बिहार में विकास का बड़ा वादा, आम लोगों तक पहुंचीं सरकारी योजनाएं, हर 12वें व्यक्ति को मिल रही सरकारी सुविधा

Rahul Jadaun 23 Jun 2025 06:19: PM 2 Mins
बिहार में विकास का बड़ा वादा, आम लोगों तक पहुंचीं सरकारी योजनाएं, हर 12वें व्यक्ति को मिल रही सरकारी सुविधा
  • बिहार में हर 12 में एक व्यक्ति को मिल रहा है सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ
  • बिहार सरकार अपने संसाधनों से संचालित कर रही है तीन-तीन सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाएं
  • इसके अलावा केंद्र सरकार के सहयोग से तीन योजनाओं में 25 से 50 प्रतिशत का वित्तीय भार उठा रही है बिहार सरकार

पटना: सामाजिक सुरक्षा के लिए पेंशन योजनाएं संचालित करने का मुख्य उद्देश्य, वृद्ध, विकलांग, विधवा और अन्य जरूरतमंद नागरिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। बिहार सरकार समाज की पिछली पंक्ति के लोगों को मुख्यधारा में शामिल करने और सम्मानजनक जीवन व्यतीत करने के लिए कोई एक-दो नहीं बल्कि आधा दर्जन योजनाओं का सफलता से क्रियान्वयन कर रही है। सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी इन योजनाओं के आकार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिहार में हर 12 में एक व्यक्ति सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन योजना से लाभान्वित हो रहा है। 

बिहार में कुल आधा दर्जन सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी पेंशन योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। विगत शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में महिला संवाद की समीक्षा बैठक में सामाजिक सुरक्षा से इन सभी आधा दर्जन पेंशन योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि में 175 प्रतिशत की वृद्धि करने का फैसला लिया गया है। अब बिहार में संचालित सभी सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत संचालित पेंशन योजनाओं में लाभान्वितों को कम से कम 1100 रुपये का भुगतान किया जा रहा है। जाहिर है कि बिहार सरकार को इसके लिए अपने संसाधनों से धनराशि व्यय करना होगा। बिहार में सामाजिक सुरक्षा के तहत संचालित पेंशन योजनाओं से राज्य की कुल एक करोड़, 11 लाख, 22 हजार, 825 लोगों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

इन सभी छह योजनाओं में तीन योजनाएं केन्द्रीय सहायता से संचालित हैं। जबकि तीन योजनाएं बिहार सरकार अपने संसाधनों से बिना किसी केन्द्रीय सहायता के संचालित कर रही है। केंद्र की सहायता से चलने वाली योजनाओं में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृदधावस्था पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्तता पेंशन योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं पर खर्च होने वाली धनराशि में केंद्र सरकार 50 से 75 प्रतिशत की राशि का वहन करती है। जबकि बिहार सरकार अपने संसाधनों से लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, बिहार नि:शक्तता पेंशन योजना और मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना का संचालन कर रही है। इन योजनाओं पर खर्च होने वाली शत-प्रतिशत धनराशि बिहार सरकार खुद वहन करती है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित तीन पेंशन योजनाओं पर बिहार सरकार को 732.32 करोड़ रुपये के वित्तीय भार का वहन करना पड़ता था। जबकि 1438.72 करोड़ रुपये केंद्रांश के रूप में प्राप्त होते हैं। बिहार द्वारा सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन की न्यूनतम राशि 1100 रुपये किए जाने के बाद केन्द्रीय पेंशन योजनाओं में बिहार सरकार को सालाना 732.32 करोड़ रुपये की जगह अब 3508.90 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ उठाना होगा।

इसी तरह, जिन तीन पेंशन योजनाओं का संचालन बिहार सरकार अपने दम पर कर रही है उन योजनाओं के संचालन में 3308..25 करोड़ की जगह अब 4040.58 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना होगा। केंद्र व राज्य सरकार की इन सभी छह योजनाओं के संचालन पर बिहार सरकार के खजाने पर हर साल 9202.84 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार बढ़ जाएगा।

बिहार में केन्द्रीय सहायता से संचालित सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाएं-

  1. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना
  2. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना
  3. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्तता पेंशन योजना

बिहार सरकार द्वारा अपने संसाधनों से संचालित सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाएं-

  1. लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना
  2. बिहार विकलांगता पेंशन योजना
  3. मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना

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