Moscow drone attack: ऑपरेशन सिंदूर के बाद दूसरे देशों में भेजा गया डेलिगेशन रूस की राजधानी मॉस्को में उतरने ही वाला था, इतने में पायलट को खबर मिलती है कि मॉस्को एयरपोर्ट पर यूक्रेन ने हमला कर दिया है. ये हमला ड्रोन की मदद से किया गया था. जिसके बाद चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल हो गया. इस डेलिगेशन में DMK सांसद कनिमोझी करुणानिधि, समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय, आरजेडी सांसद प्रेमचंद गुप्ता, कैप्टन ब्रिजेश, अशोक कुमार मित्तल और राजदूत मंजीव सिंह पुरी शामिल हैं. हमले के कारण उड़ानों की आवाजाही घंटों ठप रही और इस चपेट में आ गईं भारत से गई एक खास राजनीतिक टीम, जिसमें डीएमके सांसद कनिमोझी भी शामिल थीं। यह प्रतिनिधिमंडल 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत मास्को पहुंचा था, लेकिन प्लेन को कई घंटों तक रनवे पर ही इंतजार करना पड़ा।
इस प्रतिनिधिमंडल का मकसद भारत-रूस के बीच स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना था। लेकिन जैसे ही फ्लाइट मास्को के वीवीएनको एयरपोर्ट पर लैंड करने वाली थी, तभी सुरक्षा एजेंसियों को ड्रोन गतिविधियों की खबर मिली। तुरंत एयरपोर्ट को अलर्ट पर डाल दिया गया और तमाम ऑपरेशन्स रोक दिए गए।
घंटों इंतजार, कोई जानकारी नहीं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कनिमोझी समेत डेलीगेशन के सभी सदस्य फ्लाइट में ही बैठे रहे और उन्हें एयरपोर्ट अथॉरिटीज़ की तरफ से कोई स्पष्ट सूचना नहीं दी गई। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए एयर ट्रैफिक को रोक दिया गया, जिससे बड़ी संख्या में फ्लाइट्स प्रभावित हुईं। कई घंटों की अनिश्चितता के बाद विमान को आखिरकार लैंडिंग की इजाजत मिली। यह पहली बार नहीं है जब रूस में ड्रोन अटैक की घटना सामने आई हो, हाल के महीनों में यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे तनाव के कारण ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर डेलिगेशन?
यह पहल भारत सरकार के समर्थन से चलाई जा रही है, जिसका मकसद है भारतीय महिलाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अवसर और सहयोग को मजबूत करना। कनिमोझी के साथ प्रतिनिधिमंडल में कई अन्य सांसद और सामाजिक क्षेत्र की हस्तियां भी शामिल हैं।
राजनीतिक और कूटनीतिक चिंता
इस घटना ने एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय यात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारत सरकार ने मास्को स्थित दूतावास से रिपोर्ट मांगी है और घटना की जांच की मांग की है।