देश की दो अदालतों से आए दो गजब फैसले को जानकर आप सोचेंगे कि ये न्याय है या पीड़ितों के जख्मों पर नमक मला गया है. दरअसल, दिल्ली की कोर्ट ने 200 रुपये के चोर को 1 साल की सजा सुनाई है और पुणे में 2 लोगों की मौत वाले को बेल दे दिया गया है.
बता दें कि यूपी के बहराइच के रहने वाले शमसुद्दीन को पुलिस चोरी के आरोप में दिल्ली से उठाती है, जो ओखला सब्जी मंडी के पास सब्जी बेचता था. शमसुद्दीन पर आरोप था कि उसने एक व्यक्ति की जेब से बटुआ चुराया है, जिसमें 200 रुपए और एटीएम कार्ड थे.
पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद अदालत में पेश करती है. जिसके बाद आरोपी महीनों जेल में काटता है, पर सजा नहीं हो पाती. एक दिन उसे पता चलता है कि उसकी पिता की मौत हो गई है. अगली बार जब वकील उससे मिलने जाते हैं, तो वह कहता है मैं मान लेता हूं कि चोरी मैंने की है. इससे सजा हो जाएगी और जेल से बाहर आ जाऊंगा, वरना तिहाड़ में जिंदा नहीं रह पाऊंगा.
इतना कहते ही वो रोने लगता है. उसके बाद अगली सुनवाई पर यही करता है. जज साहब एक साल की सजा सुनाते हैं. इसे सुनकर वह काफी खुश होता है और कहता है अब जेल से बाहर निकल जाऊंगा. एक साल की सजा काटकर वह बाहर निकल जाता है. ये फैसला कानून की नजर में सही था.
अब दूसरे फैसले पर आते हैं. दरअसल, महाराष्ट्र के पुणे में दो इंजीनियर लड़के पार्टी करके घर लौट रहे थे, तभी एक महंगी कार चलाता हुआ नाबालिग लड़का आता है और दोनों को कुचल देता है. दोनों की मौके पर ही मौत हो जाती है. पुलिस आरोपी को उठा लेती है और कम उम्र होने की वजह से जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेशी करती है, जहां जज साहब उसे शर्तों पर जमानत दे देते हैं.
क्या थी शर्तें...
वहीं जमानत मिलने के बाद लोगों ने इन शर्तों पर सवाल उठा दिए है. गृहमंत्री अमित शाह पहले ही केजरीवाल के जमानत को लेकर सवाल उठा चुके हैं. ऐसे में लोग अब ये पूछ रहे हैं कि क्या सच में VIP के लिए कानून अलग है और आम जनता के लिए कानून अलग है. जिस लड़के को जमानत मिली उसके पिता 600 करोड़ की प्रॉपर्टी के मालिक हैं, जिस लड़के को सजा हुई वो सब्जी बेचता था.