नई दिल्ली: अफगानिस्तान में रविवार को 6.3 तीव्रता के भूकंप से कम से कम सात लोग मारे गए और 150 घायल हो गए. संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप की गहराई 28 किलोमीटर (17.4 मील) थी और यह लगभग 5,23,000 की आबादी वाले मजार-ए-शरीफ के निकट आया. स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता समीम जोयंदा ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि सुबह तक कुल 150 लोग घायल हुए और सात शहीद हुए हैं, जिन्हें स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया गया है.
उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा सोमवार सुबह तक अस्पतालों की रिपोर्टों पर आधारित है. बल्ख प्रांत के प्रवक्ता हाजी जैद ने रॉयटर्स को बताया कि इस बीच, भूकंप से बल्ख प्रांत के पवित्र मजार-ए-शरीफ मकबरे का हिस्सा भी नष्ट हो गया. USGS ने अपनी PAGER प्रणाली में ऑरेंज अलर्ट जारी किया, जो भूकंप के प्रभाव की स्वचालित जानकारी देती है, और संकेत दिया कि बड़ी संख्या में हताहत होने की संभावना है और आपदा संभवतः व्यापक हो सकती है.
इस अलर्ट स्तर वाले पिछले घटनाओं में क्षेत्रीय या राष्ट्रीय स्तर की प्रतिक्रिया की आवश्यकता पड़ी थी, प्रणाली के अलर्ट में कहा गया. इससे पहले अगस्त में, अफगानिस्तान में भूकंप और उसके बाद की झटकों की श्रृंखला से हजारों लोग मारे गए और हजारों घायल हुए थे. अफगानिस्तान भूकंपों के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील है क्योंकि देश दो प्रमुख सक्रिय भ्रंशों पर स्थित है, जिनके फटने से व्यापक क्षति हो सकती है. 2023 में पश्चिमी हेरात में, ईरान सीमा के निकट, और 2022 में पूर्वी नंगरहार प्रांत में आए बड़े झटकों से सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों घर नष्ट हो गए.
संयुक्त राष्ट्र और सहायता एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि अफगान आबादी में भुखमरी बढ़ रही है और अलग-थलग पड़ा यह देश सूखा, बैंकिंग क्षेत्र पर आर्थिक प्रतिबंधों और पड़ोसी ईरान व पाकिस्तान से लाखों अफगान नागरिकों की वापसी से उत्पन्न मानवीय संकट से जूझ रहा है. अफगानिस्तान में भूकंप आम हैं, विशेष रूप से हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला के साथ, जहां यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं.