह जानते हैं, टीम इंडिया के लिए टेस्ट मैच खेल चुके शाहबाज अहमद की गेंद को यश ने हवा बना दिया, कोई भी दिग्गज गेंदबाद यश की बैटिंग के आगे ज्यादा देर नहीं टिक पाता. दिल्ली के जनकपुरी में रहने वाले यश ढूल के पिता कहते हैं कि

यश क्रिकेट को लेकर काफी गंभीर हैं, हमने नौकरी छोड़कर इसकी खेल पर ध्यान दिया और इसने भी खूब मेहनत की, हमारे पिताजी सेना में थे, उनकी पेंशन से ही किसी तरह घर चलता था, लेकिन यश को हमने कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दी, वह कम बोलता है लेकिन बल्ले से कमाल दिखाता है.
दिल्ली के बाल भवन स्कूल से अपने प्रोफेशनल क्रिकेट करियर की शुरुआत करने वाले यश ढूल को शुरू में प्रिंसिपल ने ये सोचकर मौका नहीं दिया कि ये लड़का क्या खेलेगा, बड़ी कोशिशों के बाद ये कहकर मौका दिया कि अगर तुम नहीं खेल पाए तो ये आखिरी मौका होगा, उसी मैच में यश ने 125 रनों की नाबाद पारी खेली, जिस पर खुश होकर प्रिंसिपल ने 500 रुपये दिए और पूछा कि इसका क्या करोगे, तब यश ने कहा कि इससे अपनी टीम को पार्टी दूंगा, क्योंकि क्रिकेट में जीत टीम की बदौलत ही होती है, यही वो सोच है जो टीम इंडिया को आगे ले जा सकती है.
आज टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा में ऐसी सोच की कमी दिखती है, कहते हैं जब तक धोनी कप्तान रहे वो सबको साथ लेकर चले, नए खिलाड़ियों को मौका दिया और हर खिलाड़ी को खेलने को मौका दिया, लेकिन विराट कप्तान बने तो पता चला कि इनका इगो ज्यादा और रोहित की कप्तानी से तो विराट जैसे कई दिग्गज खिलाड़ी नाराज हैं, 8 महीने में टीम इंडिया को 8 कप्तान बदलने पड़े, लेकिन लगता है यश ढूल जैसे युवा को टीम में जगह मिली और वो शानदार प्रदर्शन की बदौलत कप्तानी तक पहुंचे तो टीम इंडिया के कप्तानी का संकट कुछ सालों के लिए टल जाएगा और हो सकता है कप्तानी में ये देश के दूसरे धोनी साबित हों, जिनकी कप्तानी में भारतीय क्रिकेट को नया मुकाम मिले.