नई दिल्ली: कांग्रेस की प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर पर धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाया. उन्होंने सरफराज खान को सीनियर टीम और इंडिया ए टीम में शामिल न करने की आलोचना की. मंगलवार को इंडिया ए टीम में सरफराज का चयन न होने से विवाद फिर शुरू हो गया. कई लोगों का मानना है कि मुंबई के इस शानदार बल्लेबाज को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है. शमा मोहम्मद ने X पर लिखा, "क्या सरफराज खान का चयन उनके सरनेम की वजह से नहीं हो रहा? #बस_पूछ_रहा_हूं. हम जानते हैं कि गौतम गंभीर इस मामले में कहां खड़े हैं." यह टिप्पणी गंभीर के बीजेपी से जुड़ाव को लेकर थी.
सरफराज ने आखिरी बार नवंबर 2024 में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में भारत के लिए खेला था. उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी, इंग्लैंड दौरे और वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज में मौका नहीं मिला. इंडिया ए की दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ सीरीज में भी उन्हें नहीं चुना गया, जिससे फैंस हैरान हैं. इससे पहले भी शमा मोहम्मद क्रिकेट को लेकर विवादास्पद बयान दे चुकी हैं.
इस साल की शुरुआत में उन्होंने रोहित शर्मा को "खिलाड़ी के लिए मोटा" और भारत का "सबसे कम प्रभावशाली कप्तान" कहा था. मंगलवार को AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरफराज को इंडिया ए में न चुनने पर सवाल उठाए. AIMIM प्रवक्ता वारीस पठान ने कहा, "जब कोई खिलाड़ी इतना अच्छा औसत रखता है, तो इसके पीछे जरूर कुछ और बात है. उन्हें क्यों नहीं चुना गया?"
सरफराज ने 6 टेस्ट में लगभग 40 की औसत से 371 रन बनाए हैं. पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने 150 रन की शानदार पारी खेली थी. वहीं, उत्तर प्रदेश के पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने आलोचकों से चयन को राजनीतिक न बनाने की अपील की. उन्होंने कहा, "इसका राजनीतिकरण करने की जरूरत नहीं. शमी और सिराज खेल रहे हैं. यह अनुचित है." चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने सरफराज को वेस्टइंडीज सीरीज से बाहर करने का कारण चोट बताया था. सरफराज क्वाड्रिसेप्स की चोट के कारण दलीप ट्रॉफी और ईरानी कप में नहीं खेल पाए थे.
हालांकि, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दौरे के लिए टेस्ट टीम में न चुने जाने पर सवाल उठे. सरफराज ने इंग्लैंड लायंस के खिलाफ 92 रन की शानदार पारी खेली थी, फिर भी उन्हें सीनियर टीम में जगह नहीं मिली. इंग्लैंड दौरे के लिए करुण नायर को सरफराज के ऊपर तरजीह दी गई.
अगरकर ने कहा था कि करुण का अनुभव और हालिया प्रदर्शन टीम के लिए उपयोगी हो सकता है. लेकिन करुण के खराब प्रदर्शन के बाद भी सरफराज को मौका नहीं मिला. सरफराज अब रणजी ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन कर टीम में वापसी की कोशिश करेंगे. उन्होंने बुची बाबू टूर्नामेंट में शतक लगाकर प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की थी. 56 प्रथम श्रेणी मैचों में 65.19 की औसत के साथ, वह निश्चित रूप से चयनकर्ताओं का ध्यान खींचेंगे.