नई दिल्ली: हाल ही में, भारत सरकार ने पाकिस्तान से आने वाली सभी प्रकार की डाक और पार्सल सेवाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. यह निर्णय संचार मंत्रालय ने लिया है. जानकारी मिली है कि यह हवाई और सड़क दोनों मार्गों से आने वाली डाक पर लागू किया जाएगा. बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के जवाब में यह निर्णय लिया गया है. हमले में 26 लोगों की जान गई थी. इस हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच व्यापार, संचार और कूटनीतिक संबंधों में और गिरावट आई है.
संचार मंत्रालय के एक आधिकारिक नोटिस के अनुसार, भारत ने सभी श्रेणियों की डाक, जिसमें पत्र, पैकेज और अन्य सामग्री शामिल हैं, के आदान-प्रदान को निलंबित कर दिया है. यह कदम भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ एक और सख्त कार्रवाई है, जो पहलगाम हमले के बाद शुरू की गई कई प्रतिबंधात्मक नीतियों का हिस्सा है. इससे पहले, भारत ने पाकिस्तान से आयात और निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी, जिसने दोनों देशों के बीच पहले से ही नगण्य व्यापार को पूरी तरह से बंद कर दिया. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत का यह कदम प्रतीकात्मक होने के साथ-साथ रणनीतिक भी है, क्योंकि यह पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने का एक प्रयास है.
पहलगाम हमले के बाद भारत ने कई अन्य कदम भी उठाए हैं, जिनमें पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा निलंबन, अटारी-वाघा सीमा को बंद करना, और पाकिस्तानी उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या में कटौती शामिल है. इसके अलावा, भारत ने इंदस जल संधि को भी निलंबित कर दिया है, जो दोनों देशों के बीच जल संसाधनों के बंटवारे को नियंत्रित करती है. इन कदमों से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका, ने दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील की है.
इस बीच, पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की है. उसने भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है, जिसके कारण भारतीय विमानन कंपनियों, जैसे एयर इंडिया और इंडिगो, को वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेना पड़ रहा है. इससे इन कंपनियों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है, जिसमें अकेले एयर इंडिया को एक साल में लगभग 600 मिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है. दूसरी ओर, पाकिस्तान ने हाल ही में भारत के साथ डाक सेवाओं को बहाल करने की घोषणा की थी, और मंगलवार को अटारी-वाघा सीमा पर सात पत्र भारत को सौंपे गए थे. हालांकि, भारत के इस नए प्रतिबंध के बाद यह प्रक्रिया फिर से रुक सकती है.
विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम भारत की ओर से पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश है कि वह आतंकवाद के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगा. साथ ही, यह कदम दोनों देशों के बीच पहले से ही सीमित संचार और व्यापारिक संबंधों को और कमजोर करेगा. अटारी-वाघा सीमा, जो पहले दोनों देशों के बीच डाक और व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र थी, अब पूरी तरह से बंद है. इससे दोनों देशों के नागरिकों और व्यवसायों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है.