Shubhanshu Shukla Space Mission: अंतरिक्ष में क्या ढूंढने गए हैं शुभांशु शुक्ला? दिया बड़ा संदेश, लखनऊ के लाल ने रच डाला इतिहास

Abhishek Chaturvedi 25 Jun 2025 02:58: PM 2 Mins
Shubhanshu Shukla Space Mission: अंतरिक्ष में क्या ढूंढने गए हैं शुभांशु शुक्ला? दिया बड़ा संदेश, लखनऊ के लाल ने रच डाला इतिहास

  • NDA से पढ़ाई की, इंडियन एयरफोर्स में नौकरी की, कौन हैं शुभांशु शुक्ला जो अंतरिक्ष यात्रा पर गए!
  • मां-पिता भावुक, स्कूल में खास आयोजन, बाकी के 3 अंतरिक्ष यात्री कौन, जो शुभांशु के साथ गए हैं
  • 14 दिन में करेंगे 7 प्रयोग, शुभांशु के सफर पर क्या बोले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा

Shubhanshu Shukla Space Mission: लखनऊ के लाल शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी तो पूरा देश उन्हें सैल्यूट करने लगा, गूगल पर शुभांशु से जुड़े कई सवाल सर्च होने लगे, मां-पिता की भावुक तस्वीरें भी सामने आई, जब उन्होंने देखा उनका लाल कैसे पायलट बनकर तीन और यात्रियों के साथ अंतरिक्ष के सफर पर निकल चुका है, लेकिन सवाल है वो अंतरिक्ष में जाकर क्या-क्या करेंगे, क्या ढूंढकर लाएंगे, जिससे दुनिया को बड़ी उम्मीदें हैं, करीब 600 करोड़ रुपये का बजट इन चार लोगों को अंतरिक्ष भेजने में लगाया गया है, तो इसे समझने से पहले शुभांशु शुक्ला का संदेश सुनिए, जो उन्होंने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरने के बाद दी. शुभांशु ने कहा जय हिंद, जय भारत, मेरे कंधे पर तिरंगा ये बता रहा, आप हमारे साथ हैं.

शुभांशु शुक्ला जिस मिशन का हिस्सा बने हैं, उसका नाम है AX-4 मिशन. जिसका मकसद है अंतरिक्ष में नई टेक्नोलॉजी को टेस्ट करना और रिसर्च करना. अंतरिक्ष में प्राइवेट ट्रैवल को कैसे बढ़ावा दिया जाए, ये भी इस रिसर्च से ही निकलेगा. ताकि वहां कॉमर्शियल स्पेस स्टेशन बनाया जा सके. शुभांशु कुल 14 दिनों तक अंतरिक्ष में रहेंगे, जहां वो 7 तरह के प्रयोग करेंगे. इसमें

माइक्रोग्रेविटी, टेक्नोलॉजी टेस्टिंग और एजुकेशनल एक्टिविटीज यानि अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लोगों को प्रेरित करना और जागरूकता फैलाना शामिल है.

शुभांशु अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बने हैं, इससे पहले राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी, जो शुभांशु को संदेश देते हैं

आंखे खुली रखना, सफर का आनंद लेना, और जब लौटना तो मुझे बताना कि अंतरिक्ष में इन 41 सालों में क्या-क्या बदल गया, मैं बेसब्री से तुम्हारा इंतजार कर रहा हूं.

शुभांशु के साथ जो तीन और साथी हैं. उनमें से एक का नाम है

  • पैगी व्हिट्सन- 65 साल की पैगी अमेरिकी जैव रसायन शोधकर्ता और नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री हैं
  • टिबोर कापू- 34 साल के मैकेनिकल इंजीनियर और अंतरिक्ष यात्री हैं, हंगरी देश के रहने वाले हैं
  • स्लावोज्स उज्नानस्की- इस मिशन के विशेषज्ञ हैं, 1978 के बाद स्पेस जाने वाले पोलैंड के दूसरे यात्री

लेकिन इन सबमें सबसे ज्यादा चर्चा 39 साल के शुभांशु शुक्ला की हो रही है, जिन्होंने एनडीए से पढ़ाई की, फिर भारतीय वायुसेना में साल 2006 में शामिल हुए, कई फाइटर जेट्स उड़ाने का इन्हें अनुभव है. बाद में अंतरिक्ष क्षेत्र में रूचि होने की वजह से अमेरिका और रूस जाकर ट्रेनिंग ली, जहां इन्हें माइक्रोग्रेविटी में काम करना, इमरजेंसी हैंडलिंग और वैज्ञानिक प्रयोग सीखाए गए. जिस इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में ये जा रहे हैं, वहां की जिंदगी सबसे अलग होती है. चूंकि शुभांशु शुक्ला को भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए चुना गया है, इसलिए शुभांशु से सबको बड़ी उम्मीदे हैं. और फिलहाल इन्हें इस सफलता के लिए बधाई तो बनती है.

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