गुरुवार को राष्ट्रीय खेल दिवस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों को शुभकामनाएं दीं और हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि दी. बता दें कि 29 अगस्त को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय खेल दिवस हॉकी के 'जादूगर' कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. ध्यानचंद ने 1925 से 1949 तक भारतीय हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व किया और 185 मैचों में 1,500 से अधिक गोल किए. ध्यानचंद के शानदार करियर में 1928, 1932 और 1936 में तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतना शामिल है. 1956 में ध्यानचंद को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
गृह मंत्री अमित शाह ने शोसल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट का लिखा कि हॉकी के ''जादूगर'' मेजर ध्यानचंद की जयंती पर, मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं और सभी देशवासियों को 'राष्ट्रीय खेल दिवस' की शुभकामनाएं देता हूं. केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि मेजर ध्यानचंद का जीवन इस बात का प्रतीक है कि अटूट समर्पण और अथक प्रयास से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. अमित शाह ने आगे कहा कि उन्होंने (ध्यानचंद) न केवल भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि देश में खेलों के प्रति सकारात्मक चेतना भी जगाई.
इससे पहले केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने नई दिल्ली में मेजर ध्यानचंद को पुष्पांजलि अर्पित की थी. इस दौरान मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में पत्रकारों से बात करते हुए मनसुख मंडाविया ने कहा कि आज राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर हमने मेजर ध्यानचंद को पुष्पांजलि अर्पित की. आज उनकी जयंती है और हम इसे राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मना रहे हैं. खेल मंत्री ने देश के विकास के लिए फिट और स्वस्थ रहने के महत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों को फिट और स्वस्थ रहना चाहिए.
खेल मंत्री ने कहा कि 2047 में विकसित भारत का निर्माण करने के लिए सभी नागरिकों का फिट रहना आवश्यक है. मंत्री ने सभी से अपनी रुचि के किसी एक खेल में भाग लेने के लिए एक घंटा निकालने का आग्रह किया. मंडाविया ने कहा कि फिट रहने के लिए खेलों में शामिल होना महत्वपूर्ण है. इसलिए सभी लोगों को अपने व्यस्त कार्यक्रम से एक घंटा निकालना चाहिए और अपनी रुचि का कोई एक खेल खेलना चाहिए और फिट रहना चाहिए.
इसी बीच मेजर ध्यानचंद के बेटे ओलंपियन अशोक कुमार ने गुरुवार को मध्य प्रदेश के जबलपुर में अपने पिता की प्रतिमा का अनावरण किया. अशोक कुमार ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि ध्यानचंद के गुणों और कार्यकुशलता ने देश और उसके स्वाभिमान को प्रभावित किया है. मैं इसके लिए एमपीई विभाग को धन्यवाद देता हूं. यहां आने वाले बच्चों को एक नई दिशा और प्रेरणा मिलेगी.
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