नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए खतरनाक आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं. इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे. भारत ने अटारी एकीकृत जांच चौकी (ICP) को बंद कर दिया, वीजा सेवाएं रोक दीं, और सीमा पर होने वाली परंपरागत सेरेमनी को कम कर दिया. इन कदमों से भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को साफ कर दिया है.
गुरुवार को अटारी-वाघा सीमा पर वह प्रसिद्ध दरवाजा, जो भारत-पाकिस्तान संबंधों का प्रतीक माना जाता है, बंद रहा. हालांकि, दोनों देशों ने अपनी-अपनी तरफ से रिट्रीट सेरेमनी अलग-अलग की. पंजाब पुलिस के प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण महाल ने बताया कि सीमा पार केवल अपने देश लौटने वाले नागरिकों को ही अनुमति दी जा रही है. उन्होंने कहा, "अटारी सीमा से 28 पाकिस्तानी नागरिक पाकिस्तान लौट गए, जबकि 105 भारतीय नागरिक पाकिस्तान से भारत वापस आए. इस कदम से पर्यटकों की संख्या पर भी असर पड़ा है."
सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने घोषणा की कि अटारी, हुसैनीवाला, और सादकी में होने वाली सेरेमनी अब छोटे स्तर पर होंगी. इसमें एक बड़ा बदलाव यह है कि भारतीय और पाकिस्तानी कमांडरों के बीच होने वाली परंपरागत हैंडशेक को बंद कर दिया गया है. साथ ही, रिट्रीट सेरेमनी के दौरान सीमा के दरवाजे बंद रहेंगे. यह सारे कदम मंगलवार को पहलगाम के बैसारन मीडो में हुए आतंकी हमले के जवाब में उठाए गए हैं. इस हमले में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई. कई लोग घायल भी हुए. इस हमले को 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में सबसे भयानक हमला बताया जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की आपात बैठक में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का फैसला किया. गृह मंत्री अमित शाह भी इस बैठक में मौजूद थे. बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए, जिनमें 1960 के सिंधु जल संधि को तब तक निलंबित करना शामिल है, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता. इसके अलावा, अटारी ICP को पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया गया.
भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों को अवांछित व्यक्ति (पर्सोना नॉन ग्राटा) घोषित कर दिया और उन्हें एक हफ्ते के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया. साथ ही, SAARC वीजा छूट योजना के तहत जारी सभी वीजा रद्द कर दिए गए. पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है. विदेश मंत्रालय ने भी साफ किया कि पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं तुरंत प्रभाव से बंद कर दी गई हैं. 27 अप्रैल 2025 से भारत द्वारा जारी सभी वैध वीजा भी रद्द कर दिए जाएंगे.
ये कदम भारत के उस संकल्प को दर्शाते हैं कि वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतेगा. पहलगाम हमले ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा दिया है. भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपनी सीमाओं की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई समझौता नहीं करेगा. अटारी-वाघा सीमा पर कम हुई गतिविधियां और पर्यटकों की संख्या में कमी इस तनाव की गंभीरता को दिखाती है.
यह घटनाक्रम न केवल आतंकवाद और सीमा सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भारत की सख्त नीति का हिस्सा है. भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले किसी भी देश के साथ सामान्य संबंध नहीं रखेगा. आने वाले दिनों में भारत की ओर से और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं, जो क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होंगे.