केंद्र सरकार ने पराली जलाने को लेकर एक कड़ा कदम उठाया है. हाल ही में, केंद्र ने पराली जलाने पर जुर्माने की राशि में भारी वृद्धि की है. अब नए नियमों के अनुसार, जो किसान कम से कम दो एकड़ भूमि पर पराली जलाएंगे, उन्हें जुर्माना देना होगा. इस जुर्माने की राशि किसानों की भूमि के आकार के आधार पर तय की जाएगी.
नए नियमों के तहत, यदि किसी किसान के पास दो एकड़ से कम भूमि है और वह पराली जलाता है, तो उसे 5,000 रुपये का जुर्माना लगेगा. वहीं, जिन किसानों के पास दो से पांच एकड़ भूमि है, उन्हें 10,000 रुपये का जुर्माना देना होगा. इसके अलावा, यदि किसान के पास पांच एकड़ से ज्यादा भूमि है, तो उस पर 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकारों को कड़ी फटकार के बाद किया गया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने गत महीने के अंत में राज्यों से यह कहा था कि वे पराली जलाने पर पर्याप्त जुर्माना नहीं लगा रहे हैं और इसके लिए उन्हें सुधार करने की आवश्यकता है. इसके बाद केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया और जुर्माने की राशि को दोगुना कर दिया.
केंद्र सरकार ने इस निर्णय को "कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन नेशनल कैपिटल रीजन एंड एडजॉइनिंग एरियाज (इम्पोजीशन, कलेक्शन एंड यूटिलाइजेशन ऑफ एनवायरनमेंटल कंपेन्सेशन फॉर स्टबल बर्निंग) अमेंडमेंट रूल्स, 2024" के रूप में लागू किया है. यह नियम 2021 में बने "कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट" एक्ट के तहत संशोधित किए गए हैं.
सरकार का यह कदम दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, क्योंकि पराली जलाने से प्रदूषण और वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आती है, जो खासकर सर्दी के मौसम में अधिक गंभीर हो जाता है.
इस फैसले के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि किसानों में पराली जलाने के खिलाफ एक चेतना जागेगी और पर्यावरण को बचाने के लिए वे अधिक जिम्मेदार बनेंगे. हालांकि, यह भी जरूरी है कि सरकार किसानों को वैकल्पिक उपायों और तकनीकों के बारे में जागरूक करे ताकि वे पराली जलाने की बजाय पर्यावरण के अनुकूल तरीके अपनाएं.