नई दिल्ली: जम्मू संभाग के कठुआ जिले के सुफैन जंगल में तलाशी ले रहे सुरक्षा बलों पर जंगल में छिपे बंदूकधारियों की गोलीबारी के दौरान गुरुवार को हुई मुठभेड़ में जम्मू-कश्मीर के तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गए और इतने ही संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए. डीएसपी धीरज कटोच, दो अन्य पुलिसकर्मी और 1 पैरा (विशेष बल) का एक सैन्यकर्मी घायल हो गया. इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया है.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, शहीद हुए पुलिसकर्मियों में एक हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल शामिल हैं. ऑपरेशन जारी रहने के कारण शवों को अभी घटनास्थल से निकाला जाना बाकी है. कई विस्फोटों के साथ ग्रेनेड और रॉकेट से इलाके में गोलीबारी हुई. देर रात एक अधिकारी ने कहा, "पूरे दिन गोलीबारी जारी रही." उन्होंने कहा कि घायल सुरक्षाकर्मियों को कठुआ और जम्मू के अस्पतालों में ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है.
माना जा रहा है कि हमलावर वही समूह हैं जो रविवार शाम को पाकिस्तान सीमा के पास हीरानगर सेक्टर के सान्याल गांव के पास एक संक्षिप्त गोलीबारी के बाद भागने में सफल रहे थे. सुफ़ैन के जंगल सान्याल गांव से लगभग 35 किमी दूर हैं. सुरक्षा बलों ने एक सुदूर पहाड़ी झोपड़ी में छिपे आतंकवादियों को घेर लिया था - यह झोपड़ी खानाबदोश चरवाहों द्वारा बनाई गई कई झोपड़ियों में से एक थी जो अपने पशुओं के साथ इस क्षेत्र में घूमते हैं. लेकिन वे भाग निकले, जिससे पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू हो गया.
तलाशी अभियान अपने चौथे दिन में प्रवेश कर गया, जिसमें सेना, एनएसजी, बीएसएफ, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उन्नत निगरानी उपकरण, बुलेटप्रूफ वाहन, यूएवी, ड्रोन और खोजी कुत्तों को तैनात किया. सोमवार को, तलाशी दलों को एक एम4 कार्बाइन की चार भरी हुई मैगजीन, दो ग्रेनेड, एक बुलेटप्रूफ जैकेट, स्लीपिंग बैग, ट्रैकसूट और आईईडी बनाने के लिए सामग्री मिली.
अगले दिन एक सफलता तब मिली जब डिंगा अंब गांव की एक महिला ने लड़ाकू कपड़ों में दो पुरुषों को पानी मांगते हुए देखा. इसने तलाशी अभियान को आगे बढ़ाया. आतंकवादियों के संभावित भागने के रास्तों को बंद करने के लिए जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग और सीमावर्ती गांवों की ओर जाने वाली संपर्क सड़कों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
राजौरी जिले में, सुरक्षा बलों ने थानामंडी के मन्याल गली जंगलों में एक आतंकवादी ठिकाना ढूंढ निकाला, जहां से जिंदा कारतूस, एक ग्रेनेड, एक गैस सिलेंडर, एक सोलर पैनल और खाद्य आपूर्ति जब्त की गई. आतंकवादी गतिविधियों ने जम्मू में विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा दिया, जहां डोगरा फ्रंट और शिवसेना कार्यकर्ताओं ने सीमा पार आतंकवाद की निंदा करते हुए एक पाकिस्तानी झंडा जलाया.