कहते हैं सियासत में नेताओं की छवि का बड़ा रोल होता है, आप किसी नेता को उसके कपड़े, हाव-भाव और भाषण के तरीके से अपना मानते हैं, पर इसी अपनापन को राहुल गांधी बरकरार नहीं रख पा रहे हैं, ये दो तस्वीरें देखिए, पहली तस्वीर में राहुल गांधी एक तपस्वी की वेश भूषा में है, लंबी दा़ढ़ी, लंबे बाल और कड़ाके की ठंड में हाफ टीशर्ट पहने हैं, जबकि दूसरी तस्वीर में कोर्ट-पैंट पहने टाई लगाए, दाढ़ी ट्रीम करवाए बिल्कुल कूल अंदाज में दिख रहे हैं, अब आप कहेंगे अगर राहुल ने लुक बदल लिया तो इस पर इतनी हाय तौबा क्यों, तो ये समझना भी जरूरी है.

केजरीवाल जब सियासत में आए तो सिंपल शर्ट, पैंट, स्वेटर और मफलर ओढ़े ऐसे दिखते थे, जैसे कोई आदमी हो, मीटिंग में भी चप्पल पहनकर पहुंच जाते थे और जैसें ही सत्ता मिली, खजाना भरा लेकिन खुद का लुक उतना नहीं बदला कि कोई कहने लगे भइया आप तो आम आदमी रहे ही नहीं, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी ने सफेद साड़ी को ऐसा पकड़ा जैसे वो उनका सबसे पसंदीदा पोशाक है, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संत हैं, तो उन्होंने सीएम बनने के बाद भी भगवा नहीं छोड़ा, यहां हम पीएम मोदी का जिक्र इसलिए भी नहीं करेंगे क्योंकि वो वक्त के हिसाब से ड्रेस बदलते हैं, जरूरत पड़ने पर शूट-बूट भी पहन लेते हैं, जरूरत पड़ने पर पायजामा-कुर्ते में आ जाते हैं, हालांकि उनके ड्रेस की चर्चा कांग्रेस ने ही खूब छेड़ी थी. तो अब आप बताइए कि राहुल गांधी ने महीनों मेहनत के बाद जब तपस्वी की छवि बनाई थी, कुछ दिनों पहले छत्तीसगढ़ में हुए कांग्रेस के अधिवेशन तक में ये कहा था हमारी पार्टी तपस्वियों की पार्टी है तो फिर खुद की छवि क्यों बदल ली, अगर सियासी तौर पर समझें तो इससे राहुल की छवि को ही नुकसान पहुंचेगा, लेकिन उनके सलाहकार शायद इतना नहीं सोचते, उन्हें सलाह देने वाले लोग कौन हैं, ये पता नहीं, जो ये कहते हैं कि आप भारत जोड़ो यात्रा की उपलब्धि विदेश में जाकर गिनवाइए. आप सोच रहे होंगे यात्रा भारत में हुई राहुल उपलब्धि गिनवाने विदेश क्यों गए तो वो भी सुनिए.
राहुल गांधी को कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में लेक्चर देने के लिए बुलाया गया था, जिसका विषय था 21वीं सदी में सुनना और सीखना. इसकी शुरुआत राहुल ने अपने भारत जोड़ो यात्रा के अनुभव से की, उन्होंने कहा हमने बेरोजगारी और असमानता की ओर ध्यान खींचा, लेकिन राहुल ने इसके आगे ये भी कहा कि भारत का उत्पादन कम हुआ है, भारत-चीन रिश्तों पर भी बात की.
अभी 7 दिनों तक राहुल लंदन में रहेंगे और कई ऐसी बातें कहेंगे, जिस पर हर बार की तरह सवाल खड़े हो सकते हैं, क्योंकि राहुल ने लुक भले ही त्याग दिया पर उनकी भाषा वही है. इससे पहले राहुल जब कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी गए थे तो उन्होंने कहा था बीजेपी देश में नफरत फैला रही है, भारत देश नहीं बल्कि राज्यों का संघ है, जिस पर बवाल मच गया था और इस बार उन्होंने जो कहा कि भारत में उत्पादन कम हुआ है, यानि विकास कम तेजी से हो रहा है, उस पर बवाल मचना तय है क्योंकि दुनिया की अर्थव्यवस्था का रिपोर्ट रखने वाली IMF तक ने ये कह दिया है कि दुनिया के बाकी देशों से भी तेज भारत की अर्थव्यवस्था बढऩे वाली है, यहां तक कि भारत में 20 देशों के विदेश मंत्री फिलहाल मौजूद हैं, जिनकी मीटिंग से पहले ही गुरुग्राम से गमला चोरी की ख़बर सामने आई तो सब सन्न रह गए, पता चला कि जिस रास्ते से जी20 देशों के नेताओं को गुजरना था, वहां रखे गमले किसी ने चुरा लिए, आरोप यूट्यूबर एल्विश यादव पर लगे, लेकिन बाद में एल्विश ने सफाई दी, फिर जांच के बाद मनमोहन नाम का शख्स गिरफ्तार हुआ, पर सवाल ये नहीं है कि कोई कार वाला 20 रुपये का गमला चोरी क्यों कर रहा था, बल्कि सवाल ये है दुनिया के बड़े-बड़े देश जब भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं तो वो कौन लोग हैं जो विदेशों में भारत को बदनाम करना चाहते हैं, पीएम मोदी से लेकर योगी तक कहते हैं कि कुछ लोग होते हैं जिन्हें देश और राज्य को पिछड़ा बताने में गर्व महसूस होता है, पर वो ये क्यों भूल जाते हैं कि आप भी तो उसी देश के वासी हैं, उसकी बुराई से ज्यादा अच्छाई के लिए काम कीजिए, तभी तो जनता आप पर यकीन करेगी. आपको राहुल का ये लुक और अंदाज कैसा लगा हमें कमेंट कर बता सकते हैं.
ब्यूरो रिपोर्ट ग्लोबल भारत टीवी