नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ सीट बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने और साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले रणनीति बनाने के लिए बैठक की. बैठक के बाद तेजस्वी ने कहा कि पटना में दोनों दलों के बीच चर्चा का एक और दौर होगा. तेजस्वी ने कहा कि कांग्रेस और RJD रणनीति बनाने के लिए पटना में बैठेंगे.
उन्होंने कहा कि हम बिहार को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बिहार में 20 साल से सरकार है, जिसमें से 11 साल से पीएम मोदी सत्ता में हैं. इन सबके बावजूद, बिहार सबसे आर्थिक रूप से पिछड़ा राज्य बना हुआ है, जहां प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है, किसानों की आय सबसे कम है और सबसे ज्यादा पलायन होता है. हालांकि, तेजस्वी ने बिहार में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के बारे में पूछे गए सवालों को टालते हुए कहा, "मुझे नहीं पता कि आप सभी सीएम चेहरे को लेकर क्यों चिंतित हैं- हम तय करेंगे. यह तय है कि बिहार में NDA की सरकार नहीं बनेगी.
उन्होंने कहा कि हम सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. हम विपक्ष में हैं- सरकार की कमियों को जनता के सामने उजागर करना हमारी जिम्मेदारी है. इससे पहले, बैठक के बारे में बोलते हुए, RJD नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि यह एक औपचारिक बैठक है. अगर हम कांग्रेस पार्टी के सहयोगियों को देखें, तो RJD अब तक की सबसे पुरानी सहयोगी है. इस औपचारिक बैठक में पूरे परिदृश्य पर चर्चा की जाएगी.
मनोज झा ने कहा कि यह बैठक बिहार के व्यापक संदर्भ को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की गई है, और चूंकि चुनाव अब लगभग 6-8 महीने दूर हैं, इसलिए सभी प्रासंगिक मामलों पर चर्चा की जाएगी. कांग्रेस ने कहा है कि वह किसी भी पार्टी की 'बी-टीम' नहीं है और विपक्षी गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला चुनाव के बाद ही किया जाएगा. हालांकि, RJD तेजस्वी को महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश कर रहा है.
एक्स पर सोशल मीडिया पोस्ट में खड़गे ने कहा कि इस बार बिहार में बदलाव तय है. आज हमने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की और महागठबंधन को मजबूत करने पर चर्चा की. आने वाले चुनाव में हम बिहार की जनता को एक मजबूत, सकारात्मक, न्यायपूर्ण और कल्याणकारी विकल्प देंगे. बिहार को भाजपा और उसके अवसरवादी गठबंधन से मुक्ति दिलाई जाएगी.
उन्होंने कहा कि युवा, किसान-मजदूर, महिलाएं, पिछड़े, अति पिछड़े और समाज के सभी वर्ग के लोग महागठबंधन की सरकार चाहते हैं. बिहार में एआईसीसी के प्रभारी कृष्णा अल्लवरु ने कहा कि सीएम चेहरे पर सामूहिक निर्णय लिया जाएगा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कन्हैया कुमार की ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ रैली के लिए हाल ही में पटना की अपनी यात्रा के दौरान इस विचार को दोहराया.
पायलट ने कहा कि विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सब कुछ तय किया जाएगा. बिहार में एक उच्च-दांव की लड़ाई की उम्मीद है, जिसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी शामिल हैं, का मुकाबला महागठबंधन से है, जिसमें कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और वामपंथी दल शामिल हैं.