Maharashtra Hindi language controversy: महाराष्ट्र में भाषा का विवाद ऐसा छिड़ा की चिंगारी भोजपुरी तक पहुंच गई? लड़ाई में न सिर्फ एक राज्य है बल्कि पूरा देश कूद पड़ा है. चिंगारी ऐसी फैली की BJP सरकार से लेकर RSS तक का बयान आया, बीजेपी नेता निशिकांत पिटने की बात करते हैं, तो निरहुआ महाराष्ट्र में जाकर मराठी भाषा को चुनौती देने का दावा करते हैं? उधर अवधी बोली का समर्थन करने वाले BJP नेता बृजभूषण शरण सिंह भी इस लड़ाई में कूद पड़े हैं! आख़िर महाराष्ट्र में अचानक हिंदी का विवाद क्यों छिड़ा? और उसकी चिंगारी बिहार चुनाव तक कैसे पहुंची? राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की नई चाल का मतलब क्या है? देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में हिंदी अनिवार्य करने का आदेश दिया, ठाकरे बंधुओं ने विरोध शुरू किया...राज ठाकरे के समर्थकों ने मराठी न बोलने वालों को पिटना शुरू किया. आनन-फानन में फैसला वापस किया...
महात्मा गांधी, सरदार बल्लभ भाई पटेल हो या फिर मोदी-शाह की जोड़ी गुजरात के नेता जब जब केंद्र में रहे हिंदी की पैरोकारी बढ़ी, पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने तो ये तक कह दिया था कि
"भाषा एक नहीं हुई तो भारत के कई राज्य बंट जाएंगे. अंग्रेजी का जितना विस्तार होगा, हिंदी का उतना अपमान होगा, यही बात अब अमित शाह कहते हैं, एक दिन अंग्रेज़ी बोलने में शर्म आएगी, हिंदी पर गर्व है."
हालांकि ये विवाद आज़ादी के बाद से ख़त्म नहीं हो पाया? भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव का दावा है हम हिंदी का विरोध करने वालों को चैलेंज करते हैं कि महाराष्ट्र में आकर हिंदी बोलेंगे, कोई क्या करता है देख लेंगे!
एक बात साफ है बीजेपी अंग्रेज़ी VS हिंदी का मुद्दा बनाना चाहती है लेकिन यहां मराठी VS हिंदी मुद्दा बन गया है? यहां बिहार चुनाव भी है! महाराष्ट्र में बिहार के लाखों लोग रहते हैं, MNS के कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी चर्चा का विषय है? महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था UP बिहार के कंधे पर भी निर्भर करती है लेकिन ये विवाद कुछ बड़ा इशारा करता है! हालांकि मसला विरोध तक ही नहीं बल्कि अपमान तक पहुंच गया है. अपनी भाषा पर गर्व हो सकता है? लेकिन हिंदी भाषा का विरोध क्यों? क्या निरहुआ की ललकार से महाराष्ट्र में होगा बवाल?