नई दिल्ली: क्या भारत और पाकिस्तान के बीच अगले कुछ घंटों में कुछ बड़ा होने जा रहा है, दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री शाह का राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात करना, उसके बाद राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक होना, फिर कांग्रेस अध्यक्ष का ये कहना कि भारत सरकार जो भी एक्शन ले हम साथ है, क्या ये बता रहा है पाकिस्तान के कुछ इलाकों का नामोनिशान मिटने वाला है, एक बार फिर लाहौर में इंडियन आर्मी तिरंगा लहराने वाली है, क्योंकि इंडियन नेवी ने तो ऐसा लगता है इसकी शुरुआत भी कर दी है, ये तस्वीरें हैं INS विक्रांत की, जिसकी गिनती दुनिया की टॉप 10 युद्धपोत में होती है, और साल 1971 में पाकिस्तान एक INS की ताकत देख चुका है, जिसे PNS गाजी से उसने डूबोने की कोशिश की, लेकिन अंजाम अल्टा पड़ गया. और एक बार फिर INS विक्रांत अपने दर्जनों जंगी बेड़े के साथ निकल चुका है. जिसकी खासियत पहले सुनिए फिर बताते हैं क्या पाकिस्तान की आखिरी रात आने वाली है.
INS विक्रांत से क्यों कांपता है पाकिस्तान?
जबकि पाकिस्तान सिर्फ दो दर्जन जंगी जहाजों के सहारे दंभ भरता है, भारत को गीदड़भभकी देता है, जिसका सीधा सा मतलब है इस बार अगर जंग हुई तो पाकिस्तान की हालत 1971 से भी बुरी होगी, उसे ये बात पता चल चुकी है कि भारतीय नौसेना के युद्धपोत जहां उसकी ओर बढ़ने लगे हैं, तो वहीं इंडियन एयरफोर्स ने भी आक्रमण नाम का युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है, जो साफ बताता है दिल्ली से आदेश मिलते ही पाकिस्तान पर बड़ा एक्शन हो सकता है. यही वजह है कि जो पाकिस्तान मिसाइल टेस्ट की बात कर रहा था, उसने कराची और ग्वादर के आसपास से वॉरशिप को दूर रहने का निर्देश दिया है, ताकि भारत को ये लगे कि वो सिर्फ परीक्षण कर रहा है, किसी तैयारी में नहीं है. हालांकि सूत्र बताते हैं पाकिस्तान ने LOC पर तैनाती बढ़ा दी है, भारत की तरफ से होने वाले किसी भी संभावित कार्रवाई को देखते हुए वो अलर्ट मोड में नजर आ रहा है, क्योंकि अंजाम क्या होगा इसका ऐलान पीएम मोदी ने बिहार की धरती से कर दिया है, और उसका असर कुछ ही घंटों में दिखने वाला है, आगे क्या होगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी है, पूरा देश एक सुर में कह रहा है पाकिस्तान को सबक सीखाना ही होगा.