ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) ने सावधि जमा में लगभग 3,000 करोड़ रुपए का निवेश किया है. इसका उद्देश्य एफडी से मिलने वाले ब्याज से 2,000 कर्मचारियों के लिए वार्षिक वेतन निकालना है. साथ ही गांवों में विकास परियोजनाओं को पूरा करने और जलपुरा गौशाला में 2,500 से अधिक मवेशियों को खिलाने के लिए इसी ब्याज का इस्तेमाल किया जाएगा.
ग्रामीण विकास के लिए 500 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं, जबकि 2,000 करोड़ रुपए वेतन खर्च के लिए और 200 करोड़ रुपए गौशालाओं के रखरखाव के लिए हैं. प्राधिकरण की तरफ से बताया गया है कि देश की प्रगति के लिए जवाहरलाल नेहरू का आधुनिक भारत का दृष्टिकोण आवश्यक था. अधिकारियों ने कहा कि इन सावधि जमाओं से मासिक ब्याज के रूप में लगभग 18 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.
वर्तमान में, प्राधिकरण में विभिन्न श्रेणियों - नियमित, प्रतिनियुक्ति, अनुबंध और प्लेसमेंट - में 2,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनका वार्षिक वेतन व्यय 60 करोड़ रुपए से अधिक है. वेतन खर्च के लिए 2,000 करोड़ रुपए की जमा राशि से 156 करोड़ रुपए वार्षिक ब्याज मिलेगा. अधिकारियों ने बताया कि अर्जित ब्याज की एक बड़ी राशि का इस्तेमाल अन्य मदों में किया जा सकता है.
दो अन्य एफडी से कुल मिलाकर 4.5 करोड़ रुपये मासिक ब्याज मिलेगा और इसका इस्तेमाल ग्रेटर नोएडा के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 124 से अधिक गांवों के विकास और जलपुरा गौशाला में 2,600 मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था करने में किया जाएगा. बता दें कि गौशाला को कभी-कभी चारे की कमी का सामना करना पड़ता है, जिसके लिए सामाजिक संगठनों से सहायता की आवश्यकता होती है.