नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद प्रशासन और सुरक्षा बलों ने सख्त कदम उठाए हैं. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. हमले के लिए जिम्मेदार माने जा रहे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के पांच सक्रिय आतंकियों के घरों को सुरक्षा बलों ने नष्ट कर दिया है. यह कार्रवाई शुक्रवार से शुरू हुई और जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में की गई.
पहलगाम में क्या हुआ?
पहलगाम के पास ब्यासरन घास का मैदान, जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से जाना जाता है, वहां 22 अप्रैल को दोपहर में 5-6 आतंकियों ने अचानक हमला बोल दिया. यह जगह अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है और यहां केवल पैदल या घोड़े से पहुंचा जा सकता है. हमलावर आसपास के जंगलों से निकले और वहां मौजूद लोगों पर गोलियां चलाने लगे. पिकनिक मना रहे लोग, घोड़े की सवारी करने वाले पर्यटक और खाने की दुकानों पर मौजूद लोग उनके निशाने पर थे.
इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल के दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय लोग शामिल थे. यह कश्मीर घाटी में हाल के वर्षों में नागरिकों पर हुआ सबसे खतरनाक हमला था. हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने ली. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे नागरिकों पर हाल के वर्षों में हुआ सबसे बड़ा हमला बताया.
सुरक्षा बलों की कार्रवाई
हमले के बाद सुरक्षा बलों ने तेजी से कार्रवाई शुरू की. उन्होंने उन आतंकियों की पहचान की, जिन्हें इस हमले में शामिल माना जा रहा है. इसके बाद, पांच सक्रिय लश्कर आतंकियों के घरों को नष्ट करने की कार्रवाई शुरू की गई. यह कार्रवाई अलग-अलग जिलों में की गई...
कार्रवाई का उद्देश्य
इन कार्रवाइयों का मकसद आतंकियों और उनके समर्थकों को कड़ा संदेश देना है. सुरक्षा बलों का मानना है कि आतंकियों के घरों को नष्ट करने से उनके नेटवर्क को कमजोर किया जा सकता है और स्थानीय स्तर पर उनके समर्थन को खत्म किया जा सकता है. यह कार्रवाई पहलगाम हमले के जवाब में तेजी से और समन्वित तरीके से की गई.
भारत-पाकिस्तान तनाव
पहलगाम हमला भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से चल रहे तनाव को और बढ़ा सकता है. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. हमले के बाद भारत ने कई सख्त कदम उठाए, जैसे सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानियों को वीजा देना बंद करना और वाघा-अटारी सीमा को बंद करना. जवाब में, पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपनी हवाई सीमा बंद कर दी. पहलगाम हमले ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को और गंभीर बना दिया है.