RBI currency policy: आख़िर 6000 करोड़ कहां गायब है? 2 हज़ार के नोट की छपाई बंद है तो इतनी भारी रकम किसने डकार ली है? जो गुलाबी नोट आपकी जेब को भारी करता है, वही गुलाबी नोट सरकार के लिए चुनौती क्यों बन गया है? कौन है वो भ्रष्टाचारी जिसने गुलाबी नोट को दबा लिया? या नदी में फेंक दिया? 6 हज़ार करोड़ जमीन में गाड़ दिए गए या आसमान खा गया?RBI पर सरकार का डंडा है, नोट खोजना पड़ेगा, नहीं तो बताना पड़ेगा आख़िर ये कहां है? 2000 रुपये के नोट की छपाई पिछले दो साल से बंद है! कुछ लोग नरेंद्र मोदी सरकार को कोस रहे हैं कि पहले नोटबंदी की, फिर नोट की छपाई, फिर कहा दो हज़ार के नोट आएंगे, हर कोई अर्थशास्त्री बन गया, लेकिन सच्चाई किसी ने नहीं बताई!
तो सवाल उठता है. ये नोट किसके पास हैं? किस राजनीतिक पार्टी के पास हैं? क्या किसी दल, नेता या कारोबारी ने दबाया है? क्योंकि इतनी संख्या में दो हज़ार के नोट किसी आम इंसान के पास नहीं होंगे? फिर कहां है? सरकार को इसका जवाब चाहिए, लेकिन RBI की चुप्पी क्या इशारा करती है? मोदी सरकार ने दावा किया था कि नक्सलवाद और आतंकवाद को मिटाने के लिए नोटबंदी कारगर होगी, नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है, आतंकवादियों ने नकली नोटों का कारोबार शुरू किया. दो हज़ार का नोट बंद करने के पीछे कई हैरान करने वाली वजह हो सकती हैं!
"सबसे पहले नोटबंदी के दौरान कमी को पूरा करने के लिए नोट की छपाई की गई,"
किसी भी देश में करेंसी को छोटा ही रखा जाता है! क्योंकि एक नोट की कीमत जितनी होगी, उतना ही घोटाला ज़्यादा होगा! RBI बेशक यह कहे कि डिमांड ख़त्म तो सप्लाई ख़त्म, लेकिन सच यह है कि पिछले कई सालों में भ्रष्टाचारियों के घर जब छापा पड़ा, तो 2 हज़ार के नोट ही ज़्यादा ज़ब्त हुए! आतंकवादियों के लिए ये नोट उपयोगी हो रहे थे, इसलिए अचानक बंद करने का फ़ैसला नहीं लिया गया!
RBI की जांच आगे बढ़ेगी, लेकिन कन्फ्यूज़न बहुत ज़्यादा है, आम जनता दो हज़ार का नोट प्रयोग में नहीं पा रही है, जिनके पास एक-दो नोट हैं, उनकी कोई सुन नहीं रहा है! RBI बार-बार 2 हज़ार पर अपना आदेश क्यों बदल रहा है?RBI की नीति 2 हज़ार पर स्पष्ट क्यों नहीं है? क्या इतनी भारी संख्या में नोट कोई हज़म कर गया, या बात कोई और है? द डिबेट में देखिए, ब्रजेश मिश्रा के साथ आख़िर दो हज़ार के गुलाबी नोट कौन हज़म कर गया?