महाराष्ट्र के पालघर में रैली को संबोधित करते हुए सीएम योगी सिर्फ इतना ही नहीं कहते, बल्कि इससे आगे जो कहते हैं, वो न तो पाकिस्तान को रास आएगा और ना ही हिंदुस्तान में बैठे पाकिस्तान से प्यार करने वाले देश के दुश्मनों को. योगी साफ-साफ कहते हैं कि ये कांग्रेस सरकार वाला दौर नहीं है. अब अगर पाकिस्तान ने आंखें दिखाई तो न आंखें बचेगीं, ना ही भारत की ओर उठने वाला हाथ बचेगा.
योगी ये तक दावा करते हैं कि हमारा पूरा प्लान तैयार है. बस मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाइए और पीओके को हिंदुस्तान में मिला लीजिए. योगी का ये बयान बताता है कि जून 2024 में अगर मोदी शपथ लेते हैं, तो दिसंबर 2024 तक भारत में पीओके शामिल हो जाएगा, जिसका मतलब ये हुआ कि 26 जनवरी 2025 को पीओके में तिरंगा लहरा सकता है.
अब सवाल ये है कि अगर योगी दिसंबर 2024 की बात कर रहे हैं तो फिर दिसंबर में वो शुभ मुहूर्त कौन सा है, जिस दिन मोदी पीओके कूच का ऐलान करेंगे. अपने नामांकन में भी एक ज्योतिष को ले जाने वाले पीएम मोदी ने क्या इन्हीं बाबा को ये कमान दी है कि आप पंचांग देखकर विजयी मुहूर्त बताइए, जैसे पुराने जमाने में राजा सीमा विस्तार के लिए युद्ध पर निकलते थे तो पंडित से शुभ मुहूर्त दिखवाते थे, ठीक उसी तरह क्या हिंदुस्तान के हिस्से को पाकिस्तान से वापस लेने के लिए पीएम मोदी बड़े-बड़े ज्योतिष की सलाह रहे हैं. हमने पंचांग देखा तो पता चला कि दिसंबर में कई सारे शुभ मूहूर्त हैं.
सर्वार्थ सिद्धि योग
ज्योतिष शास्त्र में सर्वार्थ सिद्धि योग को बहुत ही महत्वपूर्ण और शुभ माना गया है. ऐसे में दिसंबर मास में 01, 06, 09, 11, 15, 16, 19, 21, 22, 25 और 28 दिसंबर के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है.
मृत सिद्धि योग
मृत सिद्धि योग किए गए मांगलिक कार्यों से जीवन में आ रही सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं. ऐसे में 25 और 28 दिसंबर को अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है.
इन्हीं में से एक तारीख में भारत पीओके को मिलाने का प्लान बनाएगा. चूंकि राम मंदिर वाला शुभ मूहूर्त पीएम मोदी के साथ दिख रहे इन्हीं ज्योतिष महोदय ने निकाला था, जो बरसों पहले दक्षिण भारत से आकर वाराणसी में बस गए थे और फिर वाराणसी के ही होकर रह गए. कहते हैं इन्होंने जीतने भी शुभ मुहूर्त अब तक पीएम मोदी को बताए हैं, उनमें से कभी भी कोई अनिष्ट नहीं हुआ है, तो इस बार भी भरोसा है कि पीओके वाला प्लान पूरी तरह से सफल होगा, हालांकि पाकिस्तान उधर लगातार नई-नई चालें चल रहा है.
इसलिए भारतीय सेना के अधिकारी भी अपनी तैयारी बढ़ा रहे हैं. देश के दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत हमेशा कहते थे कि देश एक, दो नहीं बल्कि ढाई मोर्चे पर युद्ध के लिए तैयार है. पर इस बार पाकिस्तान किसी युद्ध की हालत में नजर नहीं आता. 1971 में जिस तरह से उसकी सेना को सरेंडर करना पड़ा था, जैसी इंटरनेशनल इनसल्ट पाकिस्तान की हुई थी, उसके बाद से वहां के बड़े-बड़े रणनीतिकार ये कह रहे हैं कि अगर पीओके अभी हाथ से जाता है तो जाने देंगे, क्योंकि पहले लाहौर को बचाना जरूरी है.
कहीं पीओके के जाने के बाद लाहौर वाले भी ये न कहने लगे कि हमें हिंदुस्तान में मिलना है. जिस हिसाब का विकास जम्मू-कश्मीर में मोदी सरकार ने किया है, ये उसी विकास का भरोसा है कि योगी दावे के साथ कह रहे हैं मोदी तीसरी बार पीएम बने तो 6 महीने के भीतर पीओके भारत में मिल जाएगा.