Shashi Tharoor rebellion: क्या शशि थरूर पूरी तरह से मन बना चुके हैं? क्या उन्हें PM मोदी इतने पसंद आ गए हैं कि उन्होंने कांग्रेस का इतिहास फिर से उखाड़ा तो सियासत में भूचाल आ गया! कांग्रेस नेतृत्व के साथ शह-मात का खेल खेल रहे केरल से सांसद शशि थरूर ने इस बार पार्टी की दुखती रग छेड़ दी है. थरूर और मोदी की दोस्ती परवान चढ़ रही है, तो उधर राहुल गांधी के चेहरे पर शिकन बढ़ रही है? सबसे पहले पढ़िए थरूर ने क्या कहा?
“आज का भारत 1975 का देश नहीं है. थरूर ने लिखा, कैसे पूरी दुनिया इमरजेंसी के वक्त की भयानक हकीकत, हिरासत में यातनाओं और न्यायेतर हत्याओं से अनजान थी. थरूर ने लिखा, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सत्तावादी रवैये ने सार्वजनिक जीवन को भय और दमन के हालात में धकेल दिया. उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि आज का भारत '1975 का भारत नहीं है.”
दरअसल ये जो भाषा थरूर की है, वो कुछ दिन पहले तक बीजेपी और RSS के नेताओं की हुआ करती थी. लेकिन सच क्या है? क्या थरूर को पार्टी धक्का मारकर निकालेगी या फिर कोई मज़बूरी है? आख़िर राहुल गांधी की टीम में बैठकर थरूर कैसे मोदी का गुणगान कर रहे हैं? ज़रा देखिए! शशि थरूर ने 20 जून को पहली बार सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया था कि पार्टी के मौजूदा नेतृत्व में कुछ लोगों के साथ उनके मतभेद हैं. शशि थरूर ने तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बात करते हुए कहा
कांग्रेस के कुछ नेताओं के साथ मेरे मतभेद हैं. मैं जानता हूं कि आप सबको पता है कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूं, क्योंकि उनमें से कुछ मुद्दे पब्लिक डोमेन में हैं. लेकिन मैं यहां इसके बारे में यहां बात नहीं करूंगा. इस मुद्दे को मैं पार्टी नेतृत्व के साथ उचित मंच पर रखूंगा.”
हालांकि शशि थरूर अकेले नहीं है जो मोदी के करीब है, कांग्रेस में आधा दर्जन नेता ऐसे हैं जो राहुल गांधी का विरोध करते हैं, खुलकर पीएम मोदी की तारीफ करते है, जिसमें सलमान खुर्शीद का नाम भी हो सकता है! जिसमें पी चिदंबरम भी शामिल हो सकते हैं. बीजेपी, बिहार चुनाव तक कोई बड़ा मास्टर स्ट्रोक चलने वाली है. थरूर दक्षिण भारत के बड़े नेताओं में शामिल हैं, केरल में उनकी पकड़ है, कहा ये तक जा रहा हैं कि मोदी ने अपने चौथी बार की सरकार की टीम तैयार भी कर ली है, जिसमें शशि थरूर ही अगले विदेश मंत्री होंगे. फिलहाल एस जयशंकर विदेश मंत्री हैं, लेकिन कुछ लोग कहते हैं कि अगर काबिलयत की बात आएगी तो शशि थरूर, जयशंकर को रिप्लेस कर सकते हैं, केरल की सियासत, देश में राजनीति का जो माहौल है वो साफ इशारा करता है कि अगले कुछ महीने में शशि थरूर मोदी की कैबिनेट में दिखाई दे सकते हैं? क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के बाद जयशंकर के बयान पर जहां कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा था, वहीं शशि थरूर के बयान से खुद कांग्रेस बैकफुट पर आ गई थी. हालांकि ये सियासत हैं यहां कौन कब कैसे पलट जाए इसका अंदाज़ा उनके घर वालों को भी नहीं होता है!